जनपद में सूखा एवं बाढ़ आपदा से बचाव एवं पूर्व तैयारी के संबंध में संबंधित विभागीय अधिकारी के साथ अटल बिहारी बाजपेयी सभागार में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व संतोष कुमार वैश्य की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। उन्होंने विभाग के अधिकारियों द्वारा सूखा एवं बाढ़ आपदा से जनहानि, पशु हानि एवं फसल क्षति से बचाव किये जाने हेतु विस्तृत चर्चा की। उन्होंने निर्देश दिए कि संबंधित समस्त विभागीय अधिकारी सम्भावित सूखा एवं बाढ़ आपदा से निपटने के लिए एक सप्ताह में अपने विभाग की कार्य योजना कार्यालय में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
एडीएम ने सूखा से निपटने के संबंध में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि पेयजल के सभी स्रोतों, संसाधनों की उचित मरम्मत एवं पूर्ण उपयोग हेतु तैयार करना है। खराब नलकूपों को समय से मरम्मत सुनिश्चित की जाए। पेयजल के कुओं को आवश्यकतानुसार गहरा कराया जाए। पशुओं के पेयजल संकट के निवारण हेतु सिचाई विभाग के नलकूपों, निजी नलकूपों के माध्यम से तालाब, पोखर भरवाने की व्यवस्था सुनिश्चित हो। खेतिहर मजदूरों एवं अन्य जरूरतमन्द लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। खराब ट्रान्सफार्मर निर्धारित अवधि में बदलने की व्यवस्था सुनिश्चित हो। रोस्टर के अनुसार निर्धारित समय में निर्वाध विद्युत आपूर्ति हेतु व्यवस्था सुनिश्चित कराना हैं।
सिंचाई के सभी संसाधनों सरकारी नलकूपों को चालू स्थिति में रखना है। मनुष्यों को लू संक्रामक रोगों एवं महामारियों से बचाने के लिए आवश्यक निशेधात्मक व्यवस्था एवं सघन चिकित्सीय व्यवस्था कराना है। महामारियों से नियन्त्रण हेतु वांछित दवाओं को चिन्हांकन करके समुचित स्टाक की व्यवस्था रहे। पशुओं के चारे के अभाव की स्थिति से निपटने हेतु कार्ययोजना तैयार करें। पशु चिकित्सालयों में पशुओं के उपचार के संसाधन एवं दवाओं की समुचित व्यवस्था कराना है। महामारी के नियन्त्रण हेतु दवाओं का चिन्हांकन करके समुचित स्टाक की व्यवस्था रहे। आकस्मिकता हेतु आवश्यक खाद्यान एवं उपभोक्ता वस्तुओं की व्यवस्था की योजना बनाई जाए। कुपोषण की स्थिति से निपटने हेतु कार्य योजना बनाएं। मृदा में नमी संरक्षण के उपायों का प्रचार प्रसार करना है। वैकल्पिक फसलों के साथ खाद्य एवं बीज के प्रबन्ध की व्यवस्था करना है। अग्निकांड से होने वाली घटनाओं को रोकने तथा आग बुझाने एवं अन्य राहत प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में निर्देश दिए।
उन्होंने बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ चौकी एवं बाढ़ राहत केन्द्रों की स्थापना तथा स्टाफ की तैनाती कर लें। बांधों की सुरक्षा नियमित होती रहे। बाढ़ राहत कार्यों हेतु नावों, मोटर वोटों की व्यवस्था एवं एग्रीमेन्ट कर लिया जाए। नालों की सफाई हो। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का सर्वेक्षण पहले से कर लिया जाए। बाढ़ प्रभावित गांवों को अन्यत्र बसाया जाना है तो कार्य योजना बनाली जाए। जल प्लावन रोकने की व्यवस्था रहे। बाढ़ के दौरान पेयजल की व्यवस्था करना है। चिकित्सा सुविधा (मानव) चिकित्सा सुविधा (पशु) बाढ़ राहत आदि संबंधित समस्त कार्यों की तैयारी समय से कर ली जाए।
✍️ ब्यूरो रिपोर्ट आलोक मालपाणी बदायूं