राम राम कुश्ती दंगल में दूसरे दिन पहलवानों ने अपनी ताकत और हुनर से सफलता प्राप्त किए

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जनपद –सिद्धार्थनगर (यू.पी)
रिपोर्ट – सूरज गुप्ता
मो०.6307598658

महिला पहलवानों ने भी जमकर दिखाया दांव पेच का कौशल, अपनी ताकत व सूझबूझ का मनवाया लोहा।

आखिरी कुश्ती में बाबा रविशंकर दास से बिना लड़े ही मोनीस अली उर्फ फकीर बाबा पहलवान कलेर शरीफ हार मान ली।

सिद्धार्थनगर – शुक्रवार को डुमरियागंज राप्ती नदी तट स्थित परशुराम वाटिका में मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर लगने वाले मेले में धर्म रक्षा मंच के तत्वाधान में आयोजित राम राम कुश्ती दंगल के दूसरे दिन देश विदेश से आए हुए पहलवानों ने अपनी ताकत और दावपेंच का लोहा मनवाया। रोचक मुकाबले ने दर्शकों को शुरू से आखिरी तक उत्साहित किया। दंगल देखने हजारों हजार की संख्या लोगों की भीड़ जुटी रही। पहलवानों के कौशल को देखकर दर्शकों ने जमकर तालियों के साथ जयकारे लगाए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप के मल्ल सम्राट व थाईलैंड चैंपियन राकेश सिंह पहलवान गोरखपुर का आगमन हुआ। उन्होंने बताया कि हर व्यक्ति को व्यायाम अवश्य करना चाहिए, व्यायाम मानव देह को स्वस्थ रखने का एक अत्यन्त आवश्यक उपाय है। दौड़, दंड-बैठक, सैर, कुश्ती, जिम्नैस्टिक, हॉकी, क्रिकेट, टेनिस आदि खेल व्यायाम के ही कई रूप हैं। व्यायाम से हमारे शरीर का हर अंग स्वस्थ रहता है। दूसरे दिन की पहली कुश्ती का आरंभ राम कुमार कुंवर, राजेंद्र पाण्डेय ने काली घटा पहलवान बक्सर बिहार और भूरा पहलवान हरियाणा का हाथ मिलवाकर कुश्ती का शुभांरभ किया। इस दौरान पहलवानों द्वारा उनको पगड़ी व माला पहनाकर सम्मानित किया। पहली कुश्ती में काली घटा पहलवान बेहतरीन दांव मारकर दूसरे पहलवान को चारों खाने चित कर दिया।

कुश्ती दंगल में पहलवानों ने जीत के लिए धोबी पछाड़, कला जंघ, बनारसी कला जंघ, चिरागदान, मोरपंख, सालतू, डबल टांग, एक लंगा, निकाल, उखाड़, लंगड़ी ढेकली, कैची जैसे कई दांव लगाते रहे। प्रतियोगिता में विभिन्न वर्ग में 101 पहलवानों ने हिस्सा लिया। वही कुश्ती में 6 महिला पहलवानों ने भी हिस्सा लिया। इनमें रोशनी और नम्रता ने अखाड़े पर शानदार पहलवानी का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक पूर्व विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि कुश्ती हमारी परंपरा में आदिकाल से शामिल है। इस खेल के माध्यम से परंपरा को जागृत रखने के लिये पहलवानों को प्रोत्साहन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पढ़ाई के साथ खेल भी जरूरी है। पहले के समय में कुश्ती लोग सेहत के लिये लड़ते थे अब यह खेल उद्योग का रूप ले लिया है। देश विदेश में बड़े बड़े कुश्ती दंगल का आयोजन होता हैं, जिसमें अपने देश के पहलवान परचम लहराते हैं। कुश्ती एक प्रकार का द्वंद युद्ध है जो बिना किसी सहायता से केवल शारीरिक बल के सहारे लड़ा जाता है। कुश्ती पूरी दुनिया में खेले जाने वाले प्रमुख खेलों में से एक है। शत्रुता निवारण के इस द्वंद युद्ध ने विशुद्ध व्यायाम और खेल की कला से परिचित व्यक्ति कम शक्ति वाला होकर भी अधिक शक्तिशाली व्यक्ति पर विजय प्राप्त कर सकता है। कुश्ती से न केवल शरीर बनता है बल्कि मानसिक विकास के साथ आत्मविश्वास बढ़ता है। उन्होंने कहा कि खेल में हार-जीत का कोई महत्व नहीं होता है बल्कि खेलों में सौहार्द का समावेश होना चाहिए। उन्होंने कुश्ती के चार दांव बताते हुए कहा कि यह खेल हमारी पुरातन परम्परा और संस्कृति से जुड़ा हुआ खेल है। दूसरे दिन के दंगल में प्रेम पहलवान गाजीपुर व रवि गोसाईगंज के मध्य रवि, रवि शास्त्री हरिद्वार व बदल राजस्थान के बीच रवि शास्त्री, शाहरुख सहारनपुर व नौसद गाजीपुर के मध्य शाहरुख, राकी राजस्थान व गौरव सहारनपुर के मध्य गौरव, रोशनी प्रयागराज व सरिता बिहार के रोशनी, शेरा बरेली व बाबा रविशंकर अयोध्या के मध्य रविशंकर, ज्वाला सिंह राजस्थान व बाबर कलेर शरीफ के मध्य बाबर, फायर बिग्रेड डुमरियागंज में कार्यरत सिपाही सुरेंद्र पहलवान व बदल पहलवान राजस्थान के मध्य सुरेंद्र, सोमवीर प्रयागराज व अनूपदास चूड़ा दही बाबा अयोध्या के मध्य अनूपदास चूड़ा दही बाबा विजई, मुन्ना टाइगर बनारस व बाबा रामकिशन दास हनुमानगढ़ी अयोध्या, काली घटा पहलवान आगरा व फकीर बाबा कलेर शरीफ में फकीर बाबा, वीर थापा नेपाल व भूरा हरियाणा के मध्य वीर थापा विजई, मुन्ना टाइगर बनारस व बाबा रविशंकर दास के मध्य बाबा रविशंकर दास, बलि बहादुर थापा नेपाल व महेन्द्र प्रयागराज के मध्य बलि बहादुर थापा आदि काफी रोमांचक मुकाबले के साथ विजई हुए। पहले दिन के दंगल में तीन बार विजई मोनीस अली उर्फ फकीर बाबा पहलवान कलेर शरीफ ने आखिरी कुश्ती में बाबा रविशंकर दास से बिना लड़े ही हार मान ली, जिसपर दर्शकों खूब वाहवाही कर जयकारे लगाए। दंगल में रेफरी की भूमिका मंगला पहलवान व संचालन की भूमिका हनुमान जायसवाल, केहर सिंह व भारत सिंह ने संयुक्त रूप से निभाई। कार्यक्रम में जिला प्रभारी भाजपा हरिचरण कुशवाहा, पूर्व मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी, लवकुश ओझा, लालजी शुक्ला, गौरी शंकर अग्रहरि, डॉ दशरथ चौधरी, फतेह बहादुर सिंह, अजय उपाध्याय, अनिल जायसवाल, शम्भू अग्रहरि विष्णु गिरि, श्याम पाठक, सुषमा श्रीवास्तव, नीरा दुबे, राजीव कुमार, शत्रुहन सोनी, राजेश सभासद, प्रेम चंद्र यादव आदि ने पहलवानों का हाथ मिलाकर कुश्ती आरंभ करवाया और विजई पहलवानों को पुरस्कार प्रदान कर प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम के अंत में पूर्व विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने आए हुए अतिथियों को मोमेंटो व अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया और आयोजक मण्डल सहित आए हुए दर्शकों का आभार प्रकट कर धन्यवाद ज्ञापित किया।इस दौरान कार्यक्रम के संयोजक तिलक साहू, चन्द्र प्रकाश चौधरी, धर्मराज वर्मा, शैलेश सिंह, शत्रुहन सोनी, हरीश पाण्डेय, एडवोकेट राजीव अग्रहरि आदि सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहें।

डुमरियागंज के पहलवानों ने भी अखाड़े में दिखाया दम

सिद्धार्थनगर – शुक्रवार को डुमरियागंज राप्ती नदी तट स्थित परशुराम वाटिका में मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर लगने वाले मेले में धर्म रक्षा मंच के तत्वाधान में आयोजित राम राम कुश्ती दंगल के दूसरे दिन डुमरियागंज के पहलवानों ने भी जोर लगाया। डुमरियागंज अंगद पहलवान व सहारनपुर चांद के मध्य बराबरी में समाप्त हुआ, वही सोनू चंडीगढ़ व आकाश तिरंगा होटल डुमरियागंज के मध्य आकाश विजई हुए। इस दौरान दर्शकों में काफी उत्साह दिखा दर्शकों ने आकाश को कंधे पर बिठाकर बधाई व पुरस्कार दिया।

पहलवानों के करतब दिखा खूब वाहवाही लूटी

सिद्धार्थनगर – शुक्रवार को डुमरियागंज राप्ती नदी तट स्थित परशुराम वाटिका में मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर लगने वाले मेले में धर्म रक्षा मंच के तत्वाधान में आयोजित राम राम कुश्ती दंगल के दूसरे दिन प्रदीप शास्त्री पहलवान व वीर बहादुर थापा पहलवान ने करतब दिखाकर खूब वाहवाही लूटी। प्रदीप शास्त्री पहलवान ने बेल के फल को हवा में उछलकर अपने सर से फोड़ा, वही वीर बहादुर थापा पहलवान ने नुकीले सरिया को जमीन पर गाड़कर सरिये के नोक पर अपने सर के बल खड़ा हो गया। जिस पर दर्शकों ने खूब सराहना किया।

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