बनारस से सुभान अली की रिपोर्ट.. .अल्पसंख्यक एवं पिछड़े समुदाय (दलित मुस्लिम, ओबीसी मुस्लिम) का साझा एजेंडा।…. ….व्हिग्स के समर्थन से देश के पास दो और दिन हैं कि दादी पूंजी घाटी प्रणाली को समाप्त किए बिना भारत के मूल लोगों का विकास संभव नहीं है जिसने इसे घाटी से अवरुद्ध कर दिया है। मनु वैली युंची वैली और पूंजीवाद की जड़ें बहुत मजबूत हैं क्योंकि यह भारत की प्राचीन शोषणकारी सोच है जिसने हर युग में गरीबों और पिछड़े लोगों का बहुत शोषण किया है। आजादी के बाद भी यह विचार समाज में बढ़ता ही रहा, लेकिन इसने समाज के हर वर्ग में अपनी जड़ें मजबूत कर लीं और हर राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन में इस मानो वादी और होनी वादी विचार के धारक पिछड़ों और गरीबों से जुड़ गये और उनका शोषण करने लगे।
वंचितों को वंचित ही रहने दिया जाए, इस चिंता के वाहकों ने स्वयं को प्रतिबद्ध किया है। मनु वैली और पुंछ वैली में राजनीतिक पार्टियों के दफ्तर भी मिल जाते हैं, चाहे वो कांग्रेस हो, बीएसपी हो, राजद ह

