योग व्यक्ति के शरीर, मन,भावना और उर्जा के स्तर पर काम करता है-कुलपति प्रो.बिहारी लाल शर्मा॥

रोहित सेठ

वाराणसी योग व्यक्ति के शरीर, मन, भावना और ऊर्जा के स्तर पर काम करता है। इसने योग के चार व्यापक वर्गीकरणों को जन्म दिया है: कर्म योग, जहां हम शरीर का, भक्ति योग, जहाँ हम भावनाओं का, ज्ञान योग, जहां हम मन और बुद्धि का और क्रिया योग, जहां हम ऊर्जा का उपयोग करते हैं।
उक्त विचार कुलपति प्रो.बिहारी लाल शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के पूर्व सप्ताहव्यापी योग शिविर के दूसरे दिन अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 जो महिलाओ को योग के माध्यम से और सशक्त एवं आत्म निर्भर बनाने के लिए प्रेरित करती हैं।
नवीन योग प्रशिक्षण केंद्र के केंद्राध्यक्ष एवं समन्वयक प्रो. राघवेंद्र जी दुबे ने योग के महत्व को बताते हुए कहा कि ‘योग’ शब्द ‘युज समाधौ’ आत्मनेपदी दिवादिगणीय धातु में ‘घं’ प्रत्यय लगाने से निष्पन्न होता है। इस प्रकार ‘योग’ शब्द का अर्थ हुआ- समाधि अर्थात् चित्त वृत्तियों का निरोध। वैसे ‘योग’ शब्द ‘युजिर योग’ तथा ‘युज संयमने’ धातु से भी निष्पन्न होता है किन्तु तब इस स्थिति में योग शब्द का अर्थ क्रमशः योगफल, जोड़ तथा नियमन होगा।योग अभ्यास के लाभों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाना।अच्छे स्वास्थ्य के लिए जीवनशैली के पैटर्न और विकल्पों को अपनाने को बढ़ावा देना।
प्रशिक्षक डॉ. राजकुमार मिश्र ने बताया कि शारीरिक निष्क्रियता को कम करना, जो विश्वभर में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है तथा हृदय संबंधी बीमारियों, कैंसर और मधुमेह जैसी गैर-संचारी बीमारियों के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है।
सम्पूर्ण योग एवं प्राणायाम का प्रयोगात्मक संचालन योगी डॉ राजकुमार मिश्र ने किया।
उक्त अवसर पर विश्वविद्यालय परिवार के साथ योग के आराधक बाहर से भी जुड़कर अभ्यास किये।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *