केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने किया डायलिसिस यूनिट का शुभारंभ लखीमपुर खीरी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी और सदर विधायक योगेश वर्मा ने सोमवार को जिले की पहली पीपीपी मॉडल डायलिसिस यूनिट का शुभारंभ किया। इस यूनिट के शुरू हो जाने से किडनी के तमाम मरीजों को अब लखनऊ या आसपास के जिलों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। इस दौरान सीएमओ डॉ. शैलेंद्र भटनागर एसीएमओ डॉ. अनिल कुमार गुप्ता सीएमएस जिला चिकित्सालय डॉ. मदन लाल सहित डॉ. एस के मिश्रा, डॉ. वीके वर्मा, विनीत मनार, डीसीबी अध्यक्ष , ब्लॉक प्रमुख दिव्या सिंह, अम्बरीष सिंह, पुष्पा सिंह व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

ByIshtiyaq Ali

Apr 12, 2022

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने किया डायलिसिस यूनिट का शुभारंभ लखीमपुर खीरी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी और सदर विधायक योगेश वर्मा ने सोमवार को जिले की पहली पीपीपी मॉडल डायलिसिस यूनिट का शुभारंभ किया। इस यूनिट के शुरू हो जाने से किडनी के तमाम मरीजों को अब लखनऊ या आसपास के जिलों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। इस दौरान सीएमओ डॉ. शैलेंद्र भटनागर एसीएमओ डॉ. अनिल कुमार गुप्ता सीएमएस जिला चिकित्सालय डॉ. मदन लाल सहित डॉ. एस के मिश्रा, डॉ. वीके वर्मा, विनीत मनार, डीसीबी अध्यक्ष , ब्लॉक प्रमुख दिव्या सिंह, अम्बरीष सिंह, पुष्पा सिंह व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बेहद गंभीर हैं, लगातार स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी की जा रही है। 2016 में इसे लेकर सदन में उनके द्वारा प्रश्न किया गया था जिसके बाद इस पर तेजी से काम शुरू हो गया। ओयल में मातृ एवं शिशु अस्पताल बनकर तैयार है। वहीं मेडिकल कॉलेज पर तेजी से काम चल रहा है, आने वाले समय में स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा बदलाव दिखाई देगा।
सदर विधायक योगेश वर्मा ने इस दौरान कहा कि अभी तक डायलिसिस के लिए लोगों को या तो प्राइवेट अस्पतालों और या फिर लखनऊ के चक्कर लगाने पड़ रहे थे और इसमें उनका काफी पैसा खर्च होता था लेकिन अब इस यूनिट के शुरू होने से पैसा और समय दोनों की बचत होने वाली है।
इस दौरान सीएमओ डॉ. शैलेंद्र भटनागर ने कहा कि पीपीपी मॉडल पर बनी इस डायलिसिस यूनिट को मार्च 2019 में स्वीकृति मिली थी और 4 जनवरी 2022 को इसे सीएमएस जिला चिकित्सालय को हैंड ओवर कर दिया गया था। इसे बनाने में 57 लाख 42 हजार की लागत आई है जो मशीनें इसमें लगी है वे सभी जर्मनी मॉडल की हैं एक साथ छह लोगों की डायलिसिस की सुविधा है। आज पांच लोगों की डायलिसिस की जा रही है। शासन की मंशा के अनुरूप इसकी सेवाओं को और बेहतर किया जाएगा। अभी डीसीडीसी किडनी सेंटर 5 लोगों का स्टाफ तैनात किया गया है जिसमें रीजनल मैनेजर जुबेर, मैनेजर ओम शर्मा, सीनियर टेक्नीशियन हरेंद्र, जूनियर टेक्नीशियन धर्मेंद्र गुप्ता सहित अन्य स्टाफ शामिल है।
अब एक रुपए में होगी डायलिसिस
इस दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि अभी तक डायलिसिस में लोगों का हजारों रुपए खर्च होता था लेकिन अब इस डायलिसिस यूनिट के शुरू हो जाने से सिर्फ एक रुपए के पर्चे में किडनी के मरीजों की डायलिसिस हो जाएगी।

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