नई दिल्ली:- केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह 21 जुलाई, 2023 को विज्ञान भवन में प्राथमिक कृषि ऋण समिति (पैक्स) द्वारा जन सेवा केंद्र (सीएससी) की सेवाएं शुरू करने पर एक राष्ट्रीय महासंगोष्ठी का उद्घाटन किया. इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव भी उपस्थित थे. सहकारिता मंत्रालय के विभाग राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (नेशनल को-ऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) ने सीएससी के सहयोग से इस महासंगोष्ठी का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में पैक्स द्वारा सीएससी की सेवाएं प्रदान किए जाने से सम्बंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई. उक्त प्रोग्राम का लाइव टेलीकास्ट जनपद बिजनौर में स्थित कुल 377 सीएससी केन्द्रों पर कराया गया, जिसमें 47 पैक्स एवं 1250 सीएससी संचालकों के साथ-साथ लगभग 31000 किसानों/ग्रामीणों के द्वारा उक्त प्रोग्राम का लाइव टेलीकास्ट देखा गया।
उल्लेखनीय है कि पैक्स ग्राम स्तर की सहकारी ऋण समितियां हैं जो राज्य सहकारी बैंकों (State Cooperative Banks- SCB) की अध्यक्षता वाली त्रि-स्तरीय सहकारी ऋण संरचना में अंतिम कड़ी के रूप में काम करती हैं. पैक्स, विभिन्न कृषि और कृषि गतिविधियों के लिए किसानों को अल्पकालिक एवं मध्यम अवधि के कृषि ऋण प्रदान करते हैं. पैक्स सहकारिता की रीढ़ हैं और इनके जरिए ग्रामीण क्षेत्रों मंक सीएससी सेवाओं की डिलिवरी से रोज़ग़ार के अवसरों में वृद्धि होगी.
अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने सीएससी को बधाई देते हुए कहा कि मात्र 2 माह के भीतर 17,176 पैक्स सीएससी बन चुके हैं जिसमें 6000 से अधिक ने ट्रांजेक्शन करना भी शुरू कर दिया है. अब हर पैक्स को 1-2 युवा को भी अपने केंद्र पर नौकरी देनी होगी जिसका मतलब है कि रोजगार और गांव की अर्थव्यवस्था दोनों को ही इस साझेदारी से लाभ मिलेगा. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भ्रष्टाचार खत्म करने और आमजन को मजबूत करने का जो बीड़ा उठाया था, उसको सीएससी और सहकारिता मंत्रालय मिलकर निभा रहे हैं.
श्री अमित शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में मोदी सरकार ने कई काम किए हैं. अब PACS पेट्रोल पंप चला पाएंगे, गैस की एजेंसी भी चला सकेंगे, CSC भी बन पाएंगे, सस्ती दवाई की दुकान भी चला सकेंगे, सस्ते अनाज की दुकान भी चला सकेंगे. आने वाले दिनों में ग्रामीण विकास और कृषि विकास का एक नया युग शुरू होगा.
पैक्स देश के सहकारी आंदोलन की मूल इकाई है, इसलिए पैक्स की व्यवहार्यता में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं. पैक्स के लिए मॉडल उपनियम, मंत्रालय द्वारा सभी स्टेकहोल्डर से सलाह के बाद तैयार किए गए हैं. ये नियम पैक्स को डेयरी, मत्स्य पालन, गोदाम, कस्टम हायरिंग केंद्र, उचित मूल्य की दुकानों, एलपीजी/डीजल/पेट्रोल डिस्ट्रीब्यूटरशिप, आदि सहित 25 से अधिक आर्थिक गतिविधियों को शुरू करके अपने व्यवसायों में विविधता लाने में सक्षम बनाएंगे. इसके अलावा, संबंधित मंत्रालयों के परामर्श से, पैक्स को कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के रूप में कार्य करने, एफपीओ बनाने, एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए आवेदन करने, खुदरा पेट्रोल/डीजल पंप आउटलेट खोलने, जन औषधि केंद्र खोलने, उर्वरक वितरण केंद्रों के रूप में काम करने आदि के लिए भी सक्षम बनाया गया है. पैक्स के जरिए सीएससी सेवाओं की डिलिवरी इनको मजबूत करने की दिशा में नया कदम है. अब, PACS देश में कॉमन सर्विस सेंटर की तरह सुविधाएं भी दे सकेंगे. इसका लाभ देश के करोड़ों लोगों को मिलेगा.


इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने सीएससी के कामकाज की भूरि-भूरि प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि साल 2014 के बाद से गवर्नेंस और सरकार के काम करने के तरीके में एक बड़ा बदलाव आया है. माननीय मंत्री ने कहा, “समाज के गरीब और वंचित वर्ग को सरकार की सुविधाओं को बिचौलियों के बिना पहुंचाया जा रहा है. 40 करोड़ लोगों के जन-धन अकाउंट खोले गए. यह संख्या पूरे यूरोप की आबादी के बराबर है. मोबाइल, आधार और जन-धन ने मिलकर समावेशी विकास का नया मॉडल स्थापित किया है. इसकी मदद से 30 लाख करोड़ रु. तक के सरकारी लाभ लोगों तक पहुंचे हैं. आज इसी विकास मॉडल में एक और आयाम स्थापित किया है-पैक्स अब देंगे सीएससी सेवाएं.”
अतिथियों का स्वागत करते हुए सीएससी एसपीवी के प्रबंध निदेशक श्री संजय राकेश ने कहा, “सीएससी की वजह से सरकार की सुविधाएं हासिल करने के लिए शहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती. 5 लाख से अधिक ऐसे केंद्र देश के दूरदराज इलाकों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. पैक्स और सीएससी की यह साझेदारी किसानों और नागरिकों को समृद्ध करेंगे, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और माननीय प्रधानमंत्री के सहकार से समृद्धि के विज़न को साकार करेगी.”
कार्यक्रम के दौरान, सचिव, सहकारिता मंत्रालय श्री ज्ञानेश कुमार, सहकारिता मंत्रालय और आइटी मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे. कार्यक्रम के दौरान पैक्स द्वारा सीएससी सेवाओं की डिलिवरी पर एक लघु फिल्म भी दिखाई गई.

ब्यूरो चीफ मोहम्मद फैज़ान की रिपोर्ट

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