रिपोर्ट:गुरदीप सिंह

औरैया।विकास खंड अछल्दा की ग्राम पंचायत धर्मपुर जहूर अली के छात्र व निवासी जलभराव की समस्या से वर्षो से जूझते नजर आ रहे है।
दलित वस्ती धर्मपुर जहूर अली गांव में एक इण्टर कालेज भी चलता है। जिसकी पढ़ाई की गुड़बत्ता क्षेत्र में कई वर्षों से कायम किये हुये है। जिसमे आस पास गांवो के छात्र व छात्राये जाने से वंचित रह जाते है। जिसके परिणाम स्वरूप फफूंद , अछल्दा ,दिबियापुर, रामगढ इन दूर दराज के कालेजो में जाने पर मजबूर है। पैसा खर्च होने के बाबजूद भी साबारी का साधन नही है। जबकि धर्मपुर जहूर अली के आस पास बने ग्रामीण क्षेत्रो के बच्चे जल भराव के कारण स्कूल आने पर मजबूर होते है। कहने को सरकार विकास का दम भरती नही थकती जबकि ग्रामीण क्षेत्र में धर्मपुर जहूर अली जैसे गांव देखने में पोल खुल जाती है।

ग्राम पंचायत पाता से मात्र लगभग 1 किमी० दूर ग्राम पंचायत पुर्वा आशा आशा मात्र लगभग 1.5 किमी० व ग्राम पंचायत धर्मपुर जहूर अली के मजरा लोहरई से मात्र लगभग 1 किमी० के बीचों बीच वसा धर्मपुर जहूर अली गांव वर्षो से सम्पर्क मार्ग को मोहताज है। यहाँ पर मजेदार बात ये है। जिस गांव के नाम से ग्राम पंचायत बनी है। उस गांव में जाने को रास्ता नही हैं। इस देनिये हालत के लिए प्रशासन से लेकर ग्राम प्रधानों की भूमिका कम नही है। क्षेत्रीय ग्रामीणों का कहना है। कि पाता पुर्वा आशा व धर्मपुर जहूर अली के ग्राम प्रधान चाहते तो मनरेगा के द्वारा भी पक्का सम्पर्क मार्ग बना सकते थे। परंतु दलित वस्ती व दलितों का कालेज होने से गांव उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। ऐसी हालत में जिला प्रशासन ने समस्या के तरफ ध्यान न दिया तो ग्रामीण क्षेत्र के वच्चो का भविष्य अंधकार में जाना तय है।

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