— इतिहास के पन्नों पर स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है कस्बे के लाल का नाम, आजाद भारत के अमेरिका में पहले राजदूज नियुक्त हुए थे आसफ अली

अंकुल प्रजापति

स्योहारा। स्योहारा में जन्मे बैरिस्टर आसफ अली खां ने पहले गुलाम भारत में आजादी की लोकतांत्रिक बुनियाद के सारथी बनने तक का सफर तय किया। इतना ही नहीं, आसफ अली खां ने असेंबली बम कांड के बाद सरदार भगत सिंह का अदालत में केस भी लड़ा।

आसफ अली का जन्म स्योहारा के मोहल्ला शेखान में 11 मई 1888 को हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा नगर में होने के बाद सेंट स्टीफन कॉलेज दिल्ली में पढ़ाई की। आसफ अली खां भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय वकील भी थे। आसफ अली ने 1928 में 21 वर्षीय हिन्दू महिला अरुणा गांगुली से शादी की थी। उनकी पत्नी अरुणा आसफ अली को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। आसफ अली खां भारत से अमेरिका के प्रथम राजदूत रहे। उन्होंने 18 जुलाई 1951 से 6 जून 1952 तक ओडिशा के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया था। 1920-21 के दौरान गांधी जी द्वारा चलाए गए असहयोग आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। 8 अप्रैल 1928 को भगत सिंह व बटुकेश्वर दत्त द्वारा दिल्ली केंद्रीय असेंबली में बम फेंकने के आरोप में गिरफ्तार किया गया तो उनके बचाव पक्ष के वकील आसफ अली बने तथा उनके मुकदमे की पैरवी की। 1935 में मुस्लिम राष्ट्रवादी पार्टी के सदस्य के रूप में उन्हें केंद्रीय विधानसभा के लिए चुना गया था। वह मुस्लिम लीग के उम्मीदवार के खिलाफ कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में फिर से निर्वाचित हुए और इन्हें उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया था। 1942 में गांधी जी के आह्वान पर अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हुए।

बॉक्स

दिल्ली में आसफ अली के नाम पर सड़क।

आसफ अली दो सितंबर 1946 से जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में भारत सरकार के अंतरिम सरकार में रेलवे और परिवहन के प्रभारी रहे। उन्होंने फरवरी 1947 से फरवरी 1949 तक अमरीका के भारत के पहले राजदूत के रूप में कार्य किया। आसफ अली का 1 अप्रैल 1953 में 64 वर्ष की आयु में स्विट्‌जरलैंड में भारत के राजदूत के रूप में सेवा करने के दौरान बर्न दूतावास कार्यालय में निधन हो गया था। अगर आप दिल्ली गए हैं तो आसफ अली रोड से वास्ता न पड़ा हो नामुमकिन सा है। देश की राजधानी की बेहद वीआईपी इस सड़क पर हर आम और खास के कदम कभी न कभी जरूर पड़े। भारतीय डाक विभाग ने भी उनके नाम और चित्र के साथ डाक टिकट जारी कर उन्हें अमर पहचान दी।

By admin_kamish

बहुआयामी राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

preload imagepreload image