✍️रिपोर्ट:राहुल राव

हाईलाइट

नगरीय निकाय चुनावों के प्रचार में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों व विधायक को चुनाव प्रचार में क्यों भेजा?

मुख्यमंत्री सहित वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, प्रभारी मंत्री प्रभुराम चौधरीय, इंदौर विधायक आकाश विजयवर्गीय ने मोर्चा संभाला

दोनों ही दलों में गुटबाजी चरम सीमा तक पहुंची


धार। नगरीय निकाय चुनावों में प्रदेश भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। मुख्यमंत्री सहित 4 केबिनेट मंत्री, विधायक को चुनाव प्रचार में भेजा गया हैं। नगरीय निकाय चुनावों में स्थानीय लोग पार्षद पद के लिए उम्मीदवार का व्यक्तिगत कार्य एवम व्यवहार को देखकर अपना वोट देते हैं। पार्षद पद का उम्मीदवार साफ स्वच्छ छवि का हो और उसका कार्य एवम व्यवहार वार्ड में अच्छा रहा हो, वार्डवासी उसे ही अपना वोट देकर पार्षद चुनते हैं। चाहे वह किसी भी दल का क्यों न हों, निर्दलीय उम्मीदवार भी व्यक्तिगत छवि के आधार पर जीत हासिल सकते हैं। नगरीय निकाय चुनावों में आम जनता राजनीतिक दलों को ध्यान में रखकर वोट नही देती हैं, बल्कि व्यवहार कुशल, शिक्षित योग्य उम्मीदवार का चुनाव करती हैं। फिर भी बीजेपी की ऐसी क्या मजबूरी हुइ कि उन्हे अपने मुख्यमंत्री, 4 केबिनेट मंत्री, विधायक आदि को चुनाव प्रचार अभियान में क्यों भेजना पड़ा?

आपको बता दें कि नगरीय निकाय चुनावों के तत्काल बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। नगरीय निकाय चुनावों के परिणाम को भाजपा टेस्ट के रूप में देख रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री यह बात अच्छी तरह से जानते है कि बीजेपी को विगत 2018 के विधानसभा चुनावों में मालवांचल क्षेत्र की 40 आदिवासी बहुल क्षेत्रों में खासा नुकसान हुआ था और सत्ता गंवाना पड़ी थी। इस कारण बीजेपी अपना ध्यान आदिवासी बहुल इलाकों में केन्द्रित करके आदिवासी क्षेत्रों में जीत हासिल कर यह दिखाना चाहती हैं कि बीजेपी को इन आदिवासी बहुल इलाकों का समर्थन मिल रहा है। नगरीय निकाय चुनावों में बीजेपी आदिवासी क्षेत्रों में हारती है तो बीजेपी हाईकमान आगामी विधानसभा चुनावों में प्रदेश के मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने पर विचार कर सकती है। अगर नगरीय निकाय चुनावों में बीजेपी आदिवासी बहुल इलाकों में हार जाती हैं तो शिवराज सिंह चौहान का हटना तय हो जायेगा। इसलिए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपनी कैबिनेट के मंत्रियों को जातिगत आधार पर इन क्षेत्रों में चुनाव प्रचार अभियान में झोंककर मुख्यमंत्री अपनी साख को बचाने में लगे हुए हैं! मुख्यमंत्री ने अपने ताजा बयान में कहा है कि मैं कार्यकर्ता की हैसियत से कार्य करता हूं और संगठन का फैसला शिरोधार्य है, मैं संगठन के काम में दरी बिछाने को तैयार हूं। पार्टी में संगठन सर्वोपरि होता है जो निर्णय हाईकमान लेगा मै उस निर्देश का सम्मान करूंगा। अभी वर्तमान समय में ज्योतिषी ने घोषणा की है कि आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का पलड़ा भारी दिखाईं दे रहा है और बीजेपी को नुकसान होने की संभावना है। इस बात से प्रदेश के मुखिया खासे चिंतित नजर आ रहे हैं। इसलिए नगरीय निकाय चुनावों में जीत हासिल करना जरूरी है अन्यथा शिवराज सिंह चौहान का चेहरा विधानसभा चुनाव के पूर्व बदल सकता हैं!
आपको बता दे कि राजनीतिक पंडितों का कहना है कि प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव बीजेपी शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में ही चुनाव लडेगी। प्रदेश भाजपा में शिवराज सिंह चौहान से बड़ा चेहरा दिखाई नहीं दे रहा है और बीजेपी हायकमान भी शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता को भुनाना चाहती हैं। अन्य प्रदेशों में बीजेपी ने चेहरा बदलकर सत्ता प्राप्त की है। किंतु मध्यप्रदेश अपवाद हैं। प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता बरकरार है।

नगरीय निकाय चुनावों में दोनों दलों में दिखाई दे रही गुटबाजी

नगरीय निकाय चुनावों में बीजेपी व कांग्रेस में गुटबाजी चरम सीमा तक पहुंच चुकी हैं और बगावत के सुर सुनाई दे रहे हैं। टिकिट वितरण के दौरान बीजेपी में जिलाध्यक्ष राजीव यादव व विक्रम वर्मा गुट के समर्थको द्वारा एक दूसरे के विरुद्ध आरोप प्रत्यारोप लगाए गए थे जिसमें पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती ममता जोशी ने खुलकर पार्टी का विरोध किया था और पार्टी से निष्कासित होने के लिए भी तैयार थी। निर्दलीय प्रत्याशी जो भाजपा समर्थित थे ऐसे प्रत्याशी को भाजपा ने 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इसी प्रकार कांग्रेस पार्टी में भी मुजीब कुरेशी और गौतम गुट के प्रत्याशी आपस में एक दूसरे का विरोध कर रहे हैं और आपसी गुटबाजी के कारण मारपीट, बैनर पोस्टर फाड़ने के विवाद पुलिस थाने तक पहुंच रहे हैं।

ये मंत्री विधायक पहुंचे चुनाव प्रचार में

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मनावर, धार, पीथमपुर आदि जगहों पर आमसभा रैली व रोड शो किए हैं और आदिवासियों को रिझाने के लिए पैसा एक्ट लागू कर उसे विस्तार से समझने का प्रयास किया है। बीजेपी का केंद्र बिंदु आदिवासी वोट बैंक बना हुआ है। मुख्यमंत्री के साथ प्रभारी मंत्री प्रभुराम चौधरी ने भी भ्रमण किया है। शिवराज सिंह के निर्देश पर मध्य प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने धार नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 1, 2 वार्ड क्रमांक 30 में भाजपा पार्षद पद प्रत्याशी के पक्ष में सघन जनसंपर्क कर मध्य प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया।

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव पहुंचे वार्ड क्रमांक 23, 24

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव का धार जिले में नगरी निकाय चुनाव क्षेत्रों में तूफानी चुनावी जनसंपर्क दौरा हुआ जिसमें सरदारपुर नगर परिषद के विभिन्न वार्डों में जनसंपर्क कर भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक ली। साथ ही धार नगरपालिका क्षेत्र क्रमांक वार्ड क्रमांक 23 व 24 में तूफानी जनसंपर्क व बैठक कर पीथमपुर नगर पालिका क्षेत्र छत्रछाया कॉलोनी में पार्षद प्रत्याशी के पक्ष जनसंपर्क किया ।

जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट पंहुचे वार्ड क्रमांक 3,6,30 में

कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट द्वारा भाजपा के पक्ष में धार नगर पालिका चुनाव क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 3 व 6 और वार्ड नंबर 30 में मांझी समाज की बैठक को संबोधित किया।

युवा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने युवाओं के साथ निकाली वाहन रैली

इंदौर के युवा विधायक कैलाश विजयवर्गीय के सुपुत्र आकाश विजयवर्गीय ने धार पहुंचकर युवा कार्यकर्ताओं के साथ नगर के प्रमुख मार्गो से वाहन रैली निकाली और युवाओं में जोश व उत्साह भरा।

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