प्राचीन दशाश्वमेध घाट पर झिलमिल दीपों की पुण्यसलिला देखने उतर आया देवलोक।

रोहित सेठ

गंगोत्री सेवा समिति ने गंगा महा आरती से दिया देव दीपावली की भव्यता का संदेश।

पुलिस, पीएसी और सशस्त्र बल के वीर जवानों को समर्पित रही देव दीपावली।

वाराणसी जिन देवों के नाम पर देव दीपावली, वे देवता भी विस्मित हुए होंगे गंगोत्री सेवा समिति द्वारा की गई गंगा की महा आरती का नयनाभिराम दृश्य देख कर। प्राचीन दशाश्वमेध घाट पर जान्हवी के आंचल में सजे असंख्य सितारे पृथ्वी लोक के नागरिकों के साथ ही स्वर्ग लोक के देवताओं को भी आकर्षित कर रहे थे । कार्तिक पूर्णिमा पर जैसे झिलमिल सितारों का आकाश उतर आया था गंगा के तट पर। उत्तर वाहिनी गंगा और घाटों की अर्धचंद्रिका शुक्रवार को अपने मनोहरतम रूप में थी। गंगा तटों की शोभा का कहना ही क्या। जगमगाते असंख्य दीप और पानी में चमकता दीपों का प्रतिबिम्ब। दूर तक लगे स्तम्भ और उन पर शोभित पुष्पहार और पुष्पों की ही छतरियां। आरती करते ओजस्वी वेदपाठी बटुक और उनके साथ खड़ीं रिद्धि सिद्धि की प्रतीक तरुणियां। कर्तव्य की वेदी पर सर्वोच्च बलिदान दे चुके पुलिस, पीएसी और सशस्त्र बल के शहीदों को विनम्र श्रद्धा सुमन। पानी में तैरते शिव लिंग, शास्त्रीय संगीत की स्निग्ध लहरियां और चप्पुओं के मंद स्वर यह आकर्षक नजारा था गंगोत्री सेवा समिति प्राचीन दशाश्वमेध के पौराणिक स्थल का । देवताओं के स्वागत में ब्राम्हणों के श्लोक के साथ ” हर हर महादेव‘- हर-हर गंगे ” के महाजाप की चहुंओर गूंज के साथ वर्षो से चल रही परम्परा के अनुसार दशाश्वमेध घाट पर नियमित आरती करने वाली संस्था गंगोत्री सेवा समिति के तत्वावधान में गंगा महारानी का पूजन-स्तवन संग दुग्धाभिषेक हुआ । तट पर सिंहासनारूढ़ गंगा महारानी की श्रृंगारिक प्रतिमा और उनकी अलौकिक आरती की निराली छवि निहारने को श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा था । धार्मिंक अनुष्ठान का श्रीगणेश मंगलाचरण से हुआ। इसके पश्चात समिति के संस्थापक अध्यक्ष किशोरी रमण दूबे (बाबू महाराज) के संयोजन में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सुमेरूपीठ शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सस्वती, संदीप वर्मा मुख्य महाप्रबंधक सिडबी, अजय खन्ना, जोनल हेड सेंट्रल बैंक लखनऊ , राजीव कुमार रीजनल हेड लखनऊ, विनय कुमार असिस्टेंट जनरल मैनेजर सिडबी ,वीणा कुमारी आंचलिक प्रबंधक यूको बैंक ने मां गंगा का शास्त्रोक्त विधि से पूजन के क्रम में 151 लीटर दूध से अभिषेक किया। समूचे घाट की आकर्षक सजावट के साथ ही माँ गंगा की 108 किलो की अष्टधातु की प्रतिमा का विशेष श्रृंगार 500 किलो फूल से किया गया जिसमें विदेशी फूल संग देशी फूलो का भी समावेश रहा । इसी क्रम में 42 बेटियों के नेतृत्व में मां गंगा की महाआरती के साक्षी हजारों श्रद्धालुओं ने बेटियों के जन्म में सहायक और उनके सम्मान का संकल्प दुहराया । इस वर्ष के आयोजन में 21 बटुकों संग 42 रिद्धि सिद्धि द्वारा गंगा महाआरती की गयी। इस उत्सव् को यादगार बनाने के लिए कन्हैया दुबे के संयोजन में हुए सांस्कृतिक आयोजन में ख्यातिलब्ध गायक अमलेश शुक्ला, व्यास मौर्य, स्नेहा अवस्थी संग तमाम गायकों ने गायकी के माध्यम से अपनी पुष्पांजलि अर्पित किया । दूसरी तरफ गंगोत्री सेवा समिति द्वारा केदार घाट के सीढ़ीओ पर भी आकर्षक सजावट संग पांच आरती पंo सुनील कुमार दुबे के संयोजन में सम्पन कराई गयी। आयोजन के अंत में राज्य पुलिस और पीएसी के शहीद हुए जवानों की याद में अश्विन पूर्णिमा से जल रही आकाशदीप का समापन करते हुए उनके नाम से दीपदान किया गया । इस महाआयोजन में प्रमुख रूप से पं किशोरी रमण दुबे बाबू महाराज, दिनेश शंकर दुबे, कन्हैया त्रिपाठी, गंगेश्वर धर दुबे, शांतिलाल जैन, भृगु नाथ द्विवेदी, दिलीप गुप्ता, संजय शर्मा (गुड्डू), संकठा प्रसाद, रामबोध सिंह आदि लोग समिति के तरफ से माता गंगा की महाआरती में भागीदारी किया । संचालन का दायित्व नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक व नगर निगम स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर राजेश शुक्ला ने निभाया ।

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