मुरारी यादव बाराबंकी जिला संवाददाता
दिव्यांगता शब्द में शारीरिक व मानसिक दोनों प्रकार की दिव्यांगता शामिल होती है। जिले में हर्षोल्लास के साथ ही मनाया गया। ऐसे लोग जो मानसिक मंदता यानी मानसिक अक्षमता एवं मानसिक बीमारी का शिकार हों तथा जिसके चलते वे सीखने, लिखने, पढ़ने, व्यवहार करने या दूसरों के साथ संपर्क या सामंजस्य बैठाने में अक्षम हो।
ऐसे लोग जो बहु विकलांगता यानी ऐसी विकलांगता जिसमें शरीर के कई अंगों प्रभावित हों करती है या शरीर के एक या एक से ज्यादा अंग किसी भी कार्य को पूर्ण या आंशिक रूप से करने में सक्षम न हो। विकलांगता के मुद्दों पर काम कर रहे विकलांग अधिकार कार्यकर्ताओं और शिक्षाविदों के अनुसार जनगणना में ये संख्या वास्तविक संख्या का बहुत छोटा सा हिस्सा है। जी हां बताते चलें कि महिला मंगल दल अध्यक्ष द्वारा ब्लॉक बंकी की ग्राम पंचायत जसमंडा के प्रा. वि. में नेहा मौर्या की अगवाई में विश्व दिव्यांग दिवस पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। दिव्यांग बच्चों, गर्भवती, धात्री महिलाओं, किशोरियों और दिव्यांगों को उनके खानपान और रहन-सहन के प्रति सतर्क रहने के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया और यह भी कहा कि महामारी के दौरान सेनेटीपैड का प्रयोग करें, गर्भवती महिलाओं को अपने नवजात शिशुओं को जन्म से छः माह तक स्तनपान एवं स्वच्छता की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में सहायक अध्यापक सारिका ने बहुत ही प्रभावशाली ढंग से किया और कहा कि हमारे देश में दिव्यांगों के प्रति दो तरह की धारणाएं देखने को मिलती हैं।
समाजसेवी, गीतकार ध्यान सिंह चिंतन ने अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर समर्पित मुक्तक पढ़कर सुनाया। हर साल इस दिन दिव्यांग के विकास, कल्याण, समाज में उन्हें बराबरी का दर्जा देने पर गहन चर्चा की जाती है। वर्ष 2022 में अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस की थीम “समावेशी विकास हेतु परिवर्तनकारी समाधान रखी गई है। पहला, यह कि जरूर इसने पिछले जन्म में कोई पाप किया होगा, इसलिए उन्हें ऐसी सजा मिली है और दूसरा, यह कि उनका जन्म ही कठिनाइयों को सहने के लिए हुआ है, इसलिए उन पर दया दिखानी चाहिए। हालांकि यह दोनों धारणाएं पूरी तरह बेबुनियाद और तर्कहीन हैं। अध्यक्ष नेहा मौर्या ने इसी दौरान बंकी ब्लॉक की अन्य पंचायतों में जाकर दिव्यांगजनों को सम्मानित किया गया। तत्पश्चात अंबेडकर पार्क में संविधान निर्माता की प्रतिमा पर स्वच्छता की अलख जगाते हुए उपस्थित महिलाओं को शपथ दिलाई गई। इस दौरान प्रियंका, शिवप्रभा, लक्ष्मी, प्रीती, मीना, सरस्वती, नेहा के साथ ही रसोईयां मौजूद रही। सदर तहसील के अधिकांश संस्थानों में जागरूकता अभियान चलाया गया।
भारत में 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार विकलांग लोगों की संख्या लगभग 26.8 मिलियन है, यह जनसंख्या देश की कुल आबादी का 2.21 प्रतिशत है। वहीं संयुक्त राष्ट्र बाल कोष द्वारा नवम्बर 2021 में जारी की गई एक रिपोर्ट की माने तो विश्व भर में क़रीब 24 करोड़ विकलांग बच्चे हैं। यानि हर दस में एक बच्चा दिव्यांगता का शिकार है। रिपोर्ट के अनुसार 18 वर्ष व उससे अधिक उम्र की महिलाओं में, दिव्यांगता की औसत दर जहां 19% है (क़रीब हर पाँच में से एक महिला) वहीं पुरुषों के लिये यह आँकड़ा 12% का है। वहीं विश्व में लगभग 80 करोड़ दिव्यांगजन कामकाजी उम्र के हैं। प्रयास ट्रस्ट द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर नशा मुक्ति पर शपथ दिलाते हुए पुलिस लाइन कैम्पस में दिलाई गई।