रिपोर्ट -राजेश गुप्ता
🔵नमामि गंगे ने गंगा से निकाला प्लास्टिक कचरा , दिया संदेश गंगा को मिले प्लास्टिक से आजादी।
🔵” कपड़े के झोले बांटकर जनमानस से किया आह्वान : बिना प्लास्टिक के दिन गुजार कर पर्यावरण के बने सहयोगी “।
गंगा को पूर्ण रुप से प्लास्टिक मुक्त करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस 3 जुलाई बुधवार को नमामि गंगे ने प्लास्टिक मुक्त गंगा अभियान शुरु किया । दशाश्वमेध घाट पर गंगा की तलहटी से प्लास्टिक और अन्य प्रदूषण कारक पदार्थों को निकालकर पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई गई । हमारी आने वाली पीढ़ियों को शुद्ध जल, हवा, मिट्टी एवं पर्यावरण मिले, इसके लिए पर्यावरण संरक्षण, प्लास्टिक का उपयोग न करने एवं वृक्षारोपण पर सभी को विशेष ध्यान देने के लिए आवाह्न किया गया ।
गंगा घाटों को प्लास्टिक मुक्त रखने की अपील के साथ लोगों में कपड़े के झोले का वितरण किया गया । पर्यावरण संरक्षण को प्रेरित करती तख्तियों के माध्यम से संदेश दिया कि पर्यावरण का संरक्षण करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि गंगा को प्लास्टिक के कचरे से मुक्त करना संभव है। इस काम में सभी को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। गंगा सिर्फ नदी नहीं है, इसमें भारत की आत्मा प्रवाहित होती है। इसे प्लास्टिक और प्रदूषण से बचाने की जिम्मेदारी सरकार के साथ समाज की भी है। यदि हम बिना प्लास्टिक के दिन गुज़ारें तो पर्यावरण के सहयोगी बन जाएंगे ।
राजेश शुक्ला ने बताया कि हर दिन दुनिया के महासागरों, नदियों और झीलों में प्लास्टिक से भरे लगभग 2,000 कचरा ट्रक फेंके जाते हैं। पिछले कुछ वर्षों में प्लास्टिक के अत्यधिक उपयोग ने पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ावा दिया है, जिससे लाखों लोगों और जानवरों की आजीविका पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल अंतर्राष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस मनाया जाता है। आयोजन में प्रमुख रूप से नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला, सुमित सिंह, पिंटू बिंद, अर्जुन प्रसाद, सुनीता , प्रज्ञा सिंह व नागरिक उपस्थित रहे ।