(बिजनौर) जनपद बिजनोर की तहसील चान्दपुर के छोटे से गाँव बास्टा के 67 साल के मौहम्मद नकी जिन्होंने अपना सपना पूरा करने के लिए किया पहले 4 साल का डिप्लोमा फिर साइंस से 73% से इन्टर पास किया इन सब मे उनकी मां सबसे बड़ी ताकत रही ।
उनके बारे में जानकर आपके सबको फ़ख्र होगा 👇🏻
बिजनौर के गांव बास्टा के एक बुजुर्ग ने अपने सपने को साकार करने की धुन में दुनिया की एक न सुनी और 50 साल बाद 73 प्रतिशत अंकों से इंटर पास किया इतने नंबर उनकी पोतियों के भी हाई स्कूल और इंटर के एग्जाम में नहीं आए। 67 साल के इस बुजुर्ग की कामयाबी से सबसे ज्यादा उनकी 100 साल की मां खुश हैं। 12 वी की पढ़ाई लिखाई के बाद जब नकी इस साल बिजनौर के केलानपुर इंटर कॉलेज में एग्जाम देने गए तो लोगों ने उनका काफी मजाक उड़ाया। खुद नकी कहते हैं, ‘छात्र मुझ पर हंसने लगे और पूछने लगे कि मेरा जैसा बुजुर्ग एग्जाम क्यों दे रहा है। लेकिन सभी ऐसे नहीं थे। कुछ पुलिसवालों ने मेरे साथ फोटो खिंचवाए और कहा कि वे अपने बच्चों को दिखाएंगे ताकि उन्हें भी प्रेरणा मिले।
मौहम्मद_नकी की कहानी पूरी तरह फिल्मी है। पचास साल पहले मोहम्मद नकी ने 1972 में आर्ट स्ट्रीम से इंटर किया था। परिवार की मजबूरियों की वजह से वह आगे नहीं पढ़ पाए और छोटा-मोटा काम करना शरू कर दिया। जब वह युवा थे तब परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी। आर्ट से इंटर पास करने के बाद उर्दू का एग्जाम क्लियर किया जो कि ग्रेजुएशन के बराबर माना जाता था। उसके बाद मैं अपने गांव बस्ता में एक इंटर कॉलेज में क्लर्क के तौर पर काम करने वहां 10 साल काम किया लेकिन सैलरी इतनी कम थी कि गुजारा नामुमकिन हो गया। लिहाजा, उन्होंने इस्तीफा दे दिया और नौ बीघा खेत खरीद कर उन पर फूलों की खेती शुरू कर दी। वह फूलों की सजावट का भी काम करने लगे। कुछ समय बाद उन्होंने आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज करना शुरू कर दिया बेटा बिजली के माल का सप्लायर बन गया स्वास्थ्य विभाग ने छापा मारने पर अधिकारियों ने कहा कि वो बिना डिग्री के प्रैक्टिस नहीं कर सकते इसके बाद अपने गांव लौट आया। एक प्राइवेट स्कूल की टीचर नेहा खान ने उन्हें बताया कि हकीम बनने से पहले मुझे नैचुरोपैथी में डिग्री लेनी होगी। यह सुनकर वो बांदा गये और वहां से नैचुरल योगिक साइंस में चार साल का डिप्लोमा किया लेकिन बात इतने से नहीं बनी जब डिप्लोमा लेकर आए तो उनके मन में और आगे पढ़ने और फार्मासिस्ट बनने का ख्याल आया। जब वह अमरोहा के एक फार्मेसी कॉलेज में एडमिशन के लिए गए तो पता चला कि उन्हें पहले साइंस से इंटर पास करना होगा। इसके बाद उन्होंने फिर से इंटर की पढ़ाई करने का फैसला किया। नकी की कामयाबी से उनकी 100 साल की मां अनीसा बहुत खुश हैं। अपनी मां के बारे में नकी ने कहा ‘मेरी मां मेरी सबसे बड़ी ताकत हैं। पहले जब मैं एग्जाम के लिए जाता था तो वह मुझे हर बार जेब खर्च देती थीं। अब मैं फार्मेसी की पढ़ाई करके अपने सपने पूरे करूंगा।
बिजनौर से मोहम्मद फैज़ान की रिपोर्ट।