राम नगर / बाराबंकी
दिवाली का पर्व अंधकार से प्रकाश के मार्ग पर तथा अज्ञान से ज्ञान के मार्ग पर चलने की प्रेरणा व तमसो मा ज्योतिर्गमय का संदेश देता है किंतु तमसो मा ज्योतिर्गमय का संदेश उस समय तार-तार हो जाता है जब दीपावली में गली मोहल्ले में जुआ की फडे सज जाती हैं, इतना ही नहीं मर्यादा उस समय शर्मसार हो जाती है जब समाज के जनप्रतिनिधि व प्रबुद्ध वर्ग के लोग भी इस जुए में सम्मिलित हो जाते हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार दीपावली व जमघट के दिन बुढ़वल ,महादेवा , लालपुर करौता, भैरमपुर, तिलोकपुर, सूरतगंज, सहादतगंज आदि क्षेत्र के अधिकतर गांवों में जुए पर दांव लगाकर लोग अपने भाग्य आजमाइश करते दिखाई पड़े ।

इस जुए की किसी को खबर न लगे इसके लिए चोरी चुपके लोग खलिहान बाग-बगीचों में भी जुआ खेलकर अपने भाग्य को आजमाते रहे । जुआरियों ने देवालय व विद्यालयों में भी छुप कर जुआ खेलते रहे। इस मौके पर पुलिस केवल तमाशबीन बनी रही। दिवाली पर जुआ खेलने की बुराई अंधविश्वास के कारण आज के दौर में भी बनी हुई है जो कि सामाजिक नियमों व मानवता के विरुद्ध है।

दिवाली जैसे पवित्र त्यौहार पर जुआ जैसी सामाजिक बुराई का प्रचलन चल रहा है, इसके विरुद्ध सामाजिक संगठनों, प्रबुद्ध वर्ग व जनप्रतिनिधियों को आगे आकर लोगों में जन जागरण करना होगा ताकि जुआ में दांव हारने वालों के परिवार व घर-बार उजड़ने से बच सकें।

मुरारी यादव बाराबंकी जिला संवाददाता

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