बिसौली/बदायूं : अग्रवाल धर्मशाला में आयोजित भागवत कथा के नवमें दिन जगदगुरु स्वामी रामचंद्राचार्य महाराज ने नंद की वरुण भगवान की कैद से रक्षा, भगवान की रासलीला का वर्णन, अक्रूरजी का वृंदावन भगवान कृष्ण को लेने जाना, भगवान श्रीकृष्ण की वृंदावन से विदाई, भगवान का मथुरा आना, कंस का उद्धार करना, उग्रसेन महाराज का राज्याभिषेक करना व देवकी वासुदेव को कारागार से मुक्त कराने की कथा सुनाई। समापन के अवसर पर शुक्रवार को कथा सुबह नौ बजे शुरू होगी। दोपहर बाद विशाल भंडारे का आयोजन होगा। स्वामी जी ने कंस के आमंत्रण पर उद्धवजी महाराज के साथ भगवान श्रीकृष्ण व बलराम के मथुरा जाने का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि कान्हा को मारने की नीयत से कंस ने उन्हें बुलाया लेकिन वह नहीं जानता था कि स्वयं अपनी मृत्यु को आमंत्रित कर रहा है। प्रभु ने कंस का वध कर समस्त मानव जाति की रक्षा की।

भगवान कृष्ण ने जन्मदाता मां देवकी और पिता वासुदेव को कारागार से मुक्त कराकर चरणवंदना की। भगवान ने मथुरा के राजपाट को ठुकरा कर जेल में बंद कंस के पिता महाराजा उग्रसेन का राज्याभिषेक कर समाज को एक संदेश दिया। इसके अलावा स्वामी जी ने उद्धव-गोपी संवाद, श्रीकृष्ण का जरासंध को पराजित करना और अंत में रणछोड़ कर युद्ध से भाग जाना, द्वारका नगरी का निर्माण, रुक्मणी का हरण करना तथा रुक्मणी के साथ विवाह करना आदि मनमोहक कथा सुनाई। इस अवसर पर आयोजक कृष्णकांत अग्रवाल, विष्णुकांत अग्रवाल, रविप्रकाश अग्रवाल, कन्हई गर्ग, सुरेश अग्रवाल, संजय अग्रवाल, अंकुर अग्रवाल, शिवम, पुष्कर, प्रवीन अग्रवाल नादान, रिंकी, आस्था, सुभी, साक्षी, प्रियांशी, बृजबाला, अशोक अग्रवाल, आशा, अमित, मोहनलाल मौर्य, धीरेन्द्र भट्ट, रूपाली, मंजू कथूरिया आदि मौजूद रहे।

✍️ रिपोर्ट : आई एम खान संवाददाता बिसौली

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