मनीष कांत शर्मा

बदायूँ।कादरचौक ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय अन्तुईया में आज राष्ट्रीय पर्व गांधी जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई साथ ही शास्त्री जयंती भी धूमधाम से मनाई गई। गांव में प्रभात फेरी निकाली गई और बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए, जिसमें जमीर अहमद नोडल शिक्षण संकुल ने बच्चों को बताया कि मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर सन 1869 ई को गुजरात राज्य के पोरबंदर में काठियावाड़ रियासत में हुआ था और मोहनदास करमचंद गांधी की मृत्यु 30 जनवरी सन 1948 ई को नई दिल्ली में हुई थी। महात्मा गांधी के पिता जी का नाम करमचंद गांधी था। करमचंद गांधी जी काठियावाड़ रियासत के दीवान थे, करमचंद गांधी जी राजस्थान कोर्ट के सभासद राजकोट में दीवान और कुछ समय तक बीकानेर के दीवान के उच्च पद पर रहे। करमचंद गांधी ने चार शादियां की महात्मा गांधी करमचंद गांधी की चौथी पत्नी पुतलीबाई की सबसे छोटी संतान में थे।

करमचंद गांधी की पहली पत्नी के एक पुत्री थी मूलीबेन गांधी, करमचंद गांधी की दूसरी पत्नी से भी एक पुत्री हुई पानकुवर बेन गांधी, करमचंद गांधी की तीसरी पत्नी से कोई संतान नहीं हुई, करमचंद गांधी की चौथी पत्नी पुतलीबाई से चार बच्चे हुए, जिनमें से तीन बेटे और एक बेटी हुई, महात्मा गांधी मोहनदास पुतलीबाई की सबसे छोटी संतान थे, तीनों बेटों के नाम- लक्ष्मीदास, करसनदास, मोहनदास और बेटी का नाम रलियत बेन गांधी था। करमचंद गांधी जी अपने सबसे बड़े पुत्र लक्ष्मीदास (1861) को प्यार से कालदास, पुत्री रलियत बेन (1862) को गोकी बेन, करसनदास (1866) को कृष्णदास कहकर बुलाते थे। महात्मा की माता का नाम पुतलीबाई था, जिनका जन्म जूनागढ़ के पास दात्राला गांव में हुआ था, जो एक निर्धन परिवार से संबंध रखती थी। महात्मा गांधी की पत्नी का नाम कस्तूरबा गांधी था, जिन्हें गांधी जी प्रेम से बा कह कर पुकारते थे। कस्तूरबा का जन्म 11 अप्रैल (1869) में महात्मा गांधी की तरह काठियावाड़ के पोरबंदर नगर में हुआ था। कस्तूरबा के पिता गोकुलदास मकन जी एक सामान्य व्यापारी थे। कस्तूरबा अपने माता-पिता की तीसरी संतान थी। सात वर्ष की उम्र में सन 1876 में कस्तूरबा की सगाई महात्मा के साथ कर दी गई, जो उनके उम्र में लगभग 6 महीने छोटे थे 13 वर्ष की आयु में सन 1882 में मोहनदास और कस्तूरबा की शादी हुई। कस्तूरबा की मृत्यु 22 फरवरी, 1944 को पुणे महाराष्ट्र में हुई। महात्मा गांधी के चार पुत्र थे- हरिलाल, देवदास, मणिलाल और रामदास। गांधी जी द्वारा चलाए गए प्रमुख आंदोलन- चंपारण आंदोलन (1917), खेड़ा आंदोलन (1918), खिलाफत आंदोलन (1919), सहयोग आंदोलन (1920), डाण्डी मार्च- नमक सत्याग्रह (1930), सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930), भारत छोड़ो आंदोलन (1942)। स्कूल में सभी ने स्वच्छता ही सेवा पर शपथ ली। इस अवसर पर अनारकली ग्राम प्रधान, कृष्णा यादव प्रधानाध्यापक, जमीर अहमद सहायक अध्यापक, सुनीता देवी शिक्षामित्र, मीना रानी आंगनबाड़ी कार्यकत्री, गीता देवी आंगनवाड़ी सहायिका, कमलेश गीता देवी रसोईया एवं ग्रामवासी आदि।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *