श्रीराम कथा – षष्ठ दिवस
क्रोध को जीतने के लिए प्रेम की आवश्यकता- बालव्यास॥
रोहित सेठ
वाराणसी, 27 जुलाई। प्रख्यात कथा मर्मज्ञ पं. श्रीकांत शर्मा ‘बालव्यास’ ने कहा कि राम करुणा के सागर है। शिव के धनुष को भंग करने के बाद उन्होंने परशुराम के अहंकार को भी तोड़ा और उनके क्रोध को भी अपने सहृदयता से समाप्त कर दिया। प्रभु श्रीराम का यही संदेश है कि क्रोध को जीतने के लिए प्रेम की ही आवश्यकता है, सम्पूर्ण जीवन का सार शांति ही है जो प्रेम भाव से ही संभव है। महमूरगंज स्थित शुभम लॉन में श्रीकाशी सत्संग सेवा समिति के तत्वावधान में गोलोकवासी परमेश्वर लाल धानुका की पावन स्मृति में चल रही दस दिवसीय श्रीराम कथा के छठें दिन शनिवार को कथा रसपान कराते हुए बालव्यास श्रीकांत शर्मा ने कहा कि जो भी रामचरित मानस की कथा सुनते है प्रभु उनकी व्यथा को स्वयं सुनते है।
उन्होंने कहा कि प्रभु अत्यंत विशाल हृदय वाले है, उन्हें ना अयोध्या का राजपाठ बहुत सुख दे सकता है और ना ही वनबास दुःख दे सका। बालव्यास ने कहा कि मंथरा सिर्फ एक पात्र नही है बल्कि वह एक चरित्र है। जो दूसरों के सुख से दुखी हो, दूसरे की संपत्ति देख जले वही मंथरा है, हमें अपने जीवन की मंथरा से सचेत रहने की आवश्यकता है। मंथरा चरित्र ने अयोध्या, किष्किंधा और लंका जैसे तीन राज्य बरबाद कर दिए। केवट प्रसंग का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि जो जितना भोले स्वभाव का होता है, भगवान उसके उतने ही निकट रहते है, वही चालक लोगो से प्रभु भी दूरी बनाकर रखते है।
धानुका परिवार ने किया व्यासपीठ का पूजन- कथा के शुभारंभ पर सर्वप्रथम प्रभु श्रीराम की दिव्य प्रतिमा का पूजन किया गया, तत्पश्चात यजमान धानुका परिवार द्वारा व्यासपीठ का साविधि पूजन किया गया। दुर्गा देवी धानुका, गणपत राय धानुका, किरण धानुका, गौरीशंकर धानुका, वर्षा धानुका, अंकित धानुका, श्रेया धानुका, वंशिका, विदुषी धानुका आदि ने पूजन किया। आरती मे मुख्य रूप से प्रदेश सरकार के स्टाम्प एवं पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल, कोलकाता उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता राजदीप मजूमदार, राकेश भावसिंहका कानपुर, अश्विनी केशरी, सुमन सिंह, चंचला सिंह, मुंबई से अभिषेक अग्रवाल, रश्मि अग्रवाल, महक अग्रवाल, शशि धानुका, कोलकाता से महेश धानुका, प्रदीप धानुका, ऋषि राज धानुका, खुशबू धानुका, ओमप्रकाश नेवतिया, किरण नेवतिया, किरण नेवतिया, कृष्ण गोपाल अग्रवाल, बेला अग्रवाल, प्रियंका शाह, प्रियंका शाह, दिल्ली से निखिल मंगला एवं नेहा मंगला शामिल हुए। संचालन महेश चौधरी ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से अवधेश खेमका सुरेश तुलस्यान मनीष गिनोदिया कृष्ण कुमार काबरा आदि उपस्थित रहे।