विभिन्न प्रकार की राजनीतिक पार्टियां चुनाव आते-आते वोटरों से अपील करने लगती हैं और वर्तमान सरकारें एक बार फिर राजपाट की आम जनता से गुहार लगाने लगती पार्टियां एक एक करके अनेक मौके मांगती हैं जैसा कि आपको उत्तर प्रदेश में देखने को मिलता रहा है नेता बार-बार वादे करके कुर्सियां मांगने का काम करते हैं और भोली भाली मासूम जनता इस खेल को देखती रहती है चुनाव तो होते हैं पर धर्म जाति परिवारवाद उम्मीदवार के सिवा चुनने को कुछ नहीं रहता इसलिए जनता शिकार होकर इन खिलाड़ियों में से मजबूरी में किसी न किसी को वोट करती है अब आने वाले समय में उच्च शैक्षिक युवा साथी भारत की कुर्बानी देने वाले क्रांतिकारियों के विचारधारा समझते हुए संविधान गठित करने वाले कमेटी भारत की एक ख्वाब को सजाने के लिए जाग चुका है
अब आगे से उत्तर प्रदेश का चुनाव पुराने खेल जाति पात धर्म से हटकर अलग होगा अब खिलाड़ियों के बीच में एक नया विकल्प बहुआयामवाद भी है अब हम आगे से यह नहीं कह पाएंगे कि सभी पार्टियां एक जैसी हैं इस बार सभी उच्च शैक्षिक, वैज्ञानिक, अधिवक्ता, पत्रकार, सामाजिक संगठन साथियों ने चिंतन मनन किया है कि समस्या को निपटाने के लिए वादे नहीं समाधान देंगे अब आगे से लड़ाई सच और झूठ पद गरिमा और प्रतिष्ठा के बीच की होगी अब उत्तर प्रदेश की समझ धर्म से उठकर समस्याओं के समाधान के साथ में हैं बहुआयामी राजनीतिक पार्टी आपसे वोट करने की अपील नहीं करती है जबकि समस्या का समाधान निकालने के लिए भागीदारी व सुझाव के लिए निमंत्रित जरुर करती है। हमें राज पाठ कुर्सी नहीं हांथियानी है जबकि सरकार को राह पटरी पर लाने के लिए महत्वपूर्ण दार्शनिक विचारधारा के विपक्ष का होना अत्यंत आवश्यक है जिसकी बहुआयामी अपील करती है।
अब चुनाव जीत हार का खेल नहीं होगा धर्म विशेष जाति विशेष परिवार विशेष क्षेत्र विशेष को त्याग कर अपने मन और आत्मा की आवाज सुनने का वक्त आ चुका है। यह राजनितिक पार्टियों की जीत हार का विषय नहीं जबकि यह हमें अपने समय को संरक्षित और आने वाली पीढ़ी के ख्वाबों को आगे बढ़ाने की जीत का विषय है बहुआयामी आपसे वादा तो नहीं करती पर आपसे वादा मांगती जरूर हैं जब हम वोटिंग मशीन के सामने खड़े हो तो अपने बच्चों के भविष्य का संरक्षण को देखकर और भाग्य के सहारे ना बैठते हुए उनके ख्वाब के बारे में अवश्य सोचना है। अब हम स्वयं ही अपने गांव मोहल्ले कस्बे के लिए सपने बुन कर क्रांतिकारियों संविधान गठित करने वाली कमेटियों के सपनों को पूरा करने का कार्य करेंगे और हम उसको साकार करके ही दिखाएंगे हम उत्तर प्रदेश की मांग के अनुसार बहुआयावादियों को एक मौका अवश्य देने का काम संकल्प लेते हैं। हम बहुआयामी के साथ में हैं!