रिपोर्ट आकाश मिश्र
बहुआयामी समाचार
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24OCT2024LMP001784
गोला गोकर्णनाथ: जनपद लखीमपुर खीरी के नगर गोला गोकर्णनाथ छोटी काशी के अंतर्गत ग्राम भवानीगंज, पुनर्भुग्रांट में जंगल वाले जिंद बाबा की मजार पर बसंत पंचमी का वार्षिक मेला 3 , 4 फरवरी को लगेगा। यह वार्षिक मेला लोग बहुत ही दूर-दूर से लोग देखने आते है अपनी मनोकामना मांगते है जंगल वाले जिंद बाबा सभी भक्तगणों की मनोकामना पूरी करते है। और मेला कमेटी मेला अच्छी व्यवस्था भी करती है। यह बसंत पंचमी का मेला लगभग 46 वर्षों से लगातार मनाया जा रहा है इस मैने में बहुत भीड़ होती है इस मेले में प्रसाद की दुकान, कई तरह के झूले, तरह-तरह की दुकान लगती है , भंडारा आदि भी होते है। आप सभी नगर वासियों से निवेदन है अधिक से अधिक जनसंख्या में आए और शांति व्यवस्था बनाए रखें।
बसंत पंचमी की पौराणिक कथा
बसंत पंचमी का पर्व मां सरस्वती के अवतरण दिवस में रूप में मनाया जाता है। हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार ब्रह्माजी संसार के भ्रमण पर निकले हुए थे। उन्होंने जब सारा ब्रह्माण्ड देखे तो उन्हें सब मूक नजर आया। यानी हर तरफ खामोशी छाई हुई थी। इसे देखने के बाद उन्हें लगा कि संसार की रचना में कुछ कमी रह गई है।
इसके बाद ब्रह्माजी एक जगह पर ठहर गए और उन्होंने अपने कमंडल से थोड़ा जल निकालकर छिड़क दिया। तो एक महान ज्योतिपुंज में से एक देवी प्रकट हुईं, जिनके हाथों में वीणा और चेहरे पर बहुत ज्यादा तेज था। यह देवी थीं सरस्वती, उन्होंने ब्रह्माजी को प्रणाम किया। मां सरस्वती के अवतरण दिवस के रूप में बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है।
ब्रह्माजी ने सरस्वती से कहा कि इस संसार में सभी लोग मूक है। ये सभी लोग बस चल रहे हैं इनमें आपसी संवाद नहीं है। ये लोग आपस में बातचीत नहीं कर पाते हैं। इस पर देवी सरस्वती ने पूछा की प्रभु मेरे लिए क्या आज्ञा है? ब्रह्माजी ने कहा देवी आपको अपनी वीणा की मदद की इन्हें ध्वनि प्रदान करो। ताकि ये लोग आपस में बातचीत कर सकें। एक दूसरे की तकलीफ को समझ सकें। इसके बाद मां सरस्वती ने सभी को आवाज प्रदान करी।
