के एम आमिष का जन्म उत्तर प्रदेश के विशाल जनपद लखीमपुर खीरी के विधानसभा कस्ता तहसील मितौली ग्राम पंचायत उसरी पिपरझाला के एक मुस्लिम परिवार में हुआ इनकी माता एक प्राइमरी आंगनवाड़ी अध्यापिका रही हैं जबकि आमिष के पिता एक कुशल कृषक रहे हैं आमिष के कुल 6 भाई तथा एक बहन है अपने भाइयों में से यह छठे नंबर पर हैं इनके परिवार के अनुसार यह बचपन से ही बहुत ही तेज और होनहार गरम तेवर रखने वाले रहे हैं कहते हैं कि अपनी पैदाइश के समय लगभग 6 माह तक रोना नहीं छोड़ा था यह सुनते सबकी हैं पर करते अपनी मनकी है जानकारी के अनुसार मात्र 11 वर्षों में ही पिपरझला प्राथमिक विद्यालय में प्रधान अध्यापिका के द्वारा बच्चों को पुस्तकों का वितरण न करने पर सीधे तौर पर विद्यालय में आए विद्यालय निरीक्षण बीएसएसए से शिकायत कर दी थी जिसकी वजह से प्रधानाध्यापक के द्वारा इनकी बहुत पिटाई की गई थी
इनके द्वारा हाथ जोड़कर प्रार्थना ना किए जाने पर भी विद्यालय में चर्चा का विषय बना रहा तथा बाद में हाथ ना जोड़कर प्रार्थना करने की अनुमति प्राप्त कर ली थी शिक्षा व सामाजिक समस्याओं पर बचपन से ही बहुत रुझान रहा और समय-समय पर प्रश्न पूछे व सुझाए जाते रहे हैं प्राथमिक शिक्षा इनकी इनके मां के द्वारा दी गई जिसमें हिंदी का इमला व पठन तथा अंक गणित के प्रश्न बहुत आसानी के साथ सुलझा लिया करते थे बचपन में इनके द्वारा बड़ा बनने की ख्वाहिश रखने की वजह से बार-बार परचून की दुकान खोली जाना चर्चा का विषय रहा पर परिवार की स्थिति ठीक ना होने के कारण बकरी चराने की व मुर्गी के अंडे का रखरखाव जैसी जिम्मेवारी सौंपी गई थी अनेक प्रकार की कीमती वस्तुओं को तोड़कर छुपा कर रख देना इनके द्वारा खेल समझा जाता था
जिसको लेकर पता चलता है कि आमिष बकरी चराने के दौरान घर से ही कुछ किताबें अपने गोट या कमर में छिपाकर ले जाते थे ताकि गांव वाले उनकी मजाक ना बनाएं ऐसा करने से वह सीधे पेड़ पर चढ़कर अपनी पढ़ाई किया करते थे कई दौरान उनकी बकरियां दूसरों के खेत में नुकसान किया करती थी और आए दिन उनकी बकरियां कानीहाउस बंद कर दी जाया करती थी जिसकी वजह से उनको काफी डांट व मार का भी सामना करना पड़ा बचपन में शैतानी का आलम यह था कि पक्षियों का कीड़े मकोड़ों को मार दिया करते थे यह बात उनके पिताजी को गवारा नहीं थी समझाने पर उनको समझ आ गया था कि यह हमारे संसार का हिस्सा है और उन्होंने तब से प्रतिज्ञा ली कि कभी भी हम जीव-जंतुओं को नहीं सताएंगे ओर ना ही मारेंगे।
लेकिन अपने शिक्षण का स्तर जारी रखा नजदीकी जूनियर प्राथमिक स्कूल अबगंवा से मैट्रिक की पढ़ाई करने के दौरान बोल बाले मामा के बहकावे व परिवारिक काम के दबाव में आकर समाज को समझने के लिए घर से कुछ पैसे लेकर बगैर बताए दिल्ली तथा पंजाब जैसे शहरों में जा चुके हैं जिससे घरवालों का काफी बड़ा नुकसान भी हो चुका है पर निराश होकर पुनः वापस आना पड़ा इस दौरान स्कूल में ही क्लास के छात्रों को शिक्षकों को कहने पर गणित विषयों के प्रश्न हल किया करते थे जिससे हिंदू मुस्लिम छात्र व शिक्षक और छात्रों में मानसिकता को लेकर कुछ मतभेद हुए
तथा नजदीकी पुलिस चौकी मडिया पर रिपोर्ट भी दर्ज की गई थी जिसको लेकर आमिष ने हार नहीं मानी थी और अपने आगे की पढ़ाई को जारी रखते हुए जिला पंचायत इंटर कॉलेज कस्ता में विज्ञान विषय के साथ दाखिला लिया जिसमें इनसे 1 बटा 2 प्लस 1 बटा 2 प्रश्न पूछा गया था यह आधे आधे का अनुमान लगाकर उनके मुंह से एक निकल गया और बगैर कोई प्रश्न किए हुए विज्ञान विषय में दाखिला मिल गया प्रत्येक प्रकार की प्रतियोगिताओं में बराबर की भागीदारी करते रहे भारत स्काउट गाइड की ओर से होने वाली प्रतियोगिता कक्षा छह से लगाकर कक्षा 12 तक अनेक प्रकार के प्रमाण पत्र उपस्थित हैं लेखनी के अच्छे ना होने के कारण निबंध प्रतियोगिता में अच्छे अंक प्राप्त ना हो सके जिसमें शिक्षकों के द्वारा काफी डांट भी खानी पड़ी तथा इंटर कॉलेज के प्रधानाध्यापक स्वयं अवधेश कुमार मिश्र के द्वारा इनकी लेखनी को प्रधानाध्यापक के कलम के द्वारा सुधर वाया गया इनके द्वारा कि स्कूल में ड्रेस के चलते हाफ टीशर्ट पहन के जाया जाता था जो टी-शर्ट लेडीस थी यह बात उन्हें पता नहीं थी जिस पर कई लड़कियां उनका मजाक भी उड़ाया करती थी पर बाद में शिक्षक के द्वारा पता चला कि जो वह टी-शर्ट पहन कर आ रहे हैं वह टीशर्ट लड़कियों के लिए बनी है उस दौरान उनको शहरी पहनावे के बारे में पता चला वर्ष 2006 की हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा में आमिष इकलौते छात्र रहे जिनका प्रथम श्रेणी मात्र 13 अंकों के साथ रुका तथा कोई भी छात्र प्रथम श्रेणी उत्तरण नहीं कर सका मैट्रिक्स के शिक्षण में इनकी नानी पूर्व प्रधान अध्यापक कस्ता प्राथमिक जूनियर स्कूल श्रीमती किश्वरजहां का विशेष आर्थिक स्थिति का विशेष योगदान रहा
बचपन से ही राजा लोने सिंह जी व उनकी इच्छाधारी तोप की तथा क्रांतिकारियों की कहानियां सुनकर प्रेरणा लेते रहे घरवाले इन्हें लखीमपुर शहर में पढ़ने के लिए भेजना चाहते थे पर इन्होंने मितौली के जनपद राजा लोने सिंह इंटर कॉलेज में पढ़ाई करना उचित समझा क्योंकि इनको राजा लोने सिंह जी से लगाव था इसी दौरान आमिष ने कस्ता में कंप्यूटर की बेसिक जानकारी सीख ली थी तथा राजा लोने सिंह इंटर कॉलेज मितौली में ही प्रवेश लिया जिसमें उन्होंने रसायन विज्ञान विषय में अच्छी पकड़ बना ली थी इस दौरान राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता चिन्मय मिशन में विज्ञान प्रतियोगिता में तृतीय स्थान हासिल करके जिले में पत्र-पत्रिकाओं में भी नाम रोशन किया इस दौरान अमिष को अलग से मैथ्स कोचिंग की जरूरत थी जिसके चलते अपनी मां से आग्रह करके प्राइवेट कोचिंग लेने के लिए मितौली में ही निवास करना शुरू किया जिसमें एक घटना के तहत दो मंजिला से रात्रि के दौरान ऊपर से गिरने से इनके पीठ में कई टूटी फूटी इंटे घुस थीं जिससे इनकी सांस वापस नहीं आ पा रही थी ऐसा लग रहा था कि कुछ क्षण बाद इनकी मृत्यु हो जाएगी और अब यह जीवित नहीं रह पाएंगे इनके ही कक्षा की छात्रा क्षमा यादव दोस्त जिसके पापा चिकित्सक थे छात्रा के रिक्वेस्ट करने पर उचित चिकित्सा उपलब्ध कराई गई जिससे इनकी सांस वापस आ जाती थी और कुछ समय पश्चात इनका स्वास्थ्य ठीक हो गया और यह पुनः अपने गांव वापस आ गए और गांव से ही 18 किलोमीटर की साइकिल से यात्रा करके कोचिंग और विद्यालय का बराबर निरंतर प्रयास जारी रखा ऐसा करने के लिए वह सुबह 3:00 बजे उठ जाया करते थे पर इनके पिता जी से पूछे जाने पर कि कितना बजा है वह कह दिया करते थे कि 5: बज गया है सुबह होने वाली है और पढ़ाई पर ध्यान आकर्षित करते थे विद्यालय में पूरे साल शिक्षक समय से उपलब्ध ना होने और उचित गुणवत्ता की शिक्षा प्रयोगशाला ना हो पाने के कारण परिणाम कुछ बेहतर नहीं रहा सन 2008 में इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इनके बड़े भाइयों में एक उत्तराखंड के शहर काशीपुर उधम सिंह नगर में जॉब करते थे जो कि इनका प्रवेश उसी शहर में बीकॉम विषय के साथ कराना चाहते थे पर यह अपनी पढ़ाई साइंस में ही जारी रखना चाहते थे जिसके चलते उन्होंने काशीपुर जाने से इनकार कर दिया इसको लेकर घरवाले काफी नाराज भी रहे और अपने स्वर्गीय नानाजी प्रधान अध्यापक हजी इरशाद अहमद खान की मदद से मेरिट लिस्ट बेस्ट से जो कि इनकी पढ़ाई व शिक्षा में लगन मेहनत को देखकर बहुत ही चिंतित रहते थे
के चलते ज़िले के युवराज दत्त महाविद्यालय में बीएससी गणित के साथ दाखिला प्राप्त किया इस दौरान अपनी मां को छोड़कर घर वालों का साथ नहीं मिला और बीएससी में प्रवेश हेतु अपनी फीस का बंदोबस्त खुद ही किया इस दौरान वह अपने घर का काम खेत से संबंधित दिन में और फीस जुटाने के लिए दूसरों का काम लेवरी पर रातों में किया करते थे प्रवेश के पश्चात रसायन विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ एन पी सिंह से शिक्षा के प्रति संवेदनशील होने की वजह से महत्व मिलता रहा और अलग से रसायन विज्ञान विषय जैसे विषय के साथ में शिक्षा प्राप्त करते रहे तथा महाविद्यालय प्रांगण के समस्त शिक्षकों के साथ अच्छा संबंध स्थापित किया जिसमें इनको गोला फेंक भाला फेंक लंबी दौड़ एनसीसी व पुस्तकालय जैसी जगहों पर विशेष महत्त्व मिला इस दौरान आमिष ने भाषण प्रतियोगिता में भाग लिया और जीत हासिल की इसी दौरान छात्र राजनीति व एमएलसी शिक्षक व स्नातक चुनाव राजनीति के बारे में जानकारी मिली जिसको चलते इन्होंने छात्र राजनीति में भी हिस्सा लिया और इनके ही गुरुजन के द्वारा लड़े जा रहे शिक्षक संघ चुनाव के लिए पूर्व शिक्षकों गुरुजनों से वोट करने की अपील की गई जिसमें अमिष के उचित प्रयास के द्वारा जिला के महाविद्यालय में कोर्स वर्क हेतु बोर्ड पर क्लास चलवाने का प्रयास किया गया जो सफल रहा तथा 75% उपस्थिति के लिए सभी छात्रों से विशेष निवेदन किया 26 जनवरी के शुभ अवसर पर हो रहे प्रधानाध्यापक के द्वारा महाविद्यालय के प्रांगण में युवराज दत्त के समक्ष शपथ समारोह में युवराज दत्त के सपनों को लेकर शपथ दिलाई गई जो आज तक उनको याद है और उसी शपथ को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं जिसको लेकर युवराज दत्त प्रशासन को इनकी ओर से कई ज्ञापन भी प्रेषित किए जा चुके हैं इस दौरान अमिष अपना खर्चा निकालने के लिए होम ट्यूशन किया करते थे जिसमें इनको एक परिवारिक लड़की से लगाव हो गया था जिसको लेकर इन्होंने अपने अभिभावक से बात भी रखी थी पर अन्य कई बड़े भाइयों की वजह से बात नहीं बन सकी अभी तक आमिष अपने ननिहाल में रहकर पढ़ाई कर रहे थे कहते हैं कि मामा का बहुत बड़ा सपोर्ट रहा है अब जिसके चलते इनको अलग किराए से कमरा लेकर रहना पड़ा साथ ही में इनका छोटा भाई भी पढ़ाई कर रहा था अपना खर्च निकालने के लिए जिला के ही प्रतिष्ठित नौरंगाबाद कोचिंग सर्वेशठा इंस्टिट्यूट पर विज्ञान विषय हेतु पढ़ाने का कार्य शुरू कर दिया जिससे इनका खर्च निकलता था
महाविद्यालय में शिक्षा के स्तर का माहौल कुछ खास नहीं था जिसके चलते इनको प्रयोगात्मक परीक्षा में भी कुछ खास अंक प्राप्त नहीं सके जिसके कारण द्वितीय श्रेणी के साथ सन 2012 में बीएससी स्नातक उत्तीर्ण किया गया आगे की अपनी पढ़ाई को जारी रखने के लिए नजदीकी विश्वविद्यालय डॉ राम मनोहर लोहिया से संबंध किसान महाविद्यालय बहराइच से एमएससी के लिए दाखिला प्राप्त किया जिसमें केमिस्ट्री विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ पीएन त्रिपाठी व डॉ विवेक दीक्षित को आमिष से विशेष लगाव हो गया जिसके कारण किसान महाविद्यालय की पुस्तकालय का प्रयोग करना शुरू कर दिया था और विश्वविद्यालय के द्वारा कराए जा रहे विभिन्न प्रकार के कॉन्फ्रेंस सेमिनार में बराबर भागीदारी रहे कई प्रकार के प्रमाण पत्र उपस्थित हैं। अब आमिष ने अपनी प्रयोगात्मक शिक्षण पर विशेष ध्यान देना शुरू कर दिया था जिसके चलते एमएससी फाइनल वर्ष में प्रयोगात्मक परीक्षा प्रमुख के द्वारा काफी आकर्षण प्राप्त हुआ और इस बार प्रयोगात्मक मार्क अच्छे प्राप्त किए जिससे इनका एमएससी कॉलेज टॉप हो गया
आगे की पढ़ाई को जारी रखने के लिए लखनऊ में अपने बड़े मामा के घर में रहना शुरू किया और पीएचडी प्रवेश परीक्षा की तैयारी हेतु लखनऊ की ही कैटालिस्ट कोचिंग से शिक्षण लेना शुरू किया छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर की ओर से कराए जा रहे एमफिल प्री पीएचडी प्रवेश परीक्षा में संपूर्ण भारत में नवी रैंक हासिल करके एमफिल रसायन विज्ञान विषय में प्रवेश प्राप्त कर लिया जिसमें इनके नाना जी के द्वारा ही एमफिल की पूरी फीस जुटाई गई थी जिसमें अमिष ने नैनोटेक्नोलॉजी नैनो विज्ञान को आधार बनाया विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर डॉ बृजेंद्र प्रताप सिंह के सुपरवाइजर में आमिष ने अपने डीजर्टेशन पूर्ण किया जिसमें उन्होंने सनथेसिस ऑफ नैनो पार्टिकल कैरक्टराइजेशन एंड एप्लीकेशन पर थीसिस प्रकाशित की अब ये लेख व शोध पत्र लिखना शीख चुके थे इस दौरान आमिष ने स्वयं में ही संथेशिस ऑफ कार्बन नैनोट्यूब एंड कैरक्टराइजेशन पर एक और लेख प्रकाशित किया जिससे इनका फाइनल प्रेजेंटेशन काफी अच्छा गया इस दौरान इनके सुपरवाइजर के द्वारा सीएसआईआर की शोध लेख लखनऊ सीडीआरआई व आईआईटी कानपुर में लिटरेचर लेने हेतु व विभिन्न प्रकार के कॉन्फ्रेंस सेमिनार में भागीदारी कराने हेतु भेजते रहे के चलते एमफिल में भी विश्वविद्यालय में प्रथम श्रेणी की उपाधि प्राप्त करते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व गवर्नर श्रीमान राम नायक जी के द्वारा 2015 में सम्मानित किए जा चुके हैं और अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए दिल्ली तक का सफर किया शोध वर्क करने के लिए नेट जेआरएफ निकालना चाहते थे जिसके लिए उन्होंने भारत के टॉप शिक्षण संस्थान केरियर एंडइवर में भी प्रवेश लिया दिल्ली का खर्चा निकालने के लिए कई छोटी कोचिंग संस्थाओं में पढ़ाने का कार्य किया जिसमें इनका समय ज्यादा व्यर्थ हो जा रहा था जिसके चलते इनके एक भाई ने दिल्ली का खर्च निकालने के लिए काफी मदद की तत्पश्चात कोचिंग के ही शिक्षकों की मदद से डायरेक्टर के द्वारा कोचिंग की ओर से देय शिक्षण सामग्री में कैरक्टराइजेशन का कार्य मिल गया जिससे इनकी शिक्षण की फीस निशुल्क कर दी गई लगातार गिरते स्वास्थ्य सांस की समस्या होने के कारण दिल्ली छोड़ हताश होकर इन्हें पुनः वापस आना पड़ा और अपने लेखनी के कार्य को जारी रखा 2 साल की कड़ी मेहनत के बाद संपूर्ण भारत में इकलौती इंटर डिस्प्लेनरी टॉपिक्स रसायन विज्ञान की पुस्तक लिखकर बहुआयामी प्रकाशक में प्रकाशित कराई जो कि नेट जेआरएफ की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए विशेष कारगर साबित हुई जिसमें इन्होंने पर्यावरण रसायन हरित रसायन सुप्रमोलीक्यूलर रसायन नैनो तकनीकी रसायन औषधि रसायन आदि टॉपिक्स पर लेख लिखा आमिष के द्वारा विश्व विख्यात स्ट्रक्चर प्रॉपर्टी बेस्ट एक पीरियोडिक टेबल आवर्त सारणी भी डिजाइन की गई है जिसकी इन्होंने कॉपीराइट करा रखी है जो की बिक्री के लिए नहीं है इस को प्रकाशित करने के लिए घरवालों से पैसों की मदद मांगी खासतौर से अपने भाई से जिन्होंने आमिष का काफी मजाक उड़ाया अभिभावक के सामने बेज्जती की उनका मानना है कि पैसे की पैदावार होनी चाहिए फिर तरीका चाहे जो भी हो, वहीं पढ़ा लिखा माना जाएगा, आवर्त सारणी की विभिन्न कोचिंग शिक्षण संस्थानों में डिमांड भी है साथ ही साथ उच्च शिक्षा में विशेष नाम कमाने के लिए कई बार भारत के प्रख्यात इंस्टिट्यूट आकाश जैसे बोर्ड पर भी पढ़ाने का प्रयास किया लेकिन अंग्रेजी अच्छी ना होने के कारण वहां से जॉब से हाथ गंवाना पड़ा परंतु आकाश जैसी संस्थाओं का टैग लगने के कारण राजस्थान के शहर कोटा में विश्व प्रख्यात कोचिंग संस्था कैरियर पॉइंट में 68000 पर माह पर सिलेक्शन हो गया था जिसमें नीट जैसी पढ़ाई के साथ-साथ में जेई की भी पढ़ाने करानी थी जिसमें आमिष को जेईई के प्रश्न पत्र हल करने में परेशानी हो रही थी और साथ ही साथ कोचिंग प्रबंधक कार्यकारिणी का रवैया शिक्षकों के प्रति लेबरों की भांति दिखाई दे रहा था तथा कैरियर पॉइंट कोचिंग के द्वारा श्रीनगर जम्मू कश्मीर में सिलेक्शन दिया गया जहां के हालात काफी खराब थे उस दौरान वहां पर पथराव बाजी चल रही थी जोकि सन 2017-18 की बात है जाना उचित नहीं समझा, गरीबी अमीरी का एक लेवल खींचा हुआ था जिसमें गरीब बच्चों के साथ फीस के चलते कोई रिलैक्सेशन नहीं हो पा रहा था और काफी बच्चों को उत्तर प्रदेश बिहार के बच्चों को वापस जाना पड़ रहा था जो आमिष के लिए एक चिंता का विषय बनता चला गया जो की रातों में सोने नहीं दे रहा था अमिष ने बगैर अपने अभिभावकों को बताएं वहां से रिजाइन त्यागपत्र दे दिया और पुनः वापस आकर लखनऊ में शिक्षण के स्तर को शुरू कर दिया अब अमिष शिक्षण के स्तर को प्रयोगात्मक तरीके से करना चाहते थे जिसके लिए वह समय-समय पर विभिन्न प्रकार के वैज्ञानिक गैजेट्स बनाने पर जोर देना चाहते थे इस दौरान यह दिल्ली में बेर सराय जेएनयू ओल्ड केंपस के पड़ोस में रहते थे और साउथ एक्स पार्ट वन प्रेरणा कोचिंग संस्थान पढ़ाया करते थे जिसमें कोचिंग संस्थाओं ने इनकी भारी फीस आज तक नहीं दी जिस दौरान जेएनयू में सामाजिक मुद्दे पर आए दिन कोई ना कोई प्रतिक्रिया गतिविधियां धरना प्रदर्शन आंदोलन चलता रहता था जिसने अमिष को काफी प्रभावित किया सर्वप्रथम अमिष ने जेएनयू के पूर्व छात्र अध्यक्ष डॉ कन्हैया कुमार के बचाव में प्रदर्शन में शामिल हुए थे वहां से शासन प्रशासन के बीच की कड़ी को समझा और जाना परखा वहीं से राजनीतिक रुझान आया और सरकारी विभाग में खोखले तरीके से जो कार्य हो रहे थे उस पर अंकुश लगाना और सरकार से प्रश्न करना शुरू कर दिया आमिष स्वतंत्र होकर कार्य करना चाहते थे इनको परिवारिक दबाव व शासनिक प्रशासनिक दबाव बिल्कुल पसंद नहीं था इनके कार्य में रुकावट करने वाले लोगों के खिलाफ काफी चिड़ते हैं फिर चाहे इन का सगा भाई ही क्यों ना हो पर आमिष के अभिभावक पूर्ण समर्थन करते रहे कभी भी किसी प्रकार के कार्य को करने के लिए मना नहीं किया प्रश्न नहीं किए उनको भली-भांति यह पता है कि उनका बेटा जो भी कर रहा है वह समाज के लिए अच्छा ही होगा बस उनको परिवारिक चिंता सताती रहती है।
जिसके चलते उन्होंने विश्व प्रसिद्ध बहुआयामी शिक्षा तकनीकी अनुसंधान समिति एनजीओ का निर्माण किया जिसमें सर्वप्रथम उत्तर प्रदेश तत्पश्चात संपूर्ण भारत के लोग जुड़ते गए जिसमें सभी स्नातक उच्च शैक्षिक लोगों द्वारा विशेष ख्याति प्राप्त की गई जिसका उद्देश्य संपूर्ण भारत के शिक्षण स्तर शिक्षा प्राणी को पूर्णतया प्रयोगात्मक कराना है जो संस्था आज भी तेजी के साथ शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रही है हजारों छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान दे चुकी है शिक्षा के बाजारीकरण व कोचिंग संस्थाओं में नीट ,जेई, नेट जेआरएफ, गेट जैसे एग्जाम को लेकर बेचे जा रहे नोट पर अंकुश लगाने का कार्य किया है और छात्रों को शिक्षण सामग्री निशुल्क तथा टैक्स फ्री कराने का भी भारत सरकार से अनुरोध किया है व सामग्री उपलब्ध कराने का भी कार्य किया है संस्था के माध्यम से संपूर्ण भारत में संस्था से जुड़कर कोई भी साथी निशुल्क पुस्तक प्रकाशित करवा सकता है अनेक प्रकार के संस्था के माध्यम से समाज हित में पुस्तकें प्रकाशित की जा चुकी हैं तथा संस्था के ही माध्यम से एक बहुआयामी प्रकाशक का निर्माण किया गया जिसमें वह समस्त लेख पुस्तकों का निशुल्क आईएसबीएन नंबर देकर प्रकाशित किए जा रहे हैं जो शिक्षा के स्तर व समाज में अच्छी गुणवत्ता के लिए तथा अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में कारगर साबित होते हैं बहुआयामी नैनो विज्ञान पत्रिका छमाही प्रकाशित हो रही है जिसमें समय-समय पर संस्था से जुड़े हुए साथियों के व अन्य के लेख प्रकाशित किए गए हैं जिस की प्रतियां संस्था की आधिकारिक वेबसाइट www.multidpublication.in इंटरनेट पर निशुल्क उपलब्ध है आमिष के द्वारा विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी से संबंधित अनेक प्रकार के सीएसआइआर निस्केयर पत्रिका विज्ञान प्रगति व एनआरडीसी की पत्रिका आविष्कार व अनेक प्रकार के पत्र पत्रिकाओं में भी लेख प्रकाशित हो चुके हैं संस्था लगातार दिन पर दिन प्रगत करती हुई जा रही है प्राप्त जानकारी के अनुसार आमिष के पास लगभग 400 से अधिक किताबों का संग्रह है ऐसे में अनेक समाज में एजेंट जिन पर संस्था ने अंकुश लगाया था संस्था के खिलाफ झूठी शिकायत व लेख प्रकाशित किया जिसको लेकर संस्था के ही पदाधिकारियों ने बहुआयामी समाचार प्रकाशक का निर्माण कर दिया और जो भारत का एकमात्र समाचार पत्र है जिसमें सिर्फ शिक्षा तकनीकी अनुसंधान से संबंधित ही खबरें प्रकाशित होती हैं उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में जिला ब्यूरो चीफ या विभिन्न प्रकार के पत्रकार बनाने शुरू कर दिए जो कि शासन प्रशासन के समस्त विभागों पर हो रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने व प्रश्न करने का प्रयास कर रहे हैं प्राप्त जानकारी के लिए संस्था के माध्यम से अभी तक भारत के विभिन्न विभागों और मंत्रालयों में 1000 से अधिक ज्ञापन व सरकार को सुझाव दिए जा चुके हैं जिसमें से सरकार की तरफ से लगभग 5 से 10% ज्ञापनों पर ही सुनवाई हुई है 90 परसेंट ज्ञापनों को डस्टबिन में डालकर कूड़ा कचरा बना दिया गया है
जो बात इसको बिलकुल गवारा नहीं है तथा इनकी संस्था के माध्यम से उत्तर प्रदेश के विशाल जनपद लखीमपुर खीरी में महिलाओं के शिक्षण के स्तर को देखते हुए एक राजा लोने सिंह जी का त्याग और बलिदान को देखते हुए के नाम से सरकार से विश्वविद्यालय की मांग की जा रही है। इस दौरान जीवन का खर्च निकालने के लिए अमिष ने फर्रुखाबाद जनपद के प्रतिष्ठित महिला महाविद्यालय सिटी पीजी कॉलेज में प्राइवेट शिक्षक के तौर पर शिक्षण का कार्य किया जिसमें बीएससी एमएससी जैसे छात्राओं को शिक्षण दिया तथा अनेक छात्रों को शिक्षा के महत्व को समझाया और शिक्षण के दौरान ही नीट जेईई परीक्षाओं को बीट करवा दिया जिसमें विद्यालय परिवार आज भी अमिष जी की सराहना करता रहता है और विशेष दर्जा उपलब्ध कराता है जिससे कॉलेज की कार्यकारिणी प्रबंधक के द्वारा बॉलीवुड के सुपरस्टार विश्व प्रसिद्ध गोविंदा से भी मुलाकात कराई गोविंदा जी से भी बहुत कुछ इनको सीखने को मिला
आमिष के कड़ी मेहनत लगन कार्यों को देख कर दिल्ली के आम आदमी पार्टी के प्रभारी वर्तमान राज्यसभा सांसद श्रीमान संजय सिंह जिनकी पहले से इन पर नजर थी के द्वारा खास नजर रखी गई जिसके चलते उत्तर प्रदेश आप प्रभारी श्रीमती ब्रिज कुमारी जी के द्वारा जनपद लखीमपुर खीरी का आम आदमी पार्टी से अध्यक्ष बनाकर दिल्ली से भेजा गया जनपद खीरी में आने से पता चला कि जनपद खीरी में आप पार्टी का अध्यक्ष पहले से उपस्थित है तो इन्होंने जिला महासचिव का दायित्व सौंपा और जिले में आम आदमी पार्टी की आठों विधानसभा की टीम कार्यकारिणी पूर्ण कराई ना सिर्फ जिले में बल्कि उत्तर प्रदेश के अनेक जनपदों में तथा अनेक प्रकार के धरना प्रदर्शन आंदोलनों में बराबर की सहभागिता निभाई दिल्ली जैसे इलेक्शन में शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के इलेक्शन में कमपेनिंग व कठिन परिश्रम करके जीत भी दर्ज कराई आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय पर एक महीने तक का समय भी व्यतीत किया जिस दौरान राजनीति के नए-नए दांवपेच भी सीखने का मौका मिला पार्टी में अनेक प्रकार के साथियों को जोड़ा शिक्षा मंत्रालय की ओर शिक्षा मंत्रालय की ओर से कोविड के दौरान कराई जा रही नीट परीक्षा को लेकर रामसेतु लखनउ पर शिक्षा मंत्री का पुतला फूंका जिसमें 1 घंटे की वंश राज दुबे छात्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष जी की अध्यक्षता में अरेस्टी भी दी जा चुकी है यस बैंक घोटाले में बढ़-चढ़कर हजरतगंज महात्मा गांधी प्रतिमा के नीचे प्रदर्शन भी किया गया और हाल ही में बनारस में संस्कृत के मुस्लिम प्रोफ़ेसर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर इनके द्वारा लखनऊ जिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा गया
जेएनयू जैसी प्रतिष्ठित संस्था में एकाएक फीस बढ़ाने का भी अग्रणी विरोध जताया गया था राजनीति में कुछ भी सही गलत नहीं होता अनेक प्रकार के जिला अध्यक्ष के द्वारा आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए जिसको लेकर अमिष ने अनेक बार आप पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह चौहान व प्रदेश सचिव दिनेश सिंह पटेल जी को भी पत्र और ईमेल किए पार्टी को अनेक प्रकार के सुझाव पत्र भी भेजें पर कहीं ना कहीं से अमिष का राजनीति में हनन हो रहा था जिसके चलते अमिष जी ने पार्टी के अंदर ही पार्टी अधिकारियों से पर्दे के पीछे हो रही काली राजनीति पर प्रश्न करना शुरू किया जिसमें आमिष को इग्नोर किया गया और और दूसरी और उनके एक भाई जो कि आमिष के राजनीतिक रुझान होने पर काफी नाराज रहते थे आमिष द्वारा पार्टी में रहते हुए रेल घोटाले पर रेल मंत्री पीयूष गोयल का पुतला फूंका गया था जिससे इनके भाई काफी नाराज हुए
उनका कहना था कि इससे मेरी रिपोर्टएक्शन खराब होती है तुम राजनीतिक पार्टी से दूर रहो।
अमिष को मजबूर होकर पार्टी में इस्तीफा देना पड़ा इस दौरान अमिष राजनीति के दांव पेच सीख चुके थे वह यह समझ चुके हैं कि राजनीति के बगैर जिंदगी अंधकार जैसी है एक कीड़े की जैसी है जो कोई भी राजनेता जूतों के तले कुचल सकता है को लेकर पब्लिक न्यूज़ पर जनता व समाज के हक में मुद्दे बनाते हुए सरकार से प्रश्न पूछना शुरू कर दिया अभी तक आमिष के द्वारा 200 से आधिक वीडियो प्रकाशित किए जा चुके ऐसे में संस्था के पदाधिकारियों के द्वारा एक नई राजनीतिक पार्टी का निर्माण करने की विचारधारा सुझाई गई वह संस्था के पदाधिकारियों ने नई ऊर्जा दी जिसमें यह देखा गया कि संस्था में सभी उच्च शैक्षिक पीएचडी होल्डर अधिवक्ता विभिन्न प्रकार की सामाजिक संस्थाएं से साथी जुड़े है जिसके माध्यम से एक नई बहुआयामी राजनीतिक पार्टी बी ए पी का निर्माण किया जा सकता है तत्पश्चात सर्व सहमति से एक बहुआयामी राजनीतिक पार्टी का निर्माण किया जा रहा है जिसमें अनेक प्रकार के उच्च शैक्षिक लोग जो समाज में बदलाव चाहते हैं तेजी के साथ पार्टी में जुड़ रहे हैं जिसके माध्यम से सरकार को आईना दिखाने का कार्य समय-समय पर ज्ञापन के माध्यम से किया जा रहा है आमिष के द्वारा मात्र 30 वर्ष की उम्र पार्टी का संविधान कुछ इस प्रकार लिख दिया गया है कि अन्य राजनीतिक पार्टी चकाचौंध होकर रह गई हैं उनके द्वारा संविधान में यह मांग की गई है कि पार्टी में अंतिम निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष का मान्य ना होकर न्यायालय का मान्य होगा और अपनी ही पार्टी के अंदर एक पार्टी महिला टीम की होगी जिसमें पार्टी के अंदर के पदाधिकारियों को निष्कासित करने अंकुश लगाने का अधिकार सुनिश्चित होगा बहुआयामी पार्टी की निव बहुआयामवाद पर रखी है जिसमें भारत के मूल संविधान में मूल शपथ की भी मांग भी कर दी गई है पार्टी की विचारधारा के अनुसार लगातार रिपीट करने वाले 50 साल से अधिक के सांसद सदन तक नहीं पहुंचने चाहिए और छात्र राजनीति को बढ़ावा मिलना चाहिए और शिक्षा के स्तर को पूर्णतया प्रयोगात्मक कराने के लिए एक अलग से प्रौद्योगिकी मंत्रालय का गठन होना चाहिए जिसमें विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी से संबंधित गैजेट्स के निर्माण होने चाहिए तथा आमिष अपना कोटेशन प्रत्येक वीडियो में बोल कि लब आजाद हैं तेरे बोल की जुबान अब तक तेरी है से शुरुआत करते हैं और इनका कहना है कि बोलो अभी जबान नहीं काटी गई है और इनका पार्टी लेटर हेड पर अब राजा वही बनेगा जो उसका असली हकदार है को मानकर चल रही है भविष्य में आमिष के द्वारा जल्द ही एक विशाल बहुआयामी राजनीतिक पार्टी का गठन किया जाएगा ताकि समाज में पनप रही कुप्रथा कुरीतियों पर काबू पाया जा सके।
वर्तमान समय में आमीष लखनऊ के प्रतिष्ठित एरा विश्वविद्यालय के बायो तकनीकी विभाग में विशेष शोधक के तौर पर कार्यरत हैं जो कि आयुर्वेदिक यूनानी बेस्ट औषधियों दवाओं पर ड्रग डिलीवरी ड्रग थेरेपी ड्रग डिजाइन पर कार्यरत हैं तथा इनके द्वारा नोबेल नहीं तो क्या भारत के महान वैज्ञानिक हम और विश्व में हमारा योगदान पर पुस्तक लिख पूर्ण कर चुके हैं जो जल्द ही प्रकाशित कराने वाले हैं उनका कहना है कि हम जनपद लखीमपुर खीरी के 1857 की क्रांति व क्रांतिकारियों के बारे में पुस्तक लिख रहे हैं लखीमपुर के युवा साथियों को प्रेरणा देना चाहते हैं जल्द ही यह पुस्तक पूर्ण हो जाएगी दोनों ही पुस्तकों को एक साथ प्रकाशित कराएंगे अमिष के द्वारा अभी तक जितनी भी पुस्तक प्रकाशित की गई हैं उनका कहना है कि वह उन समस्त विद्यालयों को निशुल्क वितरित करना चाहते हैं जिस विद्यालयों से उन्होंने शिक्षा ग्रहण की है और भविष्य में उन समस्त शिक्षकों को सम्मानित करना चाहते हैं जिन्होंने उनको इस योग्य बनाया।
इनका कहना है कि एक महान लेखक बनकर समाज को कुछ पुस्तकें देकर जाना चाहते हैं ताकि इनके मरने के बाद भी इनका नाम जीवित रहे और कुछ ऐसे कार्य करना चाहते हैं जिससे इनके मां बाप का समाज में नाम रोशन हो और अपने मां बाप को गौरवान्वित करा सकें।अंत में अमिष का कहना है कि मुझे पूर्ण आशा ओर विश्वास है अगर प्रकृति ने मेरा साथ दिया तो मैं निश्चित तौर पर एक दिन बड़े कार्य कर के और कुछ ऐसे लेख प्रकाशित करके समाज में अपने मां-बाप व और जनपद लखीमपुर खीरी का नाम अवश्य ही रोशन कर दूंगा अगर नहीं भी कर सका तो मुझे कोई गम नहीं होगा क्योंकि मैंने प्रयास तो किया
आपका धन्यवाद आभार
बहुत अच्छा