एमडी ब्यूरो/लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के 1.33 लाख प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कंपोजिट व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में तैनात शिक्षक अब बोर्ड पर भी नजर आएंगे। इससे विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक उत्कृष्ट योग्यताधारी व शैक्षिक कार्यों में दक्ष होने का संदेश दिया जाएगा। सभी विद्यालय परिसर में आकर्षक ‘हमारे शिक्षक’ नामक शीर्षक से बोर्ड लगाए जाने का आदेश दिया गया है।

विद्यालयमें प्रवेश करते ही दिखे बोर्ड

बोर्ड पर तैनाती अवधि लिखे होने से अव्यवस्था मिलने पर ठीकरा भी उन्हीं के सिर फूटेगा प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को सभी परिषदीय व कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में ‘हमारे शिक्षक’ बोर्ड लगाने का निर्देश जारी कर दिया है। बोर्ड विद्यालय में ऐसे स्थान पर लगेगा जहां से विद्यालय में प्रवेश करने वाले हर अभिभावक, निरीक्षणकर्ता और जनसामान्य को आसानी से दिखे।

एक बोर्ड पर लिखा रहेगा छः शिक्षकों का विवरण

शिक्षकों के स्थानांतरण, पदोन्नति व सेवानिवृत्ति के बाद बोर्ड को अपडेट किया जाएगा। एक बोर्ड पर छह शिक्षकों का विवरण अंकित होगा। विद्यालय में छह से अधिक शिक्षक होने की स्थिति में दो बोर्ड लगेंगे। इसमें शिक्षक की फोटो, पदनाम, शैक्षिक योग्यता, विद्यालय में तैनाती व मानव संपदा आइडी दर्ज होगी। निर्देश है कि ‘हमारे शिक्षक’ बोर्ड को निर्धारित मानक के अनुसार लगाने का दायित्व प्रधानाध्यापकों व वार्डन का होगा।

बोर्ड हेतु इतने मिलेंगे राशि

विभागीय अधिकारियों, जिला व ब्लाक स्तरीय टास्क फोर्स व अकादमिक रिसोर्स पर्सन के विद्यालयों के निरीक्षण में ‘हमारे शिक्षक’ बोर्ड का अवलोकन जरूर करें। बोर्ड सभी परिषदीय, कंपोजिट व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में 15 दिन में लगाया जाए। इसके लिए प्रति विद्यालय प्रति बोर्ड अधिकतम 500 रुपये धनराशि दी जाएगी। बोर्ड 2.5 गुणा 4 फिट के साइज में लकड़ी या लोहे के ऐंगल व पलैक्स शीट पर बनवाया जाए, जिसमें हर शिक्षक का फोटो 3 गुणा 4 इंच साइज का होगा।उन्होंने लिखा कि विद्यालयों में समय-समय पर विभागीय कार्यक्रम, गतिविधियों का आयोजन होता है, जिसमें जनप्रतिनिधि, अधिकारी, गणमान्य व्यक्ति, अभिभावक प्रतिभाग करते हैं। इसके अलावा अभिभावक शिक्षक बैठक, विद्यालय प्रबंध समिति आदि बैठकें आयोजित की जाती हैं।

फोटो सहित लगेगा बोर्ड

विद्यालय का परिवेश व शैक्षिक वातावरण बच्चों को सीखने की प्रक्रिया में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में विद्यालय को सामाजिक चेतना केंद्र के रूप में विकसित करने की संकल्पना की गयी है। उसी का अनुपालन कराया जा रहा है।परिषदीय प्राइमरी, जूनियर स्कूल और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में शिक्षक के फोटो समेत लगेगा ‘शिक्षक बोर्ड’।ताकि अनुपस्थिति के स्थिति में आसानी से पहचान किया जा सके।

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