मुरारी यादव बाराबंकी जिला संवाददाता

तहसील रामसनेहीघाट क्षेत्र के छुलिहा निस्कापुर तिवारीपुर में रिटायर्ड अध्यापक गंगा बक्स सिंह के यहां अनवरत चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के पांचवें दिन व्यास पीठ नैमिषारण्य से पधारे स्वामी श्री वीरेंद्रानन्द पुरी जी महाराज के कथा की अमृत वर्षा का रसपान भक्तों को मिला।

कथा मृत भक्तों की सेवा भाव अध्यापक शिवेन्द्र प्रताप सिंह स्वयं करते हैं। महराज जी ने कहा कि गोकुल के शाब्दिक अर्थ ज्ञान और भक्ति के समूह को परिभाषित करते हुए कहा कि जो वसुदेव अभी बंधनों से जकड़े हैं उन्ही से भगवान स्वयं को गोकुल पहुंचाने की बात करते हैं।
भगवान वही निवास करना अधिक पसंद करते हैं जहां ज्ञान और भक्ति का समूह उपस्थित हों।परमात्मा की कृपा से सारी प्रतिकूलताएं क्षण भर में अब अनुकूलताओं में बदल गईं।जैसे रामजी के गंगा जी किनारे पहुंचने पर केवट के हृदय में प्रेम हिचकोलें ले रहा है।अति आनन्द उमगि अनुरागा की स्थिति में है वैसी ही स्थिति आज महारानी यमुना जी की प्रसन्नता की है।
प्रेम जब अनंत हो गया, रोम रोम संत हो गया।आज यमुना प्रेम की प्रबलता के कारण कृष्ण जी को रोकने का प्रयास कर रही है।


यमुना जी को सदैव से एक कष्ट रहा है कि गंगा स्वयं भगवान के श्री चरणों से ही निकली है इसलिए आज अवसर है भगवान के चरणों को छू लिया जाय।प्रभु ने अपने दाहिने पैर को नीचे कर दिया।यमुना ने स्पर्श किया।आज परमात्मा भी और यमुना भी बहुत आनंदित हैं।परमात्मा ने आशीर्वाद दिया जैसे गंगा का महत्व है वैसा ही महत्व यम द्वितीया के दिन आपकी भी रहेगी और बड़े होने पर सारे खेल यमुना के किनारे ही खेलने का आश्वासन दिया।


कृष्ण को ले जाते समय वसुदेव निर्भीक हैं जबकि वापसी में कन्या को लेकर आते हैं तो भयभीत हैं कि कहीं कंस जान न गया हो।
परमात्मा जब साथ है तो भय कैसा?
इसलिए परमात्मा से कभी भी दूर नहीं होना।मारने वाला है भगवान,बचाने वाला है भगवान।
त्रेता में राम का सहयोग हनुमान ने किया आज द्वापर में कृष्ण का सहयोग माया कर रही है।श्री शुकदेवदेव जी महराज राजा परीक्षित से कहते हैं कि माया को परमेश्वर ने पूज्यनीय बना दिया जिनके कई स्वरूप है। कहीं दुर्गा तो ज्वाला , मां विंध्यवासिनी ही तो माया का स्वरूप हैं।
जिला प्रचारक आरएसएस रवि प्रकाश, सह जिला कार्यवाह वेद प्रकाश,खण्ड प्रचारक देवेन्द्र, इन्द्र प्रताप सिंह, एवं शारीरिक शिक्षण प्रमुख बृजेश, दिनेश तिवारी,सुन्दरलाल त्रिवेदी,तेज बहादुर सिंह,राम कुमार श्रीवास्तव,विनय सिंह,आकाश सिंह,कुशमेश सिंह,प्रभात अवस्थी,आदित्य श्रीवास्तव,प्रमेश उपाध्याय,वीरेंद्र सिंह,धर्मराज,गंगा बख्श,रमेश चंद्र शर्मा सहित बहुत सारे भक्त उपस्थित रहे।

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