श्री काशी विश्वनाथ धाम में संपन्न हुआ भव्य दिव्य श्री नंदीश्वर उत्सव ।

रोहित सेठ

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे चक्रतुण्डाय धीमहि।
तन्नो नन्दिः प्रचोदयात्।
स्रोत संदर्भ:– कृ॰ तै॰उपनिषद्

नंदीश्वर पूजा का महत्व हमारे वेदों और शास्त्रों में बहुत ही विशेष बताया गया है। हम जो भी प्रार्थना भगवान से करते है वो नंदीश्वर जी ही भगवान तक पहुंचाते है इसलिए नंदी भगवान का पंचामृत से रुद्र सूक्त के द्वारा अभिषेक और पूजा करके नंदी भगवान को प्रसन्न किया जाता है। नंदी आराधना से भक्त का मन स्थिर रहता है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। मान्यता है कि प्रदोष काल में प्रथम पूजन नंदी भगवान का करना चाहिए, इस से भगवान शिव भी प्रसन्न होते है।

ऋषि शिलाद के पुत्र ही नंदी कहलाए जो भगवान शिव के परम भक्त, गणों में सर्वोत्तम और महादेव के वाहन बने। भगवान शिव ने नंदी की भक्ति से प्रसन्न हो कर प्रत्येक शिव मंदिर में नंदी की प्रतिमा होने का वरदान भी दिया था। यही कारण है कि बिना नंदी के दर्शन और उनकी पूजा किए भगवान शिव की पूजा अपूर्ण मानी जाती है।
ऐसी मान्यता है कि जब नंदी जी को शिवलिंग के समक्ष स्थापित होने का वरदान मिला तो वह तुरंत भगवान शिव के सामने बैठ गए। तब से ही प्रत्येक शिव मंदिर के सम्मुख नंदी जी की प्रतिमा देखने को मिलती है ।
इन्हीं शास्त्रीय संदर्भों से धर्मसम्मत आराधना परंपरा के अनुपालन में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में नंदी जी की प्रत्येक प्रदोष तिथि पर एकादश अर्चकों द्वारा विधिपूर्वक आराधना संपन्न की जाती है। श्री काशी विश्वनाथ धाम में नित नवीन सनातन नवाचारों की श्रृंखला में आज प्रदोष तिथि 05 मई 2024 को एकादश आचार्यों द्वारा संपादित आराधना वृहद स्तर पर महादेव के श्रद्धालुओं की व्यापक सहभागिता के साथ समारोहपूर्वक आयोजित की गई। आज के आयोजन में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के न्यसी आदरणीय श्री वेंकट रमण घनपाठी जी ने प्रधान आचार्य अर्चक एवं श्री काशी विश्वनाथ धाम में नियुक्त अधिकारी श्री शंभू शरण जी ने यजमान के रूप में प्रथम “श्री नंदीश्वर उत्सव” समारोह के याजक की भूमिका का निर्वाह करने का पुण्य लाभ प्राप्त किया। पूर्व से ही प्रदोष तिथि पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भजन संध्या शिवार्चनम का निरंतर आयोजन प्रत्येक प्रदोष तिथि पर किया जा रहा है। आज भव्य नंदी आराधना के साथ मंदिर परिसर से सनातन उत्सव प्रारंभ कर समारोहपूर्वक शिवार्चनम का विराट आयोजन पुण्य प्रदोष तिथि पर प्रारंभ किया गया। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने सभी शिवभक्तों को इस विराट उत्सव का साक्षी एवं सहभागी होने के लिए ससम्मान आमंत्रित किया। बड़ी संख्या में श्रद्धालु उत्सव में सम्मिलित हुए। आज से प्रत्येक प्रदोष तिथि पर “श्री नंदीश्वर उत्सव” विराट स्वरूप में निरंतर आयोजित किया जायेगा। शरद ऋतु में विद्वान आचार्यों द्वारा मुहूर्त निर्धारित करवा कर महाशिवरात्रि के समान समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा “श्री नंदीश्वर महोत्सव” का आयोजन किया जाएगा। महोत्सव के आयोजन पर काशी में विभिन्न स्थलों पर अवस्थित नंदीश्वर प्रतिमाओं को भी धाम द्वारा सुसज्जित किया जाएगा तथा गौवंश संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए जनसहभागिता हेतु भी अभियान चलाए जाएंगे। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास सनातन आस्था के भावनात्मक पक्ष गौ वंश संरक्षण हेतु भी पूर्ण संवेदनशीलता से कृत्संकल्प है। महाशिवरात्रि से पूर्व “श्री नंदीश्वर उत्सव” की नवीन संकल्पना को स्थापित कर मंदिर न्यास श्री नंदीश्वर को जागृत करने का सनातन नवाचार प्रारंभ कर रहा है। इस नवाचार से जागृत श्री नंदीश्वर की कृपा प्राप्त कर महाशिवरात्रि पर महादेव की आराधना के पर्व को और भी भव्य एवं जागृत उत्सव के रूप में साकार करने में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास समस्त सनातन जन से सहभागिता का आह्वान करता है।
।।श्री काशीविश्वनाथो विजयतेतराम।।

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