हरदोई। मालभाड़ा वाहनों में सफर करना जिंदगी के साथ खिलवाड़ करना है। इसके बावजूद लोग यह सफर कर रहे है क्योंकि मजबूरी है। प्रत्येक मार्ग पर पर्याप्त बसें न होने के कारण यात्री इन वाहनों से यात्रा कर रहे हैं। इनका कहना है कि जब बेहतर सेवाएं नहीं हैं तो क्या करें। अगर सरकार मिनी बस सेवाएं ग्रामीण क्षेत्र में संचालित कराए तो ऐसी नौबत क्यों आए।गांवों में बैलगाड़ी के बाद ट्रैक्टर ट्राली व्यवहारिक रूप से यात्रा का साधन बनी हुई है। बच्चे के जन्म के बाद उसके किसी भी संस्कार का अवसर हो या फिर गंगा घाटों पर पूर्णिमा का स्नान, देव स्थानों पर दर्शन करना हो या फिर मेला बाजार। गांवों की सवारी ट्रैक्टर ट्राली हमेशा तैयार रहती हैं।गांव के लोग मानते है कि ट्रैक्टर ट्राली की पहुंच हर व्यक्ति तक है। कई लोग बरात के लिए इसी का उपयोग करते है। अंतिम संस्कार के लिए भी इन्हीं ट्राली का उपयोग किया जाता है। गांवों में प्राइवेट बसों की उपलब्धता नहीं है। शहर और कस्बे से मंगाने पर बहुत ज्यादा खर्च आता है।
सख्ती रही तो रुकेगा जोखिम भरा सफर
कटरी क्षेत्र के एक गांव निवासी श्याम ने बताया कि उनके पोता का मुुंडन होना है। हरदोई मंदिर की मनौती है। सभी नाते रिश्तेदारों व गांव के लोगों को लेकर जाना है। दो ट्रैक्टर ट्राली गांव से करने पर 5 हजार रुपये का खर्चा है। सौ लोगों की आवाजाही हो जाएगी। अब इसी कार्य के लिए जब किराये की बस के लिए बात करतें है तो 10 हजार से ज्यादा का खर्चा आता है। कानपुर में हुए हादसे के बाद सख्ती हो रही है लिहाजा अब ट्रैक्टर ट्राली का विचार त्याग दिया है। घर के दो चार लोग बाइक से चले जाएंगे। वह कहते हैं यह कब तक चलेगा। अभी सख्ती है तो लोग रुकेंगे लेकिन बाद में फिर चलेंगे।
कम खर्चे में ट्रैक्टर ट्राली से हो जाता है सफर
बावन क्षेत्र के एक गांव निवासी अमर सिंह ने बताया कि पिछले साल उनकी अम्मा की मौत हो गई थी। अंतिम संस्कार के लिए राजघाट तक शव वाहन ने सात हजार का खर्च बताया था। जबकि ट्रैक्टर ट्राली से यह खर्च दो हजार व डाला मिनी डीसीएम से तीन से चार हजार था। गांव के लोगों की सलाह के अनुुसार ट्रैक्टर ट्राली की गई। वह कहते है कि काफी संख्या में लोग एकत्र होते है चलने के लिए जिसके लिए दो से तीन ट्राली तक करनी पड़ती है। सभी जानते है कि यह सही नहीं है मगर कोई मजबूरी में तो कोई किसी न किसी कारण से इनका उपयोग करता हैं।
वर्जन
नियमानुसार ट्रैक्टर ट्राली कृषि कार्य के लिए है। यात्राओं के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता है। माल वाहक वाहनों से यात्री वाहन की तरह यात्रा करना नियम विरुद्ध है। सवारी वाहनों के रूप में पंजीकृत वाहनों के अलावा अन्य वाहनों से यात्री वाहन के रूप में यात्रा नहीं की जा सकती। ऐसे वाहनों पर शासन के निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी। – डीएस सिंह, एआरटीओ
रिपोर्ट पुनीत शुक्ला