रिपोर्टर रजनीश कुमार औरैया । अजीतमल क्षेत्र में झोला छाप के प्रति प्रशासन ने निगरानी बढ़ानी शुरू कर दी है। बीते दिनों मोहारी गांव और भीखेपुर गांव में हुई मौत को लेकर झोलाछाप पर आरोप लगाए गए थे।वही शुक्रवार की शाम प्रशासन ने शक्ति दिखाई।बीते 3 सितंबर को क्षेत्र के मोहारी गांव निवासी अमर सिंह की इलाज के दौरान एक क्लिनिक पर मौत हो गई थी। वहीं बीते 6 सितंबर को क्षेत्र के भीखेपुर गांव निवासी उत्तम कुमार की भी भीखेपुर गांव स्थित एक क्लिनिक पर इलाज के दौरान मौत हो गई थी। स्वजनों ने क्लिनिक पर फर्जी डिग्री लिखकर लोगों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया था। साथ ही झोलाछाप द्वारा पर गलत इलाज करने का आरोप लगाया था। क्लीनिक पर मौजूद स्टाफ, हंगामा देखकर भाग गया था। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने क्लिनिक को सीज किया था। शुक्रवार की शाम बाबरपुर , अजीतमल कस्बे में खुले क्लिनिक, पैथोलॉजी आदि को चेक किया। उपजिलाधिकारी संध्या शर्मा, सी एच सी अधीक्षक डा0 अवनीश कुमार और पुलिस क्षेत्राधिकारी भरत पासवान की बनाई गई संयुक्त टीम द्वारा की जा रही चेकिंग से झोला छाप में हड़कंप मच गया। उपजिलाधिकारी संध्या शर्मा ने बताया कि भीखेपुर में हुई युवक की मौत के बाद, जिलाधिकारी की ओर से संयुक्त टीम बनाकर जांच के निर्देश दिए गए है। बाबरपुर कस्बे में कृष्णा मेडिकेयर सेंटर और अजीतमल कस्बे में प्राचीन नर्सिंग होम पर मौजूद स्टाफ की ओर से कोई कागजात न दिखा पाने से उन्हें सीज किया गया है। वहीं चार अन्य क्लिनिक संचालक जिन पर कोई डिग्री/डिप्लोमा है, उन्हें रजिस्ट्रेशन कराने और जिन के रजिस्ट्रेशन पूर्व में समाप्त हो चुके है, उन्हें रिनूवल कराने के लिए नोटिस जारी किए गए है। अभी पूरे क्षेत्र में लगातार यह अभियान जारी रहेगा। ताकि किसी भी मरीज के साथ कोई अप्रिय घटना न हो।

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