। देवमई विकास खंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देवमई के अधीन उप प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भैसौली बदहाली पर आंसू बहा रहा है। एक दशक से अधिक समय पूर्व बने इस भैसौली उप प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बिजली व लेकिन इन्वर्टर सुविधा नही है। बाउंड्री वाल जगह-जगह से टूटी हुई है। जिससे आवारा पशुओं ने अस्पताल परिसर को अपना बैठका बना रखा है। अस्पताल में लगा समर्सिबल पंप कई वर्षों से खराब पड़ा हुआ है।बगल में तालाब होने के कारण वहां लगा हैंडपंप भी दूषित पानी दे रहा है। जिससे उपस्वास्थ्य केंद्र में शुद्ध पेयजल की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। भवन के चारों तरफ गन्दगी ही गन्दगी व्याप्त है। रोजाना सैकड़ों की संख्या में मरीज उपचार कराने के लिए अस्पताल पहुंचते है लेकिन सुविधाओं के अभाव में मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ती है।प्रभारी चिकित्साधिकारी का प्राय:गायब रहना एक अपने आप में विभागीय अनदेखी का जीता जागता उदाहरण है। जब भैसौली उप स्वास्थ्य केंद्र में जाकर पड़ताल की गई तो मौके में उपस्थित मिले सहायक चिकित्सक धर्मेन्द्र सचान ने बताया कि बॉउंड्री वाल टूटी होने के कारण लगभग तीन वर्ष पूर्व अस्पताल का कंप्यूटर, फ्रिज, पंखे व इनवर्टर अराजकतत्वों द्वारा चोरी कर लिये गये थे, तब से अस्पताल में इन उपकरणों का अभाव है। साथ ही अस्पताल में ओपीड़ी पर्चे भी ख़त्म हो गए है, समर्सिबल कई वर्षो से बंद पड़ा है। कर्मचारियों के लिये बने आवासों की स्थिती जर्जर है। भवनों के दरवाजे टूटे हुए है और आवारा जानवरों ने आवासों में अपना कब्ज़ा जमा लिया है। इस संदर्भ में जब देवमई प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सक जे.पी वर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि रखरखाव के लिये आये पिछले बजट में भवन का पुताई कार्य हुआ था, जल्द ही इन्वर्टर,समर्सिबल व फ्रिज की व्यवस्था कर दी जायेगी। सफ़ाई कार्य व बाउंड्री वाल का भी मरम्मतिकरण भी करा दिया जाएगा। उप प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नियुक्त प्रभारी चिकित्सक हिमांशु गुप्ता की अनुपस्थिति के बारे में पता लगाकर कार्रवाई की जाएगी। अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर जब पड़ताल की गई तो पता चला कि यहां नियुक्त प्रभारी चिकित्सक हिमांशु गुप्ता प्रति सप्ताह सिर्फ रविवार को आयोजित होने वाले स्वास्थ्य मेले में ही आते है। इससे स्वत:स्पष्ट है कि जब प्रभारी चिकित्सक ही नही रहते तो वहाँ की स्थिति का आंकलन किया जा सकता है कि अस्पताल कितना बदहाल है। स्थानीय ग्रामीणों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार प्रभारी चिकित्सक हिमांशु गुप्ता सप्ताह में सिर्फ एक दिन यानी माह में सिर्फ चार दिन अपनी सेवाएं देते हैं और विभागीय अधिकारियों की कृपा से पूरे माह का वेतन आहरण कर सरकारी मंसूबों पर पानी फेर रहा है।