शास्त्रीय ज्ञान के साथ तकनीकी ज्ञान का होना है आवश्यक – डॉक्टर धर्मेंद्र सिंह।
शास्त्रीय ज्ञान के साथ तकनीकी ज्ञान का होना है आवश्यक – डॉक्टर धर्मेंद्र सिंह।
रोहित सेठ
वाराणसी 31 अगस्त श्री स्याद्वाद महाविद्यालय भदैनी वाराणसी में शनिवार को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत आचार्य कक्षा के 26 विद्यार्थियों को टेबलेट वितरित किए गए इस समारोह के मुख्य अतिथि डॉक्टर धर्मेंद्र सिंह सदस्य विधान परिषद उत्तर प्रदेश सरकार रहे बतेर मुख्य अतिथि डॉक्टर सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के प्रधान मंत्री एवं मुख्यमंत्री युवाओं के रोजगार एवं समृद्धि के लिए तत्पर हैं संस्कृत विषय के आचार्य तकनीकी ज्ञान से दक्ष हो । इसके लिए यह टेबलेट वितरण किया जा रहे हैं उन्होंने संस्कृत के विद्वानों एवं विद्यार्थियों से अनुरोध किया कि हिंदू संस्कृति को एकजुट करने के लिए कार्य करें जाती पाती के भेद में समाज को न बैठने दे उन्होंने आगे कहा कि महावीर स्वामी जियो और जीने दो का उपदेश दिया है इस सिद्धांत से प्रेरित होकर प्रधानमंत्री सबका साथ सबका विकास का मंत्र पर कार्य कर रहे हैं
विशिष्ट अतिथि प्रो ओम प्रकाश सिंह पूर्व निदेशक मदन मोहन मालवीय हिंदी पत्रकारिता संस्थान काशी विद्यापीठ ने कहा कि इस टेबलेट वितरण से तकनीकी कौशल से जुड़कर संस्कृत के छात्र लाभान्वित होंगे एवं देश-विदेश में इस टैबलेट के माध्यम से भारतीय संस्कृति की सभी सूचनाओं देश-विदेश तक पहुंचाएंगे ,ऑनलाइन उपलब्ध दुनिया के विभिन्न भागों की सूचनाओं से अवगत होंगे । सरकार का यह कदम सराहनीय है
महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो फूलचंद जैन प्रेमी ने महाविद्यालय का परिचय देते हुए विद्यालय का इतिहास एवं योगदान पर प्रकाश डाला। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर अमित कुमार जैन ने कहा कि प्रथम अवसर है कि इस महाविद्यालय के छात्रों को टेबलेट वितरण किया जा रहे हैं इसके लिए प्रदेश सरकार को आभार प्रकट किया और कहा कि कल मुख्यमंत्री जी ने छात्रों की छात्रवृत्ति भी बढ़ा दी है इससे छात्रों का सर्वांगीण विकास होगा। टैबलेट को पाकर सभी छात्र गदगद दिखे कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री दीपक जैन ने की धन्यवाद ज्ञापन डॉ मंदिर विरलकुमार ने की ,इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रोफेसर अशोक कुमार जैन डॉक्टर पवन शुक्ला प्राचार्य शास्त्रार्थ संस्कृत महाविद्यालय डॉ पंकज पुरोहित, डॉ निर्मल जैन, प्रमिला सामरिया विजय जैन टंकी वाले,गोयेनका संस्कृत महाविद्यालय के आचार्यों के साथ अनेक महाविद्यालय के आचार्य गण उपस्थित हुए।