रिपोर्ट:गुरदीप सिंह

इटावा -जनपद में कई क्षेत्र फल में बनाई गई लाइन सफारी पार्क में लगातार हो रही मौतों से मचा हड़कंप सफारी प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. शहर के ग्वालियर बाईपास स्थित सफारी पार्क में वन्यजीवों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. हाल ही में एक मादा शावक ने भी दम तोड़ दिया. उसे बिजनौर से रेस्क्यू कर लाया गया था. शावक काफी दिनों से बीमार चल रहा था. शावक करीब पांच महीने का बताया जा रहा है।

बिजनौर से लाए गए थे दो शावक : इटावा लॉयन सफारी पार्क के उपनिदेशक जय प्रकाश सिंह ने बताया कि बीते 16 मई को सामाजिक वानिकी वन प्रभाग बिजनौर से तेंदुए के दो मादा शावकों को रेस्क्यू कर लाया गया था. उस समय दोनों महज 15 दिन के ही थे. सफारी पार्क के नियो नेटल केयर यूनिट में उनकी देखभाल की जा रही थी. एक मादा शावक को 13 सितंबर को डायरिया की शिकायत हुई. उपचार के बाद वह ठीक हो गया. इसके बाद 19 सितंबर को फिर से उसे डायरिया हो गया. , सफारी पार्क के पशु चिकित्सकों ने उसका उपचार किया. शावक ठीक होकर सामान्य आहार ग्रहण करने लगा. 12 अक्टूबर को उसने फिर से खाना-पीना बंद कर दिया।

14 अक्टूबर से ज्यादा बिगड़ गई तबीयत : उपनिदेशक ने बताया कि जांच के बाद पाया गया कि मादा शावक के पेट में गैस बन रही है. उसका उपचार किया जा रहा था. 13 अक्टूबर को उसे रात्रि में एनिमा दिया गया. पेट से काफी मात्रा में मल एवं मूत्र बाहर निकाला गया. 14 अक्टूबर से शावक को न्यूरोलॉजिकल समस्याएं शुरू हो गईं. सफारी पार्क के पशु चिकित्सक उसका उपचार कर रहे थे. वन्यजीव चिकित्सा विषेशज्ञों से संपर्क में रहकर उसका उपचार किया जा रहा था. इस दिन शाम को मादा शावक की मौत हो गई।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उठा चुके हैं सवाल : पार्क तीन महीने में 11 वन्य जीवों की मौत पर पूर्व मुख्यमंत्री व सपा मुखिया अखिलेश यादव कई बार ट्वीट कर चुके हैं. वे सफारी पार्क मामले पर यूपी की योगी सरकार पर निशाना साध चुके हैं. अभी तक इटावा सफारी पार्क में वन्य जीवों की मौत का असल कारण किसी को भी समझ नहीं आ रहा है. इटावा सफारी पार्क जिले समेत पूरे प्रदेश आकर्षण का केंद्र है, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते यहां वन्य जीव अपनी जान गंवा रहे हैं. उपनिदेशक ने बताया कि डायरिया होने के मादा शावक तबियत बिगड़ गई जिस कारण इसकी मृत्यु हो गई. शावक पांच महीने का था।

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