जनपद में ‘डायरिया रोको अभियान’ का हुआ शुभारंभ, दो माह तक चलेगा।

रोहित सेठ

समस्त सरकारी चिकित्सालयों व स्वास्थ्य केन्द्रों में बनाया गया ‘ओआरएस कॉर्नर।

पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में दस्त प्रबंधन, उपचार और जागरूकता पर होगा ज़ोर।
आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर बताएँगी ओ0आर0एस0 घोल बनाने की विधि व फायदे।

  वाराणसी। बारिश के मौसम में बच्चों को डायरिया (दस्त) से बचाने के लिए जनपद में सोमवार से ‘डायरिया रोको अभियान’ की शुरुआत की गई। कबीरचौरा स्थित एसएसपीजी मंडलीय जिला चिकित्सालय में स्थापित किए गए ‘ओआरएस कॉर्नर’ का शुभारंभ विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी और जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने किया। यह अभियान, विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अंतर्गत पूरे जुलाई और अगस्त माह तक संचालित किया जाएगा।    
विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी ने कहा कि बारिश के मौसम में बच्चों को दस्त होने की संभावनाएं बढ़ने लगती हैं। शरीर में पानी की कमी होने से बच्चे बीमार होने लगते हैं। इसी को देखते हुए पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में डायरिया के दौरान ओ0आर0एस0 और ज़िंक के उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने तथा इसके प्रबंधन, उपचार व परामर्श के लिए एक जुलाई से ‘डायरिया रोको अभियान’ अभियान शुरू किया गया है। इस दौरान आशा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगी। उन्होंने अपील की है कि यदि पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में दस्त के लक्षण दिखें तो तुरंत अपने नजदीकी चिकित्सालय या स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर चिकित्सक से संपर्क करें।
सीएमओ ने बताया कि इस बार अभियान की थीम ‘डायरिया की रोकथाम, सफाई और ओ0आर0एस0 से रखें अपना ध्यान’ निर्धारित की गई है। अभियान में पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में दस्त प्रबंधन, उपचार और परामर्श पर ज़ोर दिया जाएगा। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर दस्त से ग्रसित बच्चों के परिजनों को ओ0आर0एस0 घोल बनाने की विधि सिखाएंगी। साथ ही इसके और ज़िंक के उपयोग के फायदे के साथ ही साथ साफ-सफाई स्वच्छता के बारे में भी जानकारी देंगी। डायरिया होने पर ओ0आर0एस0 और ज़िंक के उपयोग से बच्चों में तेजी से सुधार होता है। सभी चिकित्सालयों, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और आयुष्मान आरोग्य केन्द्रों पर ओआरएस कॉर्नर स्थापित किए जा रहे हैं। अभियान को सफल बनाने के लिए आईसीडीएस, शहरी विकास, ग्रामीण विकास, शिक्षा एवं मिशन जल शक्ति व नमामि गंगे से भी सहयोग लिया जाएगा। ऐसे बच्चे जो दस्त से ग्रसित हैं, कुपोषित हैं, कम वजन के हैं, पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा अतिसंवेदनशील क्षेत्र जैसे शहरी मलिन बस्ती, दूर दराज के क्षेत्र, खानाबदोस, निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार, ईंट भट्टे आदि पर रहने वाले परिवार पर ध्यान दिया जाएगा।
इस मौके पर एसआईसी डॉ एसपी सिंह, नोडल अधिकारी व डिप्टी सीएमओ डॉ एचसी मौर्य, एसीएमओ डॉ एसएस कनौजिया, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी हरिवंश यादव, यूनिसेफ से डीएमसी डॉ शाहिद समेत चिकित्सालय के अधीक्षक, चिकित्सक, स्टाफ नर्स एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।

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