लखनऊ:उत्तर प्रदेश आरक्षी नागरिक पुलिस के 60,244 पदों पर भर्ती के लिए हुई लिखित परीक्षा में अभ्यर्थियों की 70 आपत्तियां सही पाई गई हैं। इनमें त्रुटिपूर्ण विकल्प होने की वजह से 25 प्रश्नों को निरस्त किए जाने का निर्णय किया गया है। उप्र पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार 29 प्रश्न ऐसे थे, जिनके एक से अधिक विकल्प सही थे। इन सभी प्रश्नों में अभ्यर्थी द्वारा चुने गए किसी भी सही विकल्प के निर्धारित अंक प्रदान किए जाने का निर्णय किया गया है। वहीं 16 प्रश्नों के उत्तर विकल्पों में परिवर्तन किया गया है।

🔵 नौ नवंबर तक उत्तरकुंजी देख सकेंगे, अब किसी आपत्ति पर सुनवाई नहीं

🔵अभ्यर्थियों की कुल 70 आपत्तियों का निस्तारण करेगा भर्ती बोर्ड

🔵 29 प्रश्नों के कोई भी सही विकल्प भरने वालों को मिलेंगे पूरे अंक

🔵 16 अंकों के विकल्पों में भर्ती बोर्ड ने किया परिवर्तन

भर्ती बोर्ड ने अंतिम उत्तर कुंजी जारी कर दी है, जिसमें पांच दिनों में दो-दो पालियों में सिपाही भर्ती की परीक्षा हुई थी। हर पाली में एक पेपर आया, जिसमें 150 बहुविकल्पी प्रश्न पूछे गए थे। इस तरह कुल 1500 प्रश्नों में से 25 प्रश्न गलत थे। 29 प्रश्नों के कई विकल्प सही थे और 16 के विकल्पों में परिवर्तन किया गया।

भर्ती बोर्ड जल्द कट आफ अंक जारी करने की तैयारी कर रहा है। इससे पूर्व अंतिम उत्तर कुंजी जारी कर दी गई है। सभी अभ्यर्थी नौ नवंबर तक भर्ती बोर्ड की वेबसाइट पर अंतिम उत्तर कुंजी देख सकते हैं। भर्ती बोर्ड के अनुसार यह अंतिम उत्तर कुंजी है और इसके बाद प्रश्नों व उनके उत्तर विकल्पों तथा उत्तर कुंजी पर किसी भी प्रकार की कोई आपत्ति स्वीकार नहीं की जाएगी। न ही उस पर कोई विचार होगा। उप्र पुलिस में अब तक की सबसे बड़ी सिपाही भर्ती के लिए 23, 24, 25, 30 व 31 अगस्त को 10 अलग अलग पालियों में लिखित परीक्षा संपन्न हुई थी। भर्ती बोर्ड ने 11 से 19 नवंबर तक अपनी वेबसाइट पर प्रश्न पत्र व उत्तर कुंजी प्रदर्शित कर अभ्यर्थियों से आपत्तियां मांगी थीं।

भर्ती बोर्ड के अनुसार कुल 70 प्रश्नों से जुड़ी आपत्तियां सही पाई गईं। जिन 25 प्रश्नों/उत्तर विकल्पों को त्रुटिपूर्ण होने के कारण निरस्त किया गया है, अभ्यर्थियों को उन प्रश्नों के लिए आवंटित अंकों का वितरण हाई कोर्ट द्वारा स्वीकृत व्यवस्था के अनुरूप किया जाएगा। सिपाही भर्ती परीक्षा पहले 18 व 19 फरवरी को चार पालियों में हुई थी। पेपर लीक होने के कारण भर्ती परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरी शुचिता व पारदर्शिता के साथ दोबारा परीक्षा कराने का निर्देश दिया था। भर्ती बोर्ड ने कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच पांच दिनों में भर्ती परीक्षा पूरी कराई थी। सुरक्षा कारणों से ही परीक्षा पांच दिनों में अलग-अलग दस पालियों में संपन्न कराई गई थी। नकल माफिया व साल्वर गिरोह पर शिकंजा कसने के लिए राज्य सरकार ने नया कानून भी लागू किया है।

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