रिपोर्ट:राहुल राव
नीमच/मध्यप्रदेश। जिसके पास भक्ति होती है उसके पीछे पूरी दुनिया होती है इसलिए मोह माया में पड़ने के बजाय भगवान की भक्ति करे। भगवान से बीमा करने का फायदा जीवन साथ भी और जीवन के बाद भी होता है इसलिए सदैव ईश्वर स्मरण करते हुए जीवन को आनंद से जीना चाहिए। जहां पर गाय का पूरा कुल निवास करता है वहां 33 करोड़ देवी देवता व गोपाल का वास होता है। राम के स्मरण बिना जीवन का कल्याण नहीं होता है। यह बात जगतगुरु स्वामी श्री धीरेंद्राचायर् जी महाराज ने कही। वे श्री पंचमुखी बालाजी मंदिर परिवार एवं समस्त भक्तगण कानाखेड़ा के तत्वाधान एवं पंचमुखी बालाजी मंदिर स्थापना दिवस एवं मकर संक्रांति के पावन पवर् के उपलक्ष में आयोजित श्री राम कथा एवं अखंड रामायण पाठ के मध्य आयोजित धमर् सभा में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि भौतिकवादी दिखावा हमारी सनातन संस्कृति को समाप्त कर रहा है। भौतिकवादी दिखावे का त्याग कर जीवन में परमात्मा की भक्ति में लीन होना चाहिए तभी जीवन का कल्याण हो सकता है। संत दशर्न से जीवन में जीते जी मोक्ष हो जाता है। पाप कमर् दोष से बचना चाहिए नहीं तो हमें पाप के कारण दुःख भी मिलता है। जीवन के मन में सुधार होगा तो भगवान स्वीकार कर लेगा। तुलसी के पौधे की जगह मनी प्लांट, गाय की जगह कुत्ते ने ले ली है इसीलिए कलयुग में हर परिवार दुःखी है। जहां तुलसी रहती है वहां भगवान की दृष्टि रहती है और जहां गाय पाली जाती है वहां 33 करोड़ देवी देवताओं का वास होता है। हरि अनंत हरि कथा अनंत होती है। श्री रामजी और सीताजी ने चातक, कोयल, तोता, चकोर, मोर आदि 5 पक्षियों की तरह जीवन जीने का संकल्प लिया था। मातृशक्ति को सर पर पल्ला प्रथा का पालन ग्रामीण क्षेत्र में अधिक किया जाता है। श्री राम जी और सीता जी ने कभी भी जीवन में एक दूसरे पर क्रोध नहीं किया। पिता के यहां बेटी को, शोक, संतान के जन्म पर सूतक लगने में सर पर पल्लू ढक कर जाना चाहिए। यदि खुले सर जाती है तो पति की आयु कम होती है। मातृशक्ति को मंदिर, संत,भागवत सत्संग आदि स्थानों पर खुले सर नहीं जाना चाहिए नहीं तो रिद्धि सिद्धि चली जाती है।
महाराज श्री ने श्री रामजी वनवास प्रसंग, राक्षसी ताड़कासुर, मारिच और सुबाह राक्षक वध , श्री राम विवाह यज्ञ, सीता स्वयंवर, अथर्, धमर्, मोक्ष, काम, देवी अहिल्या, ऋषि गौतम विश्वकमार्, श्री राम ब्रह्मा, विष्णु आदि विषय का वतर्मान परिपेक्ष्य में महत्व प्रतिपादित किया।