रिपोर्ट:रोहित सेठ
🔵एक भारत श्रेष्ठ भारत” की भावना को बढ़ाने की शृंखला में पहल— कुलपति प्रो शर्मा.
भारत एक अनोखा राष्ट्र है, जिसका निर्माण विविध भाषा, संस्कृति, धर्म के तानो बानो, अहिंसा और न्याय के सिद्धांतों पर आधारित स्वतंत्रता संग्राम तथा सांस्कृतिक विकास के समृद्ध इतिहास द्वारा एकता के सूत्र में बाँध कर हुआ है।एक साझा इतिहास के बीच आपसी समझ की भावना ने विविधता में एक विशेष एकता को सक्षम किया है, जो राष्ट्रवाद की एक लौ के रूप में सामने आती है जिसे भविष्य में पोषित और अभिलषित करने की शृंखला में “संस्कृत तमिल” शोध पीठ की स्थापना करने का संकल्प है।
उक्त विचार सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने
भारत के यशस्वी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ अभियान को सफल बनाने तथा काशी तमिल संगमम के उद्देश्य के आलोक में भाषायी समन्वय स्थापित करने के अभियान के दौरान “विश्वविद्यालय विकास समिति” की बैठक में व्यक्त किया।
संस्कृत- तमिल साहित्य का प्रसार और विकास निर्मित होगा—
कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने बताया कि काशी तमिल संगमम का उद्देश्य देश की दो सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन शिक्षा पीठों,तमिलनाडु और काशी के बीच सदियों पुराने संबंधो की पुष्टि को और प्रगाढ़ बनाने की दृष्टि में संस्कृत- तमिल शोधपीठ की स्थापना ही मुख्य उद्देश्य है।तमिल साहित्य में भी दुनियां के उत्कृष्ट साहित्य और वैज्ञानिक अन्वेषण संरक्षित हैं जिनका संस्कृत भाषा से समन्वय स्थापित कर शोधपीठ की स्थापना से दोनों पक्षों के विद्यार्थियों और शिक्षकों को नवीन ऊर्जा के साथ नित्य नवीन नवाचार और अन्वेषण से समृद्ध ज्ञान राशि का आदान-प्रदान होगा। दोनों स्थानों के शिक्षकों और विद्यार्थियों का तालमेल भी जुड़ेगा, एक दूसरे की संस्कृतियों और आत्मिक भावनाओं का जुड़ाव होगा।इससे काशी तमिल संगमम ‘,एक भारत,श्रेष्ठ भारत, की भावना का सम्मान बढ़ेगा।