फैशन डिजाइन सांस्कृतिक और सामाजिक व्यवहार से होते हैं प्रभावित- प्रो. ए.के. त्यागी।
रोहित सेठ
ललित कला विभाग, काशी विद्यापीठ में कुलपति ने वार्षिक फैशन शो का किया उद्घाटन।
वाराणसी। ललित कला विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में संचालित पीजी डिप्लोमा इन फैशन डिजाइनिंग द्वारा आयोजित “दृश्यानुभूति” वार्षिक फैशन शो का उद्घाटन कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने सोमवार को किया। उन्होंने कहा कि फैशन डिजाइन कपड़ों पर डिजाइन और सौंदर्य को साकार करने की कला है। फैशन डिजाइन सांस्कृतिक और सामाजिक व्यवहार से प्रभावित होते हैं और समय एवं जगह के साथ बदलते रहते हैं।
विभाग के सभागार में आयोजित फैशन शो के अंतर्गत लोक कला, छपाई कला, ब्लॉक प्रिंट, भारतीय एवं पश्चात शादी ड्रेस विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा तैयार डिजाइन की गई। शो के पहले राउंड में वाराणसी शहर की प्रसिद्ध बनारसी साड़ी डिजाइन प्रस्तुत किया गया। इस सारी को विभाग के पूर्व छात्र अब्दुल कुददूस ने डिजाइन किया।
दूसरा पर राउंड लोक कला डिजाइन पर आधारित रहा, जिसके तहत मधुबनी, अप्पन एवं वर्ली पेंटिंग डिजाइन छात्र-छात्राओं द्वारा तैयार किया गया। तीसरे राउंड की प्रस्तुति स्टैंसिल प्रिंट पर आधारित रहा। चौथा राउंड कैजुअल ब्लॉक प्रिंट पर आधारित रहा। पांचवा राउंड वेस्टर्न परिधान पर आधारित रहा, जिसमें सूट एवं सारी तथा आधुनिक ड्रेस की डिजाइन प्रस्तुत की गयी। छठे राउंड में ग्राउंड ड्रेपिंग इसके तहत राजकुमारी के ड्रेस पर आधारित गाउन ड्रेस प्रस्तुत की गयी।
इन परिधानों को विभाग की शिक्षिका एस. एजेला के नेतृत्व में विभाग के उजाला, सोनी, प्रीति, हर्षिका, सृष्टि, करिश्मा, रवीना, सबिया, ज्योति, शिवानी, सोनाली, निधि एवं सुहानी ने तैयार किया। फैशन शो का कोरियोग्राफ विभाग के पूर्व छात्र लव पांडे ने किया। स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार विश्वकर्मा, संचालन मेधा धारा व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शत्रुघ्न प्रसाद ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. सुनीता पाण्डेय, कुलानुशासक प्रो. अमिता सिंह, उपकुलसचिव हरिश चंद, डॉ. सलेहा आब्दी, डॉ. जसविंदर कौर, डॉ. कविता आर्य, अब्दुल क़ुद्दूस आदि लोग उपस्थित रहे।