
महात्मा गांधी के महान चिन्तन के आगे पूरा का पूरा विश्व श्रध्दानत होता है ।
रोहित सेठ
वाराणसी भारत की पावन धरा पर जन्मे आजादी के संग्राम के महानायक परमपूज्य महात्मा गांधी जैसे संघर्षशील चिंतक विचारक , सत्य का अन्वेषक और मानवता के पुजारी जननायक के आगे भारत ही नहीं का पूरा विश्व नतमस्तक होता है।
उक्त विचार आज इंग्लिशयालाइन स्थित पंडित कमलापति त्रिपाठी फाउंडेशन के कार्यालय में महात्मा गांधी की जी की 77 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित विचार गोष्ठी में बक्ताओं द्वारा व्यक्त किया गया । वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश राज्य सिंचाई आयोग के पूर्व अध्यक्ष विजय शंकर पांडे की अध्यक्षता में संपन्न विचार गोष्ठी में वक्ताओं द्वारा कहा गया कि महात्मा गांधी का सिद्धांत और चिंतन चिरकाल तक दुनिया को राह दिखाता रहेगा, सत्य, अहिंसा और प्रेम पर आधारित उनका जीवन दर्शन अपने आप में खुली किताब की तरह था, वे अपने ही उपर सत्य का अन्वेषण किया करते थे और लोंगों को भी तदनुरूप आचरण करने के लिये प्रेरित करते रहते थे , जिसकी मिसाल दुनिया के नेता में ढूंढने पर भी नहीं मिलती, यही कारण है कि परी दुनिया की सारी राजनैतिक हस्तियां भले ही वो चाहे कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हों पर वे सभी की सभी महात्मा गांधी के चिंतन और आदर्श के आगे झुक करके प्रणाम करती हैं ।
देश का दुर्भाग्य है कि आज गांधी जी जैसे महान चिन्तक के विचारों को मानने, समझने और उसपर चलने वालों की एक ओर जहां आज भारी कमी दिख रही तो वहीं आजका सत्ता प्रतिष्ठान गांधी जी के द्वारा स्थापित जीवन के मूल्यों का गला घोटकर समाज को गलत दिशा में ले जाने में ही लगा हुआ है ,ऐसे में एक बार फिर देश और समाज को बचाने के लिये महात्मा गांधी के ही रास्ते देश को चलना और चलाना होगा और यही बापू के प्रति सच्ची श्रध्दान्जलि होगी ।
गोष्ठी के बाद कल महाकुंभ में कुब्यवस्था काके चलते हुई भगदड़ में दिवंगत दर्जनों श्रध्दालुओं की असामयिक दुखःद मृत्यु पर गहरा शोक और सैकड़ों घायल श्रध्दालुओं के प्रति गहरी संवेदना। प्रकट की गयी । और दिवंगत लोंगों के शोक में दो मिनट की मौन श्रध्दान्जलि प्रकट की गयी ।
विचार गोष्ठी में प्रमुख रूप से सर्वश्री पूर्व एम0एल0सी0 और फाउंडेशन के अध्यक्ष पंडित राजेशपति त्रिपाठी ,विजय शंकर पांडे, राधेश्याम सिंह ,बैजनाथ सिंह, एडवोकेट राधे लाल श्रीवास्तव, एडवोकेट प्रभूनाथ पान्डेय, एडवोकेट भूपेंद्र प्रताप सिंह, बिजयकृष्ण राय अन्नू, डाक्टर प्रेम शंकर पाण्डेय, महेन्द्र सिंह चौहान, ब्रह्मदेव मिश्रा, अजयकृष्ण दूबे, मनोज चौबे, आनंद मिश्रा, पुनीत मिश्रा, एडवोकेट पंकज मिश्रा, सुशील सोनकर, अशोक कुमार पांडे, कमलाकांत पांडे, युवराज पांडे, शशिकांत तिवारी ,मोहम्मद अरशद, पिंटू शेख आदि लोगों ने विचार प्रकट किया।