रमजान के आखिरी जुमा पर अलविदा की नमाज अदा की गई। तहसील सहसवान के विभिन्न इलाकों की मस्जिदों में जुटे हजारों अकीदतमंदों ने अल्लाह के बारगाह में शीश झुकाए। साथ ही मुल्क में अमनचैन कायम रहे इसके लिए अल्लाह से दुआ मांगी गई। शुक्रवार को सुबह से ही मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में काफी चहल-पहल रही। नियत समय पर सभी मस्जिदों की ओर रवाना हुए। क्या बच्चे, क्या युवा और क्या वृद्ध सभी में अलग उत्साह नजर आ रहा था। मस्जिदों में नमाजियों की कतार लगी रही। सहसवान के जामा मस्जिद में पेश इमाम सलीम अख्तर ने नमाज का खुतबा देते हुए लोगों को अल्लाह के रास्ते पर चलने का आह्वान किया। मौलाना सलीम अख्तर ने कहा कि जिस शख्स ने रोजा न रखा हो। उसे चाहिए कि वह सच्चे दिल से अल्लाह से अपने गुनाहों की तौबा कर ले। अलविदा जुमा उसके लिए है जिसने इस मुबारक महीने में रोजे रखे हो, जिसने रोजा नहीं रखा, उसके लिए अलविदा जुमा का कोई मतलब नहीं है। नमाज के बाद हजारों लोगों ने अल्लाह के बारगाह में हाथ बुलंद कर मुल्क में अमन और सलामती की दुआ मांगी। करारी के सियाजामा मस्जिद में मौलाना जमीर है। इसी प्रकार सहसवान सहित दर्जनों गांवों में आखिरी खुतबे की नमाज में हजारों की संख्या में नमाजी जमा हुए। वहां इमामों ने खुतबे में मुसलमानों का आह्वान किया कि वह इस मुबारक महीने में अपने-अपने गुनाहों की मगफिरत के लिए अल्लाह की बंदगी में हाथ बुलंद कर गुनाहों से तौबा करें।

तहसील सहसवान के सभी थाना क्षेत्रों में अलविदा की नमाज सकुशल संपन्न हुई। इस दौरान तहसील क्षेत्र की सभी मस्जिदों में पुलिस बल ड्यूटी लगाई गई थी। साथ ही सभी थानाध्यक्षों समेत क्षेत्राधिकारी व अन्य उच्च अधिकारी लगातार भ्रमणशील रहे। क्षेत्राधिकारी सहसवान ने कई संवेनशील क्षेत्रों में भ्रमण करके पुलिस ड्यूटियों को चेक किया तथा सतर्कता बरतने की हिदायत दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *