सुझाव पत्र
विषय:-1. नमाज की बढ़ती समस्या को देखते हुए जुमे की नमाज को ईदगाह की मस्जिद में अदा कराने को फतवा जारी कराने के सम्बन्ध में
2. मौलाना मौज़्जिन की समस्या को देखते हुए प्रत्येक ईदगाह की मस्जिद में मौलाना व मौज्जिन नियुक्ति कराने के संबंध में
महोदय,
भारत की प्रतिष्ठित संस्था बहुआयामी शिक्षा तकनीकी एम अनुसंधान ऑर्गनाइजेशन के पदाधिकारियों के द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार यह जानकारी निकल कर आ रही है कि जिस तरीके से मुसलमानों की जनसंख्या दिन पर दिन तेजी के साथ बढ़ती जा रही है उसके अनुपात के अनुसार मस्जिदों की संख्या लगातार घटती जा रही है ऐसे में आए दिन जुमा की नमाज को लेकर नमाजी सार्वजनिक स्थलों रोडो सड़कों पर नमाज़ अदा करते दिखाई देते हैं ऐसे में समाज में अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जिसको लेकर समाज में तनाव व अराजकता का माहौल बढ़ता जा रहा है जिसका हाल ही में उदाहरण गुरुग्राम व नोएडा देखने को मिला भारत सरकार सुप्रीम कोर्ट 1994 एक्ट के अधीन सार्वजनिक खुले स्थल पर नमाज अदा की जा सकती है जिसके लिए बंद मस्जिद की आवश्यकता नहीं अब प्रश्न जुम्मा की नमाज को लेकर है जिसके लिए फतवा जारी कराने की आवश्यकता है
जुमे की नमाज की समस्या को देखते हुए नमाज अदा कराने को लेकर प्रत्येक ईदगाह की मस्जिद में जामा मस्जिद शहर कमेटी की ओर से न्यूनतम शुल्क पर मौलाना व मौज्जिन की नियुक्ति सुनिश्चित कराते हुए।
ऐसे में इस्लामी तालीम व शरीयत के अनुसार भाईचारा बढ़ाने के लिए प्रत्येक शहर के नुक्कड़ों रोड के किनारे बनी ईदगाह की मस्जिद जिसका क्षेत्रफल बंदमस्जिद की तुलना में कई गुना अधिक है जिसमें मस्जिद की तुलना में कई गुना अधिक नमाजी नमाज अदा कर सकते हैं लेकिन अफसोस की बात यह है कि इस्लामिक संगठन ऐसी मस्जिदों का प्रयोग साल में केवल 2 बार ईद व बकरीद में ही करते हैं ऐसे में पूरे वर्ष ईदगाह की मस्जिदों में घास फूस कूड़ा व गंदगी का माहौल दिखाई देता है जिसकी सफाई साल में सिर्फ एक बार रमजान के महीने में ही दिखाईं देती है।अतः संस्था के माध्यम से सुझाव प्रेषित किया जा रहा है कि इस्लामी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राह चलते राहगीरों, कॉलेज के छात्रों की समस्याओं को देखते हुए प्रत्येक शहर की ईदगाह की मस्जिद में जुमा की नमाज़ अदा कराने के साथ-साथ में राहगीरों को किसी भी वक्त ईदगाह की मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमति दी जाए। ताकि समाज में एक सकारात्मक माहौल इस्लामी तालीम शिक्षा के प्रति कायम किया जा सके ऐसा करने पर ईदगाह की मस्जिद पर गंदगी को लेकर लगे प्रश्न चिह्न को भी हटाया जा सकेगा।