रिपोर्ट:रोहित सेठ

माननीय राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला अपराध निरोधक समिति वाराणसी के द्वारा संगोष्ठी एवं चित्र प्रदर्शनी का आयोजन जिला कार्यालय अपराध निरोधक समिति वाराणसी, राणाजी मूवमेंट सभागार अस्सी में हुआ। इस संगोष्ठी का मूल विषय कार्य स्थल पर महिला यौन उत्पीड़न से रोकथाम था ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्मश्री प्रोफेसर राजेश्वर आचार्य प्रभावरंग जी ने किया जो संगीत नाटक अकादमी उत्तरप्रदेश के पूर्वअध्यक्ष भी रहे हैं। मुख्य अतिथि के तौर पर माननीय विजय कुमार विश्वकर्मा जी सचिव अपर जिला जज, विधिक सेवा प्राधिकरण वाराणसी ने इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया । इस कार्यक्रम की विशिष्ट आतिथि के रूप में ममता रानी, अपर पुलिस आयुक्त महिला अपराध, कमिशनरेट वाराणसी, डॉ अतुल अंजान त्रिपाठी, सहायक पुलिस आयुक्त भेलूपुर कमिश्नरेट वाराणसी उत्तर प्रदेश अपराध निरोधक समिति लखनऊ के अध्यक्ष श्री कमलेश श्रीवास्तव जी तथा प्रांतीय सचिव श्री संतोष कुमार श्रीवास्तव जी रहे।

संगोष्ठी में मंच संचालन सोज सांस्कृतिक संस्था की संयोजिका सुश्री हर्षिता पाठक ने किया। भेलूपुर थाना की सब इंस्पेक्टर निहारिका साहू तथा अस्सी चौकी प्रभारी श्री वरुण शाही ने संगोष्ठी में अपने विचारों को प्रस्तुत किया। संगोष्ठी में शशि श्रीवास्तव, श्रीमती शालिनी पांडेय (एस आई आर), साधना यादव, आशा सिंह, सुनंदा सिंह, भार्गवी तिवारी, सुनीता, द्रौपदी ,सरिता, एवं दिलीप कुमार पांडेय आदि ने नारी सशक्तिकरण के लिए आवश्यक विभिन्न बिंदुओं को समाज से अवगत कराया।

इस संगोष्टी में समाज के विभिन्न विषयों के अकादमिक जगत की विभूतियों ने भी अपनी सहभागिता दी। संयोजक श्री राणा शेरू सिंह ने बताया कि चित्रकला प्रदर्शनी में शामिल 20 कला विद्यार्थियों के चित्र शामिल हुए जिसमे रेणु पटेल, शना तबस्सुम के चित्र प्रसंशनीय रहे।

जिला अपराध निरोधक समिति वाराणसी के महानगर सचिव श्री गंगा सहाय पांडे, जिला सचिव एवं जेल पर्यवेक्षक श्री राजेश कुमार सिंह तथा समाजसेवी डॉ0 दशरथ पवार और श्री राजेश्वर सिंह राणा ने अतिथियों का स्वागत किया।
कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न से रोकथाम विषयक संगोष्ठी के साथ चित्र प्रदर्शनी के आयोजन सहयोग कृतिका फाउंडेशन एवं आर्ट गैलरी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर ललित ललित कला और संगीत कला के अनेक विद्यार्थी उपस्थित होकर संगोष्ठी के वक्ताओं के विचारों को सुनकर प्रेरणा ग्रहण किया।

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