साकार और निराकार ब्रह्म क्या हैं? पंडित राजेश अग्निहोत्री भागवताचार्य।

रोहित सेठ

मथुरा वृन्दावन रोड जयसिंहपुरा स्थित गायत्री तपोभूमि के सामने सेठ नारायण दास धर्मशाला में विराजमान ठाकुर गोपाल जी महाराज जी के प्रांगण चल रही शिवपुराण कथा के दूसरे दिन कथावाचक पंडित राजेश अग्निहोत्री महाराज जी ने निराकार और साकार ब्रह्म का उदाहरण देकर समझाया। लिंग पूजन, लिंग की लम्बाई क्या होनी चाहिए? शिव पर चढ़ा हुआ प्रसाद खाया जा सकता है या नहीं, रुद्राक्ष की उत्पत्ति, रुद्राक्ष के प्रकार आदि प्रसंग श्रवण कराते हुए दान का महत्व बताया।दान क्यों करना चाहिए? दान कितना करना चाहिए? दान कब करना चाहिए? दान कैसे करना चाहिए ? ये सब उदाहरण देकर श्रोताओं को समझाने का प्रयास किया। महाराज जी ने यह भी बताया कि किस कामना के लिए किस देवता की पूजा करना चाहिए। कृष्णा अग्निहोत्री और मुकेश शर्मा ने सुन्दर भजन सुनाकर भक्तों को नृत्य करने को बाध्य कर दिया।आज की आरती आदि भक्तों के द्वारा की गई।

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