परिवार को आर्थिक सहायता एवं पत्नी को सरकारी नौकरी के लिए जिला प्रशासन ने की संस्तुति
रिपोर्ट अनुज कुमार शुक्ला
लखीमपुर खीरी। विगत 29 अप्रैल को महोली से दैनिक जागरण के पत्रकार राघवेन्द्र बाजपेई हत्याकाण्ड के खुलासे से असहमत पत्नी द्वारा की गई घटना की सीबीआई जांच की मांग, परिवार को 50 लाख रूपए सहायता राशि और एक सरकारी नौकरी की मांग के समर्थन में सीतापुर कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठे ऐप्जा (आल इण्डियन प्रेस जर्नलिस्ट एसोसिएशन) के चेयरमैन रवीन्द्र मिश्रा की मेहनत रंग लाई। सीतापुर के पुलिस कप्तान अंकुर अग्रवाल ने मंगलवार को हत्याकांड की पुनर्विवेचना के लिए एसआईटी जांच के लिए निर्देश दे दिया है। इसके अलावा जिला प्रशासन ने पत्नी को सरकारी नौकरी व परिवार को आर्थिक सहायता की संस्तुति कर दी है।
ज्ञात हो कि सीतापुर जनपद के महोली निवासी स्व0 राघवेन्द्र बाजपेई पुत्र महेन्द्र कुमार बाजपेई एक सच्चे और ईमानदार दैनिक जागरण, लखनऊ संस्करण के महोली क्षेत्र से पत्रकार थे। जो सरकार की जीरो टालरेंस नीति के तहत बेहिचक लगातार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ खबरें लिख रहे थे। जिसकी वजह से उन्हें भ्रष्टाचारियों की तरफ से निरन्तर जान से मार देने की धमकियाँ भी मिल रही थीं। इसी बीच विगत 08 मार्च 2025 को लगभग 03 बजे के करीब लखनऊ से दिल्ली जाने वाले राजमार्ग के हेमपुर ओवरब्रिज पर भ्रष्टाचारियों द्वारा गोलियों से भूनकर निर्मम हत्या करवा दी गई थी। ऐप्जा परिवार के समस्त जिला और तहसील प्रतिनिधियों ने खुलकर घटना का विरोध किया और तहसील मुख्यालयों पर ज्ञापन दिलवाए। घटना के उपरान्त क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा परिवार को मुख्यमंत्री से मिलवाने, आर्थिक सहायता दिलवाने एवं सरकारी नौकरी दिलवाने का आश्वासन दिया जाता रहा। दो माह से ज्यादा बीत जाने के बाद भी न तो परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की गई और न ही नौकरी दिलवाने के लिए कोई कार्यवाही शुरू हो पाई और तो और एक लम्बे समयान्तराल के बाद पुलिस द्वारा घटना का जो खुलासा किया गया वो केवल मनगढंत कहानी मात्र रही उक्त खुलासा परिवार सहित पत्रकारों के गले नही उतर रही है।
मृतक के परिवार में पत्नी (30 वर्ष), दो बच्चे (बेटा10 वर्ष एवं बेटी 08 वर्ष) साथ में बुजुर्ग माँ और पिता हैं। बेसहारा हो चुके परिवार के रहन-सहन, खान-पान आदि की सारी जिम्मेदारियाँ मृतक की पत्नी रश्मि बाजपेई पर आ पड़ी। माना कि केस की तह तक जाने में समय लग सकता है। किन्तु राघवेन्द्र की हत्या का होना तो घटना के समय ही प्रमाणित हो गया था। बावजूद इसके अभी तक सीतापुर प्रशासन द्वारा जहां एक ओर किसी भी प्रकार की शासकीय आर्थिक मदद एवं पत्नी को नौकरी नहीं दिलवाए जाने से प्रशासन की मंशा पर प्रश्न चिन्ह लग रहा था वहीं दूसरी ओर हत्याकांड का खुलासा मृतक की पत्नी सहित तमाम पत्रकार जगत एवं जन सामान्य के गले नहीं उतर रहा है। सीतापुर प्रशासन की कार्यशैली से पूरे प्रदेश के पत्रकार जगत के साथ आम जनमानस हतास और अवाक रह गया। बहरहाल प्रशासन की ओर से निराश और हताश मृतक राघवेन्द्र की पत्नी ने तब जाकर पत्रकार संगठनों से मदद की गुहार लगाई ।
ऐप्जा ने राघवेन्द्र बाजपेई हत्याकाण्ड में न्याय दिलाने तक संघर्ष का वीणा उठा लिया। तब ऐप्जा चेयरमैन रवीन्द्र मिश्रा ने सीतापुर जिलाधिकारी को पत्र लिखा कि मेरी करबद्ध प्रार्थना है कि आप अपने समस्त अधिकारों/विवेक का उपयोग करते हुए पत्रकार स्व0 राघवेन्द्र बाजपेई के दीन-हीन परिवार पर तरस खाइए और कम से कम 50 लाख रूपए की शासकीय सहायता और मृतक की पत्नी की योग्यतानुसार सरकारी नौकरी उपलब्ध कराकर घटना की सीबीआई जांच कराने की कृपा करें ताकि समस्त पत्रकार जगत और आम जन मानस में सीतापुर प्रशासन और उत्तर प्रदेश शासन के प्रति भरोसा कायम रह सके।
श्री मिश्रा ने जिलाधिकारी को अवगत कराया था कि आगामी 27 अप्रैल 2025 तक जिला प्रशासन द्वारा उक्त मांगो को माने जाने की प्रतीक्षा की जाएगी। तत्पश्चात भगवान परशुराम जयन्ती पर 29 अप्रैल 2025 से मैं स्वयं सीतापुर जिला कलेक्ट्रेट परिसर में पूरी शालीनता से शांतिपूर्वक धरने पर बैठ जाऊँगा। चँकि जिला प्रशासन के कानों में जूँ नहीं रेंगी, तब श्री मिश्रा अपने कथनानुसार तमाम जिलों से आए हजारों पत्रकार साथियों के साथ धरने पर बैठ गए थे। काफी जद्दोजहद के बाद सीतापुर पुलिस कप्तान अंकुर अग्रवाल ने मौके पर आकर आश्वासन देकर धरना समाप्त कराया था। कल मंगलवार को जब अनुराग सारथी मृतक की पत्नी रश्मि बाजपेई को कप्तान साहब से मिलवाने ले गए तो उन्होंने अपना वादा पूरा करते हुए एसआईटी जांच के लिए टीम गठित कर दी और आर्थिक सहायता के लिए संस्तुति कर आला अधिकारियों को भेज दिया। इससे समस्त पत्रकार और समर्थक साथियों में सीतापुर एसपी अंकुर अग्रवाल के प्रति विश्वास कायम हुआ है।
इस मौके पर स्व0 राघवेंद्र बाजपेई के परिवार के साथ ऐप्जा चीफ कोआर्डिनेटर अनुराग सारथी के साथ किसान नेता शिव प्रकाश सिंह, हरिओम त्रिवेदी व अनूप अलर्ट आदि लोग मौजूद रहे।
