रिपोर्ट – जीत नाग

बाराबंकी l उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में क्लब फूट ट्रीटमेंट का विस्तार किया जा रहा है अनुष्का फाउंडेशन का एलिमिनेटिंग क्लब फूट (ए. एफ. ई. सी) ने गर्व से लखनऊ के लोहिया अस्पताल में डॉ0 अमित पाण्डेय के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में अपने ट्रेन टू ट्रेनर (टी.टी.टी कार्यक्रम की मेजबानी की इस आयोजन ने पोसेटी विधि में मास्टर प्रशिक्षको को विकसित करने की रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया गया l क्लब फुट के इलाज के लिए एक विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त गैर सर्जिकल दृष्टिकोण एक जन्मजात स्थिति जिसमें एक या दोनो पैर अंदर की ओर मुड़े होते हैं l

डॉक्टर इन पोसेटी के नाम पर पोसेटी विधि को बिना शल्य चिकित्सा के क्लब फुट के इलाज में इसकी प्रभावशीलता के लिए दुनिया भर में मनाया जाता है l (टी. टी. टी) कार्यक्रम पूरे भारत में विधि को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए कुशल प्रशिक्षकों का एक मजबूत नेटवर्क बनाकर क्लब फुट को खत्म करने के लिए ए. एफ ई.सी के मिशन के साथ संरक्षित होता है l ए.एफ. ई. सी जागरूकता बढ़ाने और क्लब फुट उपचार तक पहुंच में सुधार के लिए राज्य सरकारों,राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आर.बी.एस.के )आशा कार्यकर्ताओं प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और हड्डी रोग डॉक्टरों के साथ सहयोग करता है l टी.टी.टी जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करके ए.एफ.ई.सी.क्लब फुट के इलाज के लिए स्थाई समर्थन प्रणाली बनाने के लिए स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की क्षमता को बढ़ाता है l इस दो दिवसीय कार्यक्रम ने भारत भर में विभिन्न अनुष्का क्लब फुट क्लीनिकों के हड्डी रोग डॉक्टरो को पोसेटी विधि की उन्नत तकनीको पर चर्चा करने के लिए एक साथ लाया गया l पहला चिकित्सा समुदाय के भीतर नेतृत्व और सहायक प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए ए.एफ.ई.सी के व्यापक प्रयास का हिस्सा है l

चर्चा का समापन ए.एफ.ई.सी के मास्टर प्रशिक्षकों के नेटवर्क का विस्तार करने के लिए एक रोडमैप के साथ हुआ जो क्लब फूट उपचार के प्रभावी कार्यवंत को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है 11 डॉक्टर ने हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा जैसे राज्यों में ए.एफ.ई.सी की पहुंच बढ़ाने के लिए चिकित्सा प्रशिक्षकों की भूमिका निभाने की प्रतिबद्धता जताई l AFEC का अंतिम लक्ष्य 2030 तक क्लब फुट के साथ पैदा हुए 70% बच्चों को उपचार में शामिल करना है l यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी बच्चा इस स्थिति के कारण विकलांग ना रहे इस दृष्टि को प्राप्त करने के लिए पूरे भारत में अनुमानित प्रशिक्षकों को नियमित चिकित्सा प्रशिक्षण आयोजित करने सहायक प्रशिक्षण प्रदान करने और हड्डी रोग डॉक्टर को दुरुस्त सहायता प्रदान करने की आवश्यकता होती है l इस मौके पर काफी संख्या में चिकित्सा गण उपस्थित रहे l

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