रिपोर्ट:ज्ञानेंद्र तिवारी पत्रकार लखीमपुर खीरी
लखीमपुर खीरी शारदीय नवरात्र के पहले दिन जिले भर के देवी मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली। शहर के प्रमुख संकटा देवी मंदिर में उमड़े श्रद्धालुओ ने पहले दिन मां शैल पुत्री की पूजा अर्चना की। इस दौरान मंदिर परिसर देवी मां के जयघोष से गूंज उठा। भक्तों की लंबी कतारें सुबह से ही मंदिर परिसर में लग गईं। लोगों ने बारी बारी से मां शैल पुत्री की पूजा अर्चना की ओर मनौतियां मांगी।
शारदीय नवरात्र रविवार से शुरू हो गए। पहले दिन शहर के प्राचीन संकटा देवी मंदिर में सुबह से ही भक्त पहुंचने लगे। भक्तों ने विधि विधान से संकटा मैय्या की पूजा अर्चना की। सबकी मंगल कामनाओं के लिए दुर्गा सप्तशती के साथ मां भगवती का पाठ शुरू किया गया। नवरात्र के पहले दिन मंदिरो और उनके बाहर मेले जैसा माहौल रहा। मंदिरों में पूजा अर्चना करने के बाद घर पहुंचकर घट की स्थापना की और नौ दिन व्रत रहने का संकल्प लिया। शहर के बंकटा देवी मंदिर और भुइयां देवी मंदिर समेत अन्य देवी मंदिरों में भी खासी भीड़भाड़ रही।
देवी मां के भक्तों की सुरक्षा को लेकर मंदिरों पर भारी पुलिस बल तैनात रहा।नवरात्रि प्रारंभ होते ही माता रानी के जयकारों से गूंजे देवी मंदिर भक्तों ने शुरू किया नवरात्रि व्रत, दिनभर चला पूजा- पाठ पलिया के प्रसिद्ध पांडे बाबा मंदिर में स्थापित देवी मूर्ति व पूजा करते श्रद्धालु।वही पलिया कलां में भी नवरात्र शुरू होते ही पलिया नगर सहित समूचे क्षेत्र के देवी मंदिरों में आज से नौ दिन तक व्रत रखने वाले देवी भक्त सुबह से मंदिरों में पहुंच पूजा- अर्चना करना शुरू कर दिए।उन्होंने जहां विविध पूजन -सामग्री से देवी की आराधना की, वहीं उच्च स्वर में खूब जयकारे भी लगाए।नगर के प्रमुख धार्मिक स्थल पांडे बाबा स्थान पर बने दुर्गा देवी के प्रसिद्ध मंदिर सहित श्रीकुल आश्रम के देवी मंदिर, माता कालरात्रि मंदिर, पीपल वाली देवी मठिया,ढाकिन मोहल्ले के देवी मंदिर, चीनी मिल मंदिर,व भुंइयन माता मंदिर सहित मझगई, भीरा ,संपूर्णानगर ,पटिहन, तिरकौलिया, नगला ,पतवारा, नौगवां, बोझवा आदि के देवी मंदिरों में भी सुबह से पहुंचे देवी भक्तों ने जल, पुष्प, सिंदूर, चुनरी सहित अन्य श्रृंगार सामग्री, कमलगट्टा ,सुपारी, नारियल, सेव, केला, अनार आदि अन्य फलों व मेवा मिष्ठान से पूजा- आराधना की और देवी मां के जयकारे लगाए। विद्वान आचार्यों व पंडित, पुजारियों ने जहां दुर्गा सप्तशती का पाठ किया, वहीं अनेक लोगों ने दुर्गा चालीसा पढ़कर देवी मां की आरती की। कई स्थानों पर महिलाओं ने ढोल मंजीरा बजाकर देवी गीत भी गाए।
घरों में व पंडालों में कलश के साथ मूर्ति स्थापित की गई।
शारदीय नवरात्र शुरू होते ही श्रद्धालुओं ने उपवास रखकर अपने घरों व पंडालों में कलश की स्थापना के साथ मां शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की। देवी मंदिरों में शुबह से ही दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ना शुरू हो गई। पूरा गांव घंटा घड़ियाल की ध्वनि के साथ मां के जयकारों से गूंज उठा। मंदिरों और सार्वजनिक पंडालों में देवी की भव्य प्रतिमाएं स्थापित की गईं ग्राम पंचायत भानपुर गांव के प्राचीन मंदिर में सुबह से ही दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया गया था। यहां कलश स्थापना और दुर्गा प्रतिमा की स्थापना के साथ नवरात्र पूजा का आगाज पंडित की देख रेख में हुआ। सुबह से ही दर्शनार्थियों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं। महिलाओं ने मां दुर्गा देवी के प्रसाद के साथ शृंगार सामग्री भी अर्पित की। मंदिर में पूरे दिन श्रद्धालुओ की भीड़ लगी रही। शारदीय नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा मूर्ति की स्थापना वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ रविवार को हुई।इससे पहले गांव की महिलाओं ने मां भवानी के जयकारों और गाजे-बाजे के साथ कलश स्थापना की।सेवादारों ने मंदिर प्रांगण और स्थापना स्थल पर बने भव्य पंडाल को रंग-बिरंगी बिजली झालरों और सुगंधित फूलों से सजाया गया। मंदिर के पुरोहित राजकुमार ने वैदिक मंत्रोच्चारण और हवन पूजन के साथ मूर्ति स्थापना के लिए भूमि पूजन किया। महिलाओं ने मंगल गीत गाए। मंदिर कमेटी के सेवादारों ने बताया कि नौ दिन तक चलने वाले दुर्गा पूजा समारोह में प्रतिदिन माता रानी के जागरण का आयोजन होगा जिसने हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होगे।