रिपोर्ट -मोहम्मद आमिर

आज दिनांक 23 अक्टूबर मोहम्मदी खीरी, नगर पालिका परिषद के माध्यम से मेला श्री रामलीला मे मेले के अंतिम दिन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें देश के नामी गिरामी कवि और कवित्रियों ने अपने-अपने रचना से लोगों की खूब तालियां बटोरी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह ने फीता काटकर कार्यक्रम की शुरुआत की, अध्यक्ष संदीप महरोत्रा और कार्यक्रम के अध्यक्ष राम जी गुप्ता सभासद ने आए हुए कवियों का स्वागत किया ,कार्यक्रम का सफल सचालन बाराबकी से आऐ नीरज पाडे ने किया,कार्यक्रम की शुरुआत जबलपुर से आई मोनिका दुबे ने खूबसूरत अंदाज में वाणी वंदना कर कार्यक्रम की शुरुआत की ,वही उसके उपरांत ओज के सशक्त हस्ताक्षर पंकज पंडित ने कुछ यू कहा,कहा पूछता है जिनको सारा जहां उन शहीदों का शत-शत नमन करते हैं ऐ राजा महाराजा फकीरों का देश है शरण जिन्हें कोई नहीं देता उन्हें हम शरण देते हैं वहीं उन्होंने राजनीति पर प्रहार करते हुए कहा कुर्सी में बैठे नेता किसी भरम में न रहे कुर्सी किसी के बाप की जागीर नहीं है वही बाराबंकी से हास्य व्यंग्य के प्रमोद पंकज ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि तुमने भी पेपर देखा मैंने भी पेपर दिखा पेपर लीक हो गया रब्बा रब्बा सिस्टम फेल हो गया रब्बा रब्बा कार्यक्रम में इंदौर से अमन अक्षर ने किसानों की बात करते हुए कहा कभी व्यवहार अपना ये कभी रुखा नहीं रखती भले तन सुखता जाए मन सुखा नहीं रखती यहां दुनिया में कितने हैं जो रोटी छोनने वाले ऐ धरती मां हमें कभी भूखा नहीं रखती वहीं उन्होंने आज के नौजवानों पर व्यंग्य करते हुए कहा अलग होते हुए कोई अलग इतना नहीं दिखता मगर ऊंचाइयों से नीव का हिस्सा नहीं दिखता उन्हीं आंखों को चश्मे की कहीं ज्यादा जरूरत है जिन्हें मां बाप का टूटा हुआ चश्मा नहीं दिखता हास्य बैंक के शंभू शरण ने कुछ यूं व्यंग्य करते हुए कहा जुल्फों मे उंगलियों को फिराने नहीं देते कलियों के पास भवरे को जाने नहीं देते इतनी ही शिकायत है योगी से अपनी खुद पट न सकी तो हमको पटाने नहीं देते वही जबलपुर से आई मोनिका दुबे ने श्रृंगार रस की की गजलें और गीत सुना कर सभी को मंत्र मुक्त कर दिया उन्होंने अपने दर्द को कुछ यूं बयां किया शहर के शोर में वीरानियाँ है यहां तुम हो मगर तनहाइयां है उसी से रूठकर उसको मनाना दिलों की तो यही नादानियाँ है वहीं उन्होंने कहा कोई अनबन कोई शिकवा कोई झगड़ा नहीं होगा चलो वादा करें अब कोई गुस्सा नहीं होगा अखिलेश द्विवेदी प्रयागराज ने कुछ इस तरह एक नेता पर व्यंग्य किया सारे तिलस्म टूट गए ठाठ वाट के खूब माल कमाए थे चरण चाट चाट के बीजेपी को सांप खुद को नेवला बताऐ धोबी के कुत्ते हो गए न घर के घाट के वही गीत के सशक्त हस्ताक्षर स्वयं श्रीवास्तव ने कुछ यू दर्द अपना बयान किया पत्थर की चमक है न नगीने की चमक है पुरखों की विरासत में हमें कुछ न मिला थाजो दिख रही है खून पसीने की चमक है कार्यक्रम देर रात चलता रहा कार्यक्रम में प्रमुख रूप से पुलिस उपाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ,पूर्व अध्यक्ष दुर्गा मल्होत्रा ,रमाकांत द्विवेदी, शिवनंदन रस्तोगी, सभासद सुशील वर्मा ,राकेश कटियार ,अनुपम गुप्ता, कलामुद्दीन ,अशफाक मंसूरी,अफजाल खा, अरुण राठौर, शिवम राठौड़, संतोष देवल रूपा सक्सेना सिराज अली सहित नगर पालिका परिषद के सभी कर्मचारी मौजूद रहे,

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