*नए आपराधिक कानून: न्याय प्रणाली में क्रन्तिकारी बदलाव
*आसिफ रईस बिजनौर
भारतीय न्याय संहिता (BNS), या नए आपराधिक कानून, एक ऐतिहासिक कानून है जो भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाता है। 1 जुलाई, 2024 से प्रभावी, BNS भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेगा। इसके कुछ मुख्य प्रावधान इस प्रकार है:*कार्यान्वयन – क्षमता निर्माण – नागरिक जागरूकता**समय पर न्याय** समय-सीमा निर्धारितः हमारा प्रयास रहेगा कि 3 साल में मिल जाये न्याय* तरीख पर तरीख से मिलेगी मुक्ति* 35 सेक्शनों में टाइमलाइन जोड़ी गई* इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से शिकायत देने पर 3 दिन में FIR दर्ज* यौन उत्पीड़न में जाँच रिपोर्ट 7 दिन के भीतर भेजनी होगी।* पहली सुनवाई के 60 दिनों के भीतर आरोप तय होंगे।* घोषित अपराधियों के खिलाफ अनुपस्थिति की स्थिति में 90 दिनों के भीतर मुकदमा* आपराधिक मामलों में मुकदमे की समाप्ति के 45 दिनों के अंदर निर्णय देना होगा।*नए आपराधिक कानून “दंड नहीं, न्याय केन्द्रित** सामुदायिक सजा: छोटे अपराधों में* भारतीय न्याय दर्शन के अनुरूप* 5000 रुपए से कम मूल्य की चोरी पर कम्युनिटी सर्विसेज का प्रावधान* 6 अपराधों में कम्युनिटी सर्विसेज को समाहित किया गया*महिलाओं और बच्चों के अपराध** प्राथमिकताः महिलाओं व बच्चों के खिलाफ अपराध (पहले खजाने की लूट थी) * BNS में ‘महिलाओं व बच्चों के प्रति अपराध’ पर नया अध्याय* महिलाओं व बच्चों के अपराध से संबंधित 35 धाराएँ हैं जिनमें लगभग 13 नए प्रावधान है और बंकि में कुछ संशोधन* गैंगरेप: 20 साल की सजा/आजीवन कारावास* नाबालिग के साथ सामूहिक बलात्कारः मौत की सजा/आजीवन कारावास * झूठा वादा/पहचान छिपाकर यौन संबंध बनाना अब अपराध है* पीड़िता का बयान उसके आवास पर महिला अधिकारी के सामने ही रिकॉर्ड* पीड़िता के अभिभावक की उपस्थित में होगा बयान दर्ज*तकनीक का उपयोग*• विश्व की सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली बनानी है • 50 साल तक आने वाली सभी आधुनिक तकनीक इसमें समाहित हो सकेंगी* कम्प्यूटराइजेशनः पुलिस इन्वेस्टीगेशन से लेकर कोर्ट तक की प्रक्रिया* जीरो FIR, ई-FIR, चार्जशीट… डिजिटल होगी* 90 दिन में मिलेगी पीड़ित को जानकारी • फोरेंसिक अनिवार्य: 7 साल या अधिक की सजा वाले मामलों में* साक्ष्यों की रिकार्डिंगः जाँच-पड़ताल में साक्ष्यों की रिकार्डिंग को अनुमति* वीडियोग्राफी अनिवार्यः पुलिस सर्च की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी • E-बयानः बलात्कार पीड़िता के लिए E-बयान* कोर्ट में ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग प्रस्तुत की जाएगी।* E-पेशीः गवाहों, आरोपियों, विशेषज्ञों और पीड़ितों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पेशी।*फॉरेंसिक को बढ़ावा** फोरेंसिक अनिवार्य: 7 वर्ष या अधिक की सजा वाले सभी अपराध* इन्वेस्टीगेशन में साइंटिफिक पद्धति को बढ़ावा* कन्विक्शन रेट को 90% तक ले जाने का लक्ष्य* सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में फोरेंसिक अनिवार्य* राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर 5 वर्ष में तैयार होगा* मैनपावर के लिए राज्यों में FSU शुरू करना* फॉरेंसिक के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए जगह-जगह लैब बनाना*मॉब लिंचिंग** पहली बार मॉब लिंचिंग को परिभाषित किया गया* नस्ल/जाति/समुदाय, लिंग, जन्म स्थान, भाषा आदि से प्रेरित हत्या/गंभीर चोट मॉब लिंचिंग* 7 वर्ष की कैद का प्रावधान* स्थायी विकलांगता 10 वर्ष की सजा/आजीवन कारावास*विक्टिम सेंट्रिक कानून** विक्टिम-सेंट्रिक कानूनों के 3 प्रमुख फीचर्स:1. विक्टिम को अपनी बात रखने का मौका2. इनफार्मेशन का अधिकार और3. नुकसान के लिए क्षतिपूर्ति का अधिकार* जीरो FIR दर्ज करने को किया संस्थागत* अब FIR कहीं भी दर्ज कर सकते हैं* विक्टिम को FIR की एक प्रति निःशुल्क प्राप्त करने का अधिकार* 90 दिनों के भीतर जाँच में प्रगति की जानकारी*राजद्रोह को हटाना और ‘देशद्रोह’ की व्याख्या** गुलामी की सभी निशानियों का समाप्त करना* अंग्रेजों का राजद्रोह कानून राज्यों (देश) के लिए नहीं बल्कि शासन के लिए था* ‘राजद्रोह’ जड़ से समाप्त* लेकिन, देश विरोधी हरकतों के लिए कठोर सजा* भारत की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ कार्य पर 7 साल तक या आजीवन कारावास*पुलिस की जवाबदेही में इजाफा** सर्च और जब्ती में वीडियोग्राफी अनिवार्य* गिरफ्तार व्यक्तियों की सूचना देना अनिवार्य* 3 वर्ष से कम कारावास/60 वर्ष से अधिक उम्र में पुलिस अधिकारी की पूर्व अनुमति अनिवार्य* गिरफ्तार व्यक्ति को 24 घंटों के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना होगा* 20 से अधिक ऐसी धाराएँ हैं जिनसे पुलिस की जवाबदेही सुनिश्चित होगी* पहली बार Preliminary Enquiry का प्रावधान करा गया