दिल्ली की सड़कों पर आज एक भावुक और ज़ोरदार आंदोलन देखने को मिला, जब पशु प्रेमी बेजुबान जानवरों के अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होकर सड़कों पर उतर आए। यह विरोध प्रदर्शन विशेष रूप से उन अत्याचारों और जबरन पुनर्वास के खिलाफ था, जो इन निरीह प्राणियों पर दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी के आवास के बाहर भी शांतिपूर्ण रैली आयोजित की गई, जहाँ बड़ी संख्या में नागरिकों ने जमा होकर सरकार से जवाबदेही की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जानवरों को उनकी प्राकृतिक जगहों से हटाया जाना न सिर्फ कानून के खिलाफ है, बल्कि यह उनके जीवन के अधिकार का भी घोर उल्लंघन है।
लोगों ने हाथों में तख्तियां लेकर नारे लगाए –
“बेजुबानों की चीख़ें भी गूंजेंगी!”
“जानवरों का नहीं होगा पलायन!”
“संविधान का अपमान नहीं सहेंगे!”
प्रदर्शन के दौरान यह भी मांग रखी गई कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन सुनिश्चित किया जाए, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि समुदायिक जानवरों को उनकी जगह से हटाया नहीं जा सकता। साथ ही, सभी नगर निगमों और राजनीतिक प्रतिनिधियों को चेतावनी दी गई कि अगर ये क्रूर कार्रवाइयाँ नहीं रुकीं, तो आंदोलन और व्यापक रूप लेगा।
इस जागरूकता अभियान और विरोध प्रदर्शन में शामिल प्रमुख नामों में थे –
निशा सूद, विनीता धवन, एनाक्षी कोहली, संतोष शर्मा, कुलदीप, महक सचदेवा, सिमरन कौर, एलिका, कारण, सकरुद्दीन, सुनील, विक्रम श्रीवास्तव और विष्णु शर्मा।
इन सभी ने एक स्वर में सरकार से अपील की कि बेजुबानों की पुकार को सुना जाए और उनके खिलाफ हो रहे अत्याचार पर तत्काल रोक लगाई जाए। आंदोलनकारियों ने यह भी संकल्प लिया कि जब तक जानवरों को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा।

