महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने राज्यपाल से मुलाकात कर किया कालानमक चावल पर चर्चा

  • राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने कालानमक चावल के उत्थान का दिलाया भरोसा।

सूरज गुप्ता
सिद्धार्थनगर:सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु में सोमवार को राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने सोमवार को प्रशासनिक कार्यक्रम के बाद रेस्ट हाऊस में भारतीय प्राकृतिक कालानमक राइस प्रोड्यूसर कम्पनी के निदेशक महेन्द्र नाथ पाण्डेय से मुलाकात कर कालानमक चावल पर विस्तार से चर्चा की। महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने राज्यपाल कों बताया कि शोहरतगढ़ व नौगढ़ तहसील के सीमावर्ती क्षेत्र के किसानों की जमीनें कालानमक धान के खेती के लिए सबसे अच्छी है, क्योंकि यहां की बानगंगा, बूढ़ी राप्ती आदि नदियां नेपाल की पहाड़ों के जंगलों से होकर आती है और अपने साथ दुर्लभ जड़ी-बूटियों व मिनरल लेकर आती है, जों सीमावर्ती तालाब बजहा सागर, सेमरा सागर, महसई सागर, सेमरहिया का सिवान आदि जगहों पर एकत्रित हो किसानों के खेतों तक जाती है। इससे यहां के खेतों में सूक्ष्म पोषक तत्व विद्यमान रहता है। इस क्षेत्र का कालानमक चावल सुगन्धित व निरोगी होता है। महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने बताया कि राज्यपाल महोदया से मिलनें के लिए राजभवन से समय मांगा गया था जिसके लिए सोमवार का समय सिद्धार्थनगर में दिया गया था। राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने कहा कि कालानमक कों बढ़ावा देने का कार्य एफपीओ व सरकार मिलकर कर रहीं हैं। महेन्द्र नाथ पाण्डेय इतना बुजुर्ग हों कर प्रदेश और देश में प्रचार-प्रसार कर रहे हैं, इनका कार्य सराहनीय है। सिद्धार्थनगर के कालानमक चावल की खुशबू दुनिया में फैले इसके लिए हर सम्भव प्रयास किया जायेगा। इस दौरान सिद्धार्थ विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो कविता शाह, धीरेन्द्र पाण्डेय, संजय मिश्रा के साथ एफपीओ के सदस्य मौजूद रहें।

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