बदायूं के कस्बा सहसवान शाहबाजपुर में देसी शराब की दुकान पर ओवर रेटिंग का तूफान आबकारी विभाग की चुप्पी सवालों के घेरे में। संवाददाता मुनेश कुमार सहसवान। (बदायूं) जिले के सहसवान कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत कस्बा शाहबाजपुर में देसी शराब की दुकान पर ओवर रेटिंग को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रतिदिन शाम 7:00 बजे के बाद दुकान पर निर्धारित मूल्य से अधिक दर पर शराब बेची जाती है। जिससे ग्रामीणों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है सूत्रों के अनुसार यह है सिलसिला पिछले कई महीनो से लगातार जारी है लेकिन आबकारी विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि शराब विक्रेता विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से सिर्फ ग्राहकों से अधिक कीमत वसूल रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि निर्धारित रेट 75 रुपए है लेकिन दुकान संचालक 85 से ₹90 तक वसूल लेते हैं और विरोध करने पर गली गलौज व धमकी दी जाती है । विशेष बात यह है की दुकान के बाहर ना तो मूल्य सूची चस्पा की गई है। और ना ही कोई शिकायत नंबर दिया गया है। सूत्रों का दावा है कि शराब ठेकेदार द्वारा सहसवान आबकारी निरीक्षकों को मासिक सुविधा शुल्क दिया जाता है। जिससे इन सब गतिविधियों पर आंख मूद ली जाती है। स्थानीय ग्रामीण विशेष रूप से युवा वर्ग में बढ़ती नशाखोरी से कस्बा शाहबाजपुर सहसवान की मासिक स्थिति बिगड़ती जा रही है। स्कूली बच्चों पर भी इसका बुरा असर देखने को मिल रहा है। पंचायत प्रतिनिधियों ने भी कई बार जिला प्रशासन और आबकारी विभाग को लिखित में शिकायत दी है लेकिन हर बार जांच का आश्वासन देकर मामला दबा दिया जाता है। महिला संगठन और समाज से भी संस्थाएं भी अब इस मुद्दे पर मुख्वर हो चुकी है। और उन्होंने चेतवानी दी है। कि यदि जल्द ही ओवररेटिंग पर लगाम न लगी और दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वह सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे। कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने यह भी बताया की दुकान के आस – पास नाबालिगों को भी शराब बेच दी जाती है, जो की गंभीर अपराध है। कुछ बुजुर्गों का कहना है कि पहले कस्बा शाहबाजपुर सहसवान का माहौल शांत और संयमित था। लेकिन शराब की दुकान के खुलने और उसमें हो रहे अनियमित कारोबार से अब अशांति फैल रही है। उधर जब इस विषय में संबंधित आबकारी निरीक्षक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस प्रकार की कोई शिकायत नहीं मिली है। लेकिन जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी हालांकि ग्रामीण व कस्बा के लोगों का कहना है कि यह महज एक दिखावटी बयान है। क्योंकि विभागीय अधिकारी दुकान पर सिर्फ औपचारिक जांच करते हैं। और फिर सब कुछ पहले जैसा चलने लगता है। सूत्रों के अनुसार ओवरराइटिंग की वजह से रोजाना हजारों रुपए का काला कारोबार हो रहा है। जिससे राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। इस पूरे प्रकरण में प्रशासनिक निष्क्रियता और विभागीय लापरवाही की पोल खोली जा रही है। और अब सवाल उठता है कि आखिर कब तक आम जनता इस लूट और अन्याय का शिकार होती रहेगी। गांव व कस्बा शाहबाजपुर सहसवान के लोगों की एक ही मांग है ओवरराइटिंग बंद हो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो। और कस्बा शाहबाजपुर सहसवान को फिर से नशामुक्त किया जाए। फिलहाल अभी भी निगाहे जिला प्रशासन और आबकारी विभाग पर टिकी हुई है। कि वह इस गंभीर मुद्दे पर क्या रोक अपनाते हैं।
