गौकशी बंद कराने हेतु शंकराचार्य जी के संकल्प पूर्ति हेतु लिंगराज मंदिर में हुआ दर्शन पूजन।

रोहित सेठ

वाराणसी गौमाता को राष्ट्रमाता बनाने व गोकशी बंद कराने हेतु कृतसंकल्पित परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज के संकल्प पूर्ण होने की मंगलकामना को लेकर शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय के नेतृत्व में काशी से गए सैकड़ों के संख्या में शंकराचार्य भक्त मंडली परिवार के सदस्यों ने उड़ीसा के भुवनेश्वर में 11वीं शताब्दी में स्थापित शिल्पकला के अद्भुत कारीगरी द्वारा निर्मित श्रीलिंगराज हरिहर मंदिर सहित माता पार्वती, कालभैरव,लक्ष्मी-नारायण,नृसिंग,श्रीराम आदि मंदिरों में दर्शन पूजन देवी देवताओं से प्रार्थना एवं पदयात्रा किया।पदयात्रा के पश्चात आयोजित धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने कहा कि आज से करीब 2530 वर्ष पूर्व आद्य भगवत्पाद शंकराचार्य भगवान ने जब 72 मतों को पराजित कर सनातनधर्म का पुनर्स्थापना किए थे।उस समय से भी बहुत अधिक कलिकाल के चलते स्थिति वर्तमान समय मे खराब है।क्योकि उस समय के अधर्मी लोगों में अधिक नैतिकता थी।आद्य भगवत्पाद शंकराचार्य भगवान से शास्त्रार्थ में पराजित होने के बाद उस समय के अधर्मी व विधर्मी लोग अपनी पराजय स्वीकार कर उन्हें व सनातनधर्म को श्रेष्ठ मान लेते थे।लेकिन आज के समय मे किसी व्यक्ति को सत्य व धर्म के आधार पर अगर आप पराजित कर देंगे तो वो पराजय स्वीकार करने के स्थान पर आपको ही येन केन प्रकारेण मिटाने का प्रयास करने लगेंगे।ऐसे कठिन समय मे पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज कठिन तप व अवर्णनीय प्रयास के माध्यम से धर्म व सत्य को स्थापित करने हेतु अप्रतिम संघर्ष कर रहे हैं।उसी क्रम में गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने व गोकशी बंद कराने हेतु शंकराचार्य जी महाराज कठिन संघर्ष कर रहे हैं।इसलिए हर सनातनधर्मी का यह धर्म बनता है कि वो पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य जी महाराज से जुड़कर सनातनधर्म के मूल्यों को पुनर्स्थापित करने में अपना सहभागिता सुनिश्चित करे।समस्त आयोजन में सर्वश्री:-गुड्डी पाण्डेय,सुषमा उपाध्याय,आकाश पूजापण्डा,चंदन बडू, राहुल माहश्वर,दिनेश बडू,शुभेंदु राय,अनन्या उपाध्याय,अथर्व उपाध्याय आदि लोग सम्मलित थे।

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