
भिखारीपुर स्थित हनुमानजी मंदिर पर बिजलिकर्मियो ने विधुत स्पर्शाघात से चोटिल कर्मचारी के लिए संवेदना व्यक्त कर विरोध सभा कर निजीकरण के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया।
मुनाफा में चल रहे चंडीगढ़ के बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों ने मनाया काला दिवस: ऊर्जा मंत्री द्वारा उप्र में सर्वोत्कृष्ट कार्य होने की बात कहने के बाद बिजली का निजीकरण क्यों: संविदा कर्मियों की बड़े पैमाने पर छटनी और भय के वातावरण में बिजली अभियंताओं द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति से बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा: अगले सप्ताह भी विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे।
रोहित सेठ
वाराणसी-1फरवरी । संघर्ष समिति उ0प्र0 बैनर तले आज बनारस के भिखारीपुर स्थित हनुमानजी मंदिर पर एक विरोध सभा आयोजित की गयी जिसमे लंका पर विधुत स्पर्शाघात से चोटिल कर्मचारी के जल्द स्वस्थ होने की कामना कर बिजलिकर्मियो ने जल्द विरोध सभा को किया सम्प्पन्न।
वक्ताओं ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिजली के क्षेत्र में सुधार करने के लिए बिजली कर्मचारी सदैव तत्पर हैं और तैयार है किंतु सुधार के नाम पर निजीकरण किया जाना कदापि स्वीकार नहीं किया जाएगा। आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अपने बजट भाषण में यह कहा है कि बिजली के क्षेत्र में सुधार के कार्य प्रोत्साहित किए जाए। अतः निजीकरण के नाम पर उप्र के ऊर्जा क्षेत्र में अनावश्यक तौर पर बनाया गया आद्योगिक अशांति का वातावरण समाप्त किया जाय और विद्युत वितरण निगमों में कर्मचारियों को विश्वास में लेकर सुधार किया जाय।
संघर्ष समिति के वक्ताओं ने बताया कि लगातार मुनाफे में चल रहे चंडीगढ़ के विद्युत विभाग को कल रात निजी कंपनी को सौंपने के निर्णय के विरोध में आज उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों ने समस्त जनपदों और परियोजना मुख्यालय पर विरोध सभा कर काला दिवस मनाया।
संघर्ष समिति ने बड़े पैमाने पर संविदा कर्मचारियों की चल रही छटनी और प्रबंधन द्वारा बनाए गए भय के वातावरण में वरिष्ठ अभियंताओं द्वारा लगातार लिए जा रहे स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पर रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि निजीकरण की चर्चा करके पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने ऊर्जा निगमों में अनावश्यक तौर पर औद्योगिक अशांति का वातावरण बना दिया है।
संघर्ष समिति ने ऊर्जा मंत्री द्वारा ग्रुप आफ मिनिस्टर्स की बैठक में दिए गए बयान, कि उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था देश में श्रेष्ठतम चल रही है, के मद्दे नजर यह कहा कि जब ऊर्जा मंत्री स्वयम कह रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में बिजली के क्षेत्र में श्रेष्ठतम कार्य चल रहा है तो निजीकरण क्यों ? निजीकरण का फैसला तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
संघर्ष समिति ने कहा कि बेहद अनुभवी और योग्य अभियंता भय के वातावरण में कार्य करने में अपने को असमर्थ पा रहे हैं और मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता स्तर के बहुत वरिष्ठ अभियंता लगातार स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति ले रहे हैं यह बहुत गंभीर सवाल है जिसकी पूरी जिम्मेदारी पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन की है।
संघर्ष समिति ने कहा कि बिजली के निजीकरण के विरोध में अगले सप्ताह भी बिजली कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे।
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ को देखते हुए संघर्ष समिति ने प्रयागराज के बिजली कर्मचारियों को किसी भी आंदोलन से 4 फरवरी तक अलग रहने को कहा है।
सभा को ई0 एस0के सिंह,ई0 नरेंद्र वर्मा,रामकुमार झा,काशिम अली,अशोक कुमार, नागेंद्र,मनोज यादव,राजेश कुमार,आदि ने संबोधित किया।