Hardoi……..पाली। गर्रा नदी उफान पर है। इससे इसकी कटान की जद में चल रहे कहारकोला गांव में अभी तक 10 मकान नदी में समा चुके हैं। साथ ही आसपास के कई और मकान कटान के मुहाने पर है। इसको लेकर प्रशासन अलर्ट हो गया है।गुरुवार को डीएम एमपी सिंह और विधायक माधवेंद्र प्रताप सिंह ने गांव पहुंच कर लोगों से मुलाकात की। राहत सामग्री का वितरण कराया। हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। गुरुवार को गर्रा नदी के बहाव में कई और मकान जद में आ गए हैं। गांव के लोगों ने बताया कि अभी तक गांव के रजनीश, बबलू, जदुराम, रामकेवल, सुरेंद्र, मुनेश्वर, दृगपाल, सुनील, सोनपाल और विजेंद्र के मकान नदी में समा चुके है। जबकि मोती, बादाम, रामफेरे और देशराज कोटेदार का मकान कटान की जद में है।बाढ़ पीड़ितों को ग्राम के उच्च प्राथमिक विद्यालय में अस्थायी रूप से रखा गया है, जहां उनके खाने पीने के इंतजाम किया गया है। डीएम ने विभागीय अधिकारियों को गांव के किनारे कटान क्षेत्र में बैरिकेडिंग कराने के निर्देश दिए। मौजूद स्वास्थ्य टीम को जरूरी दवाओं के साथ बाढ़ पीड़ितों को जागरूक करने के लिए कहा। इसके बाद विधायक और जिलाधिकारी ने संयुक्त रूप से पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित की। इस दौरान लेखपाल, कानून गो, थानाध्यक्ष पाली सुनील दत्त कौल, शिवम तिवारी, श्याम मोहन मिश्रा, आलोक शुक्ला, अनुज मिश्र आदि लोग मौजूद रहे।
जब विधायक की नाव लेती रही हिलोरें
विधायक बाढ़ पीड़ितों से मिलकर नाव में सवार होकर वापस लौट रहे थे। इस दौरान नदी की तेज धार में नाव फंस गई। करीब 10 मिनट तक बीच धार में नाव हिलोरें लेती रही। जिसे देखकर नदी के किनारे मौजूद लोग सहम गए।
तीन दिन से नहीं मिला खाना, डीएम आए तो मिली सामग्री
पाली। बाढ़ पीड़ित राजेश्वरी, बबलू और महिपाल आदि ने बताया कि तीसरा दिन है। दोपहर का एक बज गया है, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक खाद्य सामग्री नहीं मिली है। छोटे छोटे बच्चे भूखे है, क्या खुद खाएं क्या बच्चों को खिलाएं। बाढ़ पीड़ितों को ग्राम के उच्च प्राथमिक विद्यालय में अस्थायी रूप से रखा गया है। ग्रामीणों ने बताया कि डीएम और विधायक के आने के बाद इंतजाम हुए है। इससे पहले कोई पुरसाहाल नहीं था। गांव निवासी कल्लू तिवारी ने बताया कि खाने पीने की चीजें स्कूल के एक कमरे में रखी रहीं। डीएम के आने के बाद खाद्य सामग्री बांटी गई। प्रशासन की ओर से बाढ़ पीड़ितों को आने जाने के लिये तीन नाव उपलब्ध कराई गई है। इसमें एक नाव में छेद भी हैं।
रिपोर्ट पुनीत शुक्ला