रिपोर्ट नसीम अहमद मंडल मीडिया प्रभारी मुरादाबाद
स्योहारा। सरकार द्वारा अब विधुत विभाग को निजी हाथों में सोपने की तैयारी के विरोध में सभावादी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और किसान मैदान में आज के कम्युनिस्टों ने एक सिद्धांत के तहत बड़े पैमाने पर खामियां निकालीं, बड़े बाबू को फिर से नियुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री को भेजा गया चित्र दिखाया गया है कि
जब बिजली अधिनियम तब पारित किया गया था जिसमें यह प्रावधान किया गया था कि बिजली का वितरण आम जनता को बिना किसी लाभ के किया जाएगा लेकिन अबकी सरकार बिजली का अत्यधिक लाभ कैसे कमाए जाए इस बात की बात कही गई है।उजाला, पानी,खेती, व्यापार, उद्योग, स्कूल-कालेज, अस्पताल बैंक आदि से लेकर मोबाइल एवं इंटरनेट आदि के तहत बिजली आज हमारी दुकान की जरूरत बन गई है।
बिजली राजधानी स्थानीय फाल्ट, बिजली का महंगा होना, फुके ट्रांसफ़र जिस समय से वे प्लांट और स्ट्रीट तारो को न रिटेन किया गया, बिल्लो में हेरा फेरीआदि से जनता का विश्वास है, वहीं अन्य स्थानों पर बिजली को पुंजियालियों के हाथों में रखकर विचारधारा की तैयारी में सभी बिजली आधारित पहलुओं कोप्रभावित किया गया। परियोजना पर आर्थिक संकट और पोर्टफोलियो। निर्दिष्ट वर्गीकरण में मांग की गई है किबिजली का निजीकरण बंद करो। बिजली की प्रस्तावित मुल्य वृद्धि लो वापस। बिजली की गति धीमी हो गई। फ्रेंचाइजी को 300 यूनिट और किसानों को सीना देना फ्री बिजली का मुनाफा पूरा करना।अघोषित बिजली बिजली बंद करो। अधिभारित ट्रॉस फ़ार्मर स्टोअर तारो की परतें बदलो। बिल्लो में हेरा-फेरी बंद करो।मोटरिंग के नाम पर उसकी कीमत और अधिकार वृद्धि की स्कीम रोको।